सोमवार, 29 अक्तूबर 2007
....विश्वास
न तुम मेरे झोंपडे को राख करो,
न मैं तुम्हारे महल बे-चिराग करूं ।
न तुम मेरे मुंह से निवाला छीनो,
न मैं तेरे बच्चों को रहन रख लूं ।
न तुम मेरे बहनों की चूडियाँ तोडो
न मैं तुम्हारे घर पे आसमाँ तोडूं ।
न तुम हम जैसों पे कहर बरपाओ
न मैं तुम्हारे सुख चैन को हराम करूं ।
न तुम सुनों मौका-परस्त की बातें
न मैं ही उसके इरादों को अंजाम करूं ।
आ गया वक्त समझ लें हम इनकी चालों को
तुम मेरा ख्याल करो, मैं तुम्हारा ख्याल करूं ।
न तुम दो साथ सियासत करने वालों का
न मैं इनकी बातों का एतबार करूं ।
तुम जीओगे और हम को भी जीने दोगे
क्या मैं अब इस बात का विश्वास करूं ।
आज का विचार
कोई कमजोर इन्सान किसी को माफ नही कर सकता
क्यूंकि माफ करना तो एक ताकतवर इन्सान का गुण है ।
स्वास्थ्य सुझाव
आधे कप लौकी के रस में आधा चम्मच अद्रक का रस मिलाकर
इसे 6 ब्राम्ही के पत्ते और बारा तुलसी के पत्तों के साथ पीने से
भूलने की बीमारी (अलझाइमर्स) में लाभ पहुँचता है ।
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11 टिप्पणियां:
हमें तो यह अलझाइमर्स की औषध जमी। शायद सामान्य भूलने के मामले में भी काम करे।
सीधे-सीधे कहें तो, रामराज हो!
ब्राह्मी का पत्ता लेने निकला हूँ.....कहाँ जाऊँ...कहाँ पाऊँ...।
अच्छी रचना है....
ब्राह्मी और तुलसी दोनों ही मेरे घर में हैं। हां, भूलने की बीमारी अभी तक नहीं आई है।
वैसे आशा जी, एक बात पर गौर करिएगा। सियासत करनेवालों की ही एक चाल यह भी है कि हम सियासत से नफरत करने लगें। क्योंकि हम नई किस्म की सियासत नहीं लाएंगे तो ये गाली खाकर भी चांदी काटते रहेंगे।
स्थाई बदलाव की मजिल सियासत के बिना नहीं हासिल की जा सकती।
आशा जी ब्राह्मी का पत्ता कहाँ मिलेगा...मुझे तो इसका पौधा ही नही मालूम...भूलने की बीमारी हमारे घर में हमारे पिताजी को है...
कविता अच्छी लगी...क्या बदलाव सम्भव है...
सुनीता(शानू)
आपकी रचना... सदविचार और स्वास्थ्य सुझाव पढ़कर बहुत अच्छा लगा. ब्राम्ही के पत्ते कहाँ से मिले..... यही समस्या है....
इस कविता ने चिंतन पर मजबूर कर दिया. बहुत अच्छा लिखा है आपने.
आशा जी
सुन्दर विचार । तो आज से मैं आपकी कविता अपने जीवन में लगाता हूँ ।
धन्यवाद
ब्राह्मी का पत्ता लेने निकला --रास्ते में ही नाम भूल गया. कल नोट करके ले जाऊँगा. किस बीमारी के लिये बताया था?? :)
रचना के अनुरुप जगह सभी का सपना है.
किसी आयुर्वेदिक औषधी के दुकान में इसका चूर्ण तो मिल ही जायेगा ।
आपका ब्लॉग तो सम्पूर्ण है ..कविता भी अच्छी .विचार भी नेक ..और सलाह तो बहुत ही रोचक :)
शुभकामना और बधाई :)
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