मंगलवार, 23 सितंबर 2014

चलते चलो रे ४ -लासवेगास-



शाम हो चली ती और हमें आगे जा कर रुकना था, ताकि हम लासवेगास के थोडे और पास पहुंच जायें।


यहां नेवाडा और कैलिफोर्निया के सीमा पर बहुत से सोलर प्लांट लगाये गये हैं जहां सूर्य की किरणों को संवर्तित कर के ताप उत्पन्न किया जाता है और इससे बडे बडे बॉयलरों में गर्म हुए पानी से बिजली का उत्पादन होता है। इस परियोजना का उद्घाटन हाल ही में (मार्च) हुआ है, ओबामा जी के वैकल्पिक ऊर्जा उत्पादन कार्यक्रम के अंतर्गत। इससे इस मरुथल में एक बडा सा सरोवर बन गया है।

तो महावी मरुथल  के इस प्रवास में हमने कोई ३५० मील का अंतर तय किया। यह मरुथल मूलतः पर्वत श्रेणियों का बना है इसीसे इसमें ३ से ४  लेवल नजर आते हैं। शाम होते होते हम पहुंचे लासवेगास। जब वेलकम टु लासवेगास का बोर्ड देखा तो बहुत अच्छा लगा। हम रुके  होटेल एक्स केलिबर में। ये भी बहुत सुंदर होचल है। इसका बाहरी आकार प्रकार डिसनी लैंड की तरह का बनाया है। बहुत बडा कसीनो भी है यहां।
हमें बताया गया कि जल्दी जल्दी तैयार हो जाओ नाइट टूर के लिये इसका अलग से टिकिट था २५ डॉलर का पर देखना तो था ही। सब से पहले हम गये होटल सीझर्स पैलेस । वहां एक ५-७ मिनिट का शो देखा सैमसन एन्ड डिलाइला। आप में से बहुतों को पता ही होगा कि डिलाइला को सैमसन बहुत प्यार करता था पर उसने इसके साथ पैसे के लिये विश्वास घात किया और सैमसन को जेल जाना पडा। पर शो जो केवल दस दस मिनिट का था सिर्फ सैमसन को आग में जलता हुआ दिखाया था। (विडियो)
फिर हम गये होटल बेलाजियो जहां पर फव्वारों का सुंदर नृत्य देखा। यहां सुंदर संगीत पर पानी को भिन्न भिन्न आकारों में नाचते देख मन प्रसन्न हो गया आप भी देखिये और लीजीये आनंद। वहां फिर  देखा एक खूबसूरत कांच का सीलिंग जिसमें बहुत से सुंदर सुंदर फूल पत्ते बने हुए थे। यह कोई २००० कांच के फूलों से बना है जो गर्म कांच को ब्लो कर के बनाये गये हैं इनका कलाकार  वॉशिंगटन स्टेट से था। वहीं हमने एक नकली बागीचा और उसमें नकली जानवर देखे।  अपने आकार प्रकार से बडे फूल पत्ते और घोंगे भी। ( वि़डियो)  इस ट्रिप में हमारे साथ हिन्दुस्तानी कपल्स तो थे ही पर एक अकेली जर्मन महिला थी। उससे थोडी सी दोस्ती हो गई थी । उसका मत था कि यह सब बहुत ही नकली और भौंडा लगता है। 
फिर हमने रास्ते में एक ज्वालामुखी का प्रदर्शन देखा। बहुत से लोगों नें डान्स का शो देखा इसका नाम था जुबिली। कुछ लोगों नें कुंग फू पान्डा का लाइव शो देखा । कुंग-फू पांडा मूवी तो मैने अपने पोती के साथ ३-४ बार देखी हुई थी, और जुबिली शो के टिकिट थे ७५ डॉलर प्रति व्यक्ति तो सोचा छोडो। फिर बस ने हमें घुमा कर भिन्न भिन्न होटल बाहर से दिखाये। जिसमें न्यूयॉर्क न्यूयॉर्क, होटेल लक्जर, एम जी एम ग्रेंड होटेल, होटेल रिनेसां, बेलेसिया, हॉलीवुड और  फ्लेमिंगो जिसे उसके मालिक ने अपनी प्रेमिका के नाम से बनाय उसका असली नाम तो वर्जीनिया था पर फ्लेमिंगो उसका स्टेज का नाम था। (विडियो)। ये शोज वेनेशिया होटल में थे। यहीं पर हमने देखा कृत्रिम आसमान। एक नहर में बहुत सुंदर सुंदर नौकाएं तैर रही थीं और कुछ लोग बोटिंग कर रहे थे। हम बडी देर तक वहां खडे रहे फिर एक जगह गाने का कार्यक्रम चल रहा ता एक लडकी फ्लूटनुमा वाद्य बजा रही थी, कुछ लोग नाच रहे थे थोडी देर बैंठ कर हमने भी मज़ा लिया। फिर थोडा घूम कर दूकानें देखीं जो अपने आप में देखने वाली चीज थीं। 
हर होटल का महत्वपूर्ण भाग है यहां पर कसीनो। इन होटलों में रहने खाने के दाम इतने ज्यादा नही होते पर एक बार जुए में फंस गये तो पैसे खो कर ही बाहर आते हैं।


शो देखने वालों का शो खत्म हुआ और हम अपने होटल वापिस आये।खाना खाया और सो गये। कल हमें जाना था ग्रेंड केनियन्स। हमेशा की तरह सूझन का आदेश था कि हमें साडे छै बजे चल देना है तो सब लोग ठीक समय से आ जायें । हमारा सफर छै घंटे जाना और छै घंटे आना होगा और २ से तीन घंटे हम वहां बितायेंगे, देर शाम
वापिस हम इसी होटल आयेंगे और परसों सुबह हमारी वापसी का सफर शुरु होगा।

(क्रमशः)

शुक्रवार, 12 सितंबर 2014

चलते चलो रे-3 योसेमिटी नेशनल पार्क


आज जुलै की सात तारीख, आज हमें निकलना था अपने टूर पर। इस टूर पर हम दोनो ही जा रहे थे क्यूं कि अर्चना वहिनी और मकरंद वगैरह पहले ही देख चुके थे ये सब। हमारी टूर एक चीनी कंपनी के द्वारा संचालित थी।
केलिफोर्निया में चीनी लोग बहुत हैं और भारतीय भी पर चीनी ज्यादा हैं क्यूं कि ये लोग 1930 के दशक से आने शुरु हो गये थे, रेल रोड के मजदूरों के रूप में, पर अब ये सारे काफी पढे लिखे और पैसे वाले लोग हैं। तो हमें सात तारीख को सुबह पौने नौ बजे मरीना सुपर मार्केट क्यूपरटिनो पहुंचना था जहां से हमारी बस हमें ले कर वाया सैन फ्रान्सिस्को सब टुरिस्टों को इकठ्ठा करते हुए योसेमिटी जाने वाली थी। हम थोडे जल्दी ही पहुंच गये ताकि मिस ना हो। कोई पद्रह मिनिट इंतजार करने के बाद हमें एक छोटी वैन आती दिखी. मकरंद हमें छोडने आया था उसी ने पता किया कि यही वैन हमें और चार और लोगों को ले कर आगे सैन फ्रान्सिस्को जायेगी और वहां से हमें बडी बस मिलेगी। मकरंद को चूंकि ऑफिस जाना था हमने उससे विदा ली। हमारे चार साथी यानि दो बच्चे और दो महिलायें आ गईं । ये दोनो मां बेटी थीं और बच्चे बेटी के थे। फिर हम चल पडे सैन फ्रान्सिस्को की ओर। रास्ते में खाफी लोग आते गये और बस पूरी भर गई। हमारे साथ 4-5 हिंदुस्तानी जोडे भी थे तो सही रहा, वरना ज्यादा तर तो चीनी ही थे। हमारे साथ वाले सीट पर एक नया जोडा बैठता था। ये दोनों थे तो मुंबई से पर गोआनीज ते। नय़ी नयी शादी होने के बावजूद भी बहुत मिलन सार और मदद करने वाले।

सारे लोगों के आते ही हमारी गाइड ने अपना परिचय दिया और हमारे सामान्य ज्ञान की परीक्षा लेनी शुरु कर दी।
केलिफोर्निया का दूसरा नाम क्या है, नेवाडा को और क्या कहते हैं, गोल्डरश का नाम सुना है क्या, योसेमिटी क्या है, वगैरा वगैरा।
परीक्षा में तो बहुत कम लोग सफल रहे  पर अंततः हमारे सामान्य ज्ञान में वृध्दी ही हुई। गाइड का नाम था सूझन। 



कैलिफोर्निया को गोल्डन स्टेट के नाम से जाना जाता है। क्यूं कि सोना यहीं पाया गया और कैलिफोर्निया गोल्ड रश .तो प्रसिध्द ही है।  केलिफोर्निया में सोना पाने का समय है 1848-1855, जब पहली बार सोना जेम्स मार्शल के स्टटर मिल (कोलामा) में पाया गया। इसके बाद तो यहां लोगों का तांता लग गया ये लोग मध्य अमेरिका, पूर्वी तट तथा मैक्सिको एशिया और लेटिन अमेरिकी देशों से भी आये। 

इसके बाद तो सैन फ्रंन्सिस्को जो 200 लोगों की छोटी सी बस्ती थी एकदम से 5-7 सालों में 25000 लोगों वाले एक शहर में बदल गया। केलिफोरनिया उत्तरी अमेरिका का हिस्सा बन गया (इससे पहले य मैक्सिको का हिस्सा होता था) और उसको प्रांत (स्टेट) का दर्जा भी हासिल हुआ। अनाज और फलों का उत्पादन जोरों से शुरु हुआ। अमेरिका का दो तिहाई अनाज यहीं पर होता हे। और सूखा मेवा जैसे बादाम, अंजीर और किशमिश भी। बिजली उत्पादन के लिये विंड मिल्स का भी यहां खूब प्रयोग होता है (विडियो) । 

सेंट्रल वैली यहां की ग्रेनरी कहलाती है यह ग्लेशियर के कारण बनी है।
यहां पैसिफिक पर्वत श्रृंखला तटीय है तथा सियेरा नेवाडा पूर्वी पर्वत श्रृंखला है, विटनी पर्वत  यहां का सबसे ऊंचा शिखर है। ये तो हुई पूरे केलिफोर्निया स्टेट की बात। फोटो picture/centralvalbing)



हम जा रहे थे योसेमिटी वैली जो कि सेंट्रल सियेरा पहाडों का हिस्सा है और ग्लेशियर के कारण बनी है। यह 8 मील लंबी तथा एक मील गहरी है चारों तरफ से ग्रेनाइट के पहाडों से घिरी है। हाफ डोम या अर्ध-गुंबद यहां का प्रसिध्द लैन्डमार्क है। (photo 0308)



 यहां लोग ट्रेकिंग करते हैं। हम 13-14 साल पहले यहां आये थे तो ये अर्धगुंबद देखा था। ये वैली (घाटी) प्रसिध्द है सेक्वाया (रेडवुड) जायंट सेक्वाया और डगलस फर के जंगलों के लिये (img 0321)



और सुंदर प्रपात, और ग्रेनाइट के अद्भुत पहाडों के लिये ( Photo img 0320)





गोल्ड रश के दौरान बहुत से योरोपीय और पूर्वी तट के अमेरिकी यहां के संसाधनों में अपना हिस्सा बांटने के लिये तथा कब्जा करने के लिये आये तो यहां के मूल निवासियों के साथ उनकी लडाइयाँ हुईं। जब ये मूल निवासी इन गोरे लोगों को देखते तो अपने लोगों को योसेमिटीS योसेमिटीS कह कर चेतावनी देते योसेमिटी माने खतरा। तो गलती से लोगों ने इस जगह का नाम ही योसेमिटी ऱख दिया। जॉन मिलर नामक व्यक्ति ने योसेमिटी नेशनल पार्क बना कर इस सुंदर जगह को सुरक्षित किया। आक्रामकों ने सोने के लिये तथा अन्य खनिजों और जमीनों पर कब्जा जमाने के लिये यहां के मूल निवासियों को लगभग खत्म ही कर दिया गया।

हमारी बस योसेमिटी पार्क पहुंची कोई दो बजे हमें योसेमिटी फॉल्स देख कर आने के लिये पंद्रह मिनिट दिये गये। हमें फिकर थी कि हम देख कर समय से लौट पायेंगे या नही पर हो गया प्रपात में बहुत पानी नही था और दूर से ही देख पाये फोटो नही खींच सकें शायद विडियो में हो। एक और प्रपात है ब्राइटल फॉल्स इसके के बारे में कहते हैं कि यहां की बौछार यदि आप पर गिरे तो जल्दी ही आपकी शादी हो जाती है। वहां से फिर हम थोड ऊपर गये और देखे सांस रुक जायें ऐसे दृष्य।  ज्यादातर पर्यटक  जो इस नेशनल पार्क में आते हैं इसी स्थान पर पहुंचते हैं। टनेल व्यू कहते हैं इस जगह से दिखने वाली घाटी के दृष्य को। यहां से एल केपिटन, सेन्टिनेल डोम और हाफ डोम यानि अर्द गुम्बद देखे जा सकते हैं जो घाटी के तले से 3000 से 5000 फीट ऊंचे हैं। खूब चित्र खींचे। आप भी देखें।









और देखें विडियो। 

विभिन्न आकारों और नामों वाले ग्रेनाइट के पहाड, इसका एक नक्षा भी है और मॉडल भी उनके भी चित्र हैं। हो सकता है इन पहाडों को आप नाम से पहचान लें। काफी समय यहां बिताया फोटो और विडियो लिये। पहले जब हम यहाँ आये थे तो मेरी एक भतीजी को मैने कहा था ये कैसा नाम है योसेमिटी तो वो हंस कर बोली काकू, आप तो यशोमती मैया को याद रखिये योसेमिटी अपने आप याद रहेगा।



शाम हो चली थी और हमें आगे जा कर रुकना था, ताकि हम लास-वेगास के थोडे और पास पहुंच जायें।

(क्रमशः)

बुधवार, 3 सितंबर 2014

चलते चलो रे 2- रेडवुड फॉरेस्ट







हमारी उडान दोपहर साढेचार बजे की थी। कुसुमताई और अरुणराव हमें छोडने आये एयरपोर्टा।  उडान लेट हो गई तो हम एक घंटा देरी से पहुंचे सेन फ्रान्सिसको। मकरंद हमे घर लिवा ले गया। अलका (मकरंद की पत्नी) तो भारत से कल आनेवाली थी पर वहिनी आई हुई (भाभी) थीं तो खाना वाना तैयार मिला। दूसरे दिन शाम को अलका भी आ गई बच्चों के साथ। मकरंद के दो बच्चे हैं अंशुल बडा है १५ वर्ष का और अनुभा छोटी है १२ वर्ष की। दोनो अपने ममेरे भाई की जनेऊ में जा कर आये थे तो काफी खुश थे दादी को और बाबा को सब कुछ बताने की बडी जल्दी थी उनको। दो दिन के आराम के बाद हमने रेडवुड फॉरेस्ट देखने की सोची। यह अमेरिका के वेस्ट कोस्ट की खासीयत है और सिर्फ यहीं केलिफोर्निया में पाये जाते हैं। मकरंद के घर में एक नीबू का और एक संतरे का पेड हे उसमें खूब संतरे और नीबू लगे हुए थे। संतरे बडे मीठे थे।
तो पांच जुलै को जल्दी से तैयार हो कर सुबह नौ बजे हम लोग निकले बिग बेसिन रेडवुड फॉरेस्ट के लिये।  हम दोनो मकरंद अर्चना भाभी और अनुभा। सैनहोजे से यह जगह कोई 35 मील दूर है। पहुंचने में करीब सवा घंटा लगा क्यूं कि  आखरी के आठ मील रास्ता चढाई का और घुमावदार है बिलकुल सर्पिल। खूब सारे अंधेमोड भी। दोनों तरफ रेडवुड (SEQUOIA) ऊँचे वृक्ष।  इनकी छाल कटने पर अंदर से लाल दिखाई देती है इसीसे रेडवुड पर समय के साथ कत्थई पड जाती है। हम जब उस जगह पहुँचे तब वहाँ ऑफिस में  टूर के समय के बारे में पता किया। एक टूर 11 बजे शुरु होने वाली थी जो एक खास लूप में घुमाती थी इसमें बहुत पुराने (2000 वर्ष) वृक्ष भी थे। इनको मदर और फादर ऑफ द फॉरेस्ट कहते हैं। वैसे सबसे ज्यादा आयु वाले वृक्ष का रेकॉर्ड 3000 वर्षों का है।
बताइये हमारी  कितनी पीढियां तब तक गुजर गई होंगी। (विडियो ) Clip14444o83Part357to1320

हमारे पास थोडा वक्त था तो हमने वहां के म्यूजियम का एक चक्कर लगाया और वहां के पेडों की पशु पक्षियों की थोडी जानकारी ली।
ग्यारा बजने में पांच मिनिट कम पर हमारी गाइड, इनका नाम था एलिस लू, आ गईं। बहुत ही स्मार्ट और चुस्त दुरुस्त ये गाइड अपने हाव भावों से जंगल का पूरा ब्योरा ऐसे देती जैसे सारी घटनायें उनके सामने घटीं हों। जाते ही उसने पूछा, छोटी पर महत्वपूर्ण पेडों वाली ट्रेल लेनी है या बडी और ट्रेकिंग वाली। (विडियो )
Clip14444o83Part21550to2650

जाहिर है कि हम लोग जो पहले ही अपनी ट्रेल चुन चुके ते उसके मन मुताबिक ही उत्तर देते, जो दिया। तो चलिये कह कर वह आगे आगे और हम सब उसके पीछे पीछे। चीनी नस्ल के हिसाब से काफी लंबी थी लडकी। उसने बताया कि ये रेडवुड यानि SEQUOIA वृक्ष दुनिया के सबसे ऊँचे वृक्ष हैं और सिर्फ केलिफोर्निया के समुद्र किनारे ही पाये जाते हैं। सबसे ऊँचे वृक्ष का रेकॉर्ड 387.4 फीट का है,  जब कि इनकी सामान्य ऊँचाई 350 से 370 फीट की मानी जाती है। (photo)


(विडियो )
Clip14444o83Part32650to3419

इन्हें ऊपर तक देखने मे टोपी तो क्या सिर भी गिरने की नौबत आ जाती है, दूखने जो लगता हैं। इन पेडों के तने का घेर  काफी मोटा होता है करीब 25 से 30 फीट (photo)


पर इतने बडे और ऊँचे वृक्ष की जडें जमीन के अंदर केवल पांच या छह फीट ही नीचे तक जाती हैं पर ये जडें आपस में दूसरे पेडों के जडों से गुंथी होती हैं और यही होता है इनके मजबूती से खडे रह पाने का कारण। इन सदा बहार पेडों का आकार क्रिसमस ट्री की तरह ही कोनिकल होता है । इसकी पत्तियां नीचे से चौडी और ऊपर से पतली होती हैं। इतने बडे और ऊंचे वृक्ष के कोन, जिनमें बीज होते हैं, बहुत ही छोटे होते हैं केवल एक डेढ इंच के जिनमें कुल 7-8 बीज होते हैं। बीजों से पेड बनने के मौके केवल 15 प्रतिशत हैं। 

ये अनोखे पेड अपनी जीजीविषा के लिये प्रसिध्द हैं। इन्हें कीडा नही लगता। और आग भी इनका ज्यादा कुछ बिगाड नही पाती। कितने ही पे़ड हमने देखे जो कहीं कहीं से आग से काले तो हो गये थे लेकिन फिर भी ऊपर से हरे भरे और जीवित थे।  बाढ के बाद भी ये अपने को फिर से स्थापित कर लेते हैं। हैं। इन पेडों के तने का घेर  काफी मोटा होता है करीब 25 से 30 फीट पर इतने बडे और ऊँचे वृक्ष की जडें जमीन के अंदर केवल पांच या छह फीट ही नीचे तक जाती हैं पर ये जडें आपस में दूसरे पेडों के जडों से गुंथी होती हैं।

अपनी प्रजाती को बचाने का एक अनोखा तरीका यह कि इन पेडों में बाहर से ट्यूमर की तरह दिखने वाले उभरे हुए गोले से लगे होते हैं ( Lignotuber)। संकट के समय चाहे वह तूफान हो आग हो या बाढ ये ट्यूमर फूट जाते हैं और इनमें से छोटे छोटे पेड (seedlings)  निकल कर दूर तक फैल जाते हैं और वहां नये पेड के रूप में स्थापित हो जाते हैं, इस तर अपनी प्रजाति को सुरक्षित रखते हैं photo )


कई बार तूफान में पेडों का शीर्ष तना टूट जाता है या वे इको टूटने देते हैं ताकि बाकी पेड बच जाये और फिर से नये पत्ते नई शाखायें उगा लेते हैं। हमारी गाइड ने इसका वर्णन साभिनय कर के बताया। उसने कहा जैसे ही जोर का तूफान आया इस जंगल के मदर यानि अम्मा पेड ने कहा ठीक है ठीक है तूफान, तुम कुछ तो लेकर ही जाओगे, तो मेरा सिर ले जाओ और कैसे वह अपने पैर जमा कर खडी रही और अपने को उखडने से बचाया। यहां पर कहावत उलटनी होगी- कहना होगा कि पैर सलामत तो शाखायें पचास।
एक और खास बात इन पेडों की ये कि ये हमेशा एक गोल आकार में उगते हैं।  ये इसलिये कि जब इनके बीजों वाले ट्यूमर फूटते हैं तो मुख्य वृक्ष के चारों और फैल जाते हैं और वहीं उगते हैं। इस घेरे में करीब 30-35 पेड एक साथ होते हैं। आप जान ही गये होंगे कि इनकी जडें आपस में गुथीं होती हैं । (photo)


(विडियो )
Clip14924o1569Part1000to1120
और एक तरीका अपनी प्रजाति को बचाने का ये कि यह कहीं से भी उगना शुरु हो जाते हैं । कटे तने से, गिरे हुए पेड के तने से नई पत्तियाँ फूट कर नया पेड चालू हो जाता है। ऐसे ही नही मिलती हजारों वर्षों की जिंदगी।

एक दो विशेष पेड हमारी लू मैडम ने दिखाये जिनमें एक में तो तने के दोनो तरफ सीधी लाइन मे छेद थे तो आर पार देखा जै सकता था।  (photo)



और एक पूरा का पूरा पेड खोखला और ऊपर से कटा ।  नीचे से एक दरवाजेनुमा जगह भी थी  जिसमें से ऊपर देखो तो आसमान नज़र आता था।
इस पार्क में कोई 130 कि.मी. की ट्रेल्स हैं। बहुत से जल प्रपात भी हैं पर हमारी ट्रेल छोटी थी। इस जंगल में हिरण, रेकून, जंगली बिल्ली, आदि प्राणी तथा ब्लू जे का चचेरा भाई स्टेलर जे, एकॉर्न वु़डपेकर इग्रेटस् तथा मार्बल मरलेट्स नामक दुर्लभ और एनडेंजर्ड पक्षी भी पाये जाते हैं।
मारबल्ड मरलेटस ये छोटे आकृति के समुद्री पक्षी होते हैं जो  उत्तरी प्रशांत महासागर में पाये जाते हैं और ये कैलिफोरनिया के किनारे के पुराने जंगलों में खास तौर पर रेडवुड के जंगलो में प्रजनन के लिये आते हैं। अपना घरौंदा बनाने के बजाय ये समुद्रीपक्षी करीब 50 मील अंदर जमीन पर आकर  अपना इकलौता  अंडा जंगल के छतरी नुमा पुराने हिस्से में देते हैं। पर अब जंगल कटाई के कारण पुराने हिस्से कम होते जा रहे हैं और ये पक्षी भी। मौसम का बदलाव और खनिज तेल का समुद्र में गिरना भी इनकी संख्या में कमी आने का एक कारण है तथा मछुआरों की बढते कार्य कलाप भी। जैसे ही अंडे से बच्चा बाहर निकलता है माता या पिता समंदर से करीब 30 मील सफर कर के उनके लिये मछली लाते हैं। हमें हमारे गाइड ने इस पक्षी का एक चित्र भी दिया (फोटो)। 



इस रेडवुड के जंगल में रेड वुड तो बहुतायात में हैं ही पर इसके अलावा कोस्टल डगलास फिर जो कि रेडवुड की तरह ही पर थोडे कम ऊंचे वृक्ष होते हैं करीब 300 फीट, टनओक  बिग लीफ मेपल भी यहां पाये जाते हैं । ये तो हुई ऊँचे वृक्षों की बात पर हकल बेरी ,ब्लेक बेरी ,सामन बेरी आदी झाडियां भी खूब होती हैं। रोडोडेन्ड्रॉ और अझेलिया जैसे फूलों की झाडियां भी। हमारे इस सफर में हमारे गाइड ने हमें बहुत से पुराने वृक्ष तथा नीचे  गिरे हुए तने भी दिखाये।  रेडवुड की लकडी मारती लकडी कहलाती है तथा सका फर्नीचर भी बहुत अच्छा माना जाता है ।
हमारी गाइड ने फिर वापिस उसी ट्रेल से लाकर हमें हमारे शुरुआती स्थान पर पहुंचा दिया। इस टूर से बहुत सी जानकारी तो मिली ही पर एक और फायदा तो ये हुआ कि इन पेडों से जान-पहचान अच्छे से हो गई। अर्चना भाभी और मै कैलिफोर्निया में जहां भी घूमने जाते जाते रेडवुड के पेड तुरंत पहचान लेते। सात तारीख को हमें जाना था हमारे योसोमिटी, लास-वेगास तथा ग्रेंड केनियन टूर पर । तो दो दिन बीच में थे तो हम सैन होजे के मंदिर घूम आये,  सांई मंदिर, जैन मंदिर, स्वामी नारायण मंदिर और शिव मंदिर।


(क्रमशः)