शनिवार, 29 मार्च 2008

सपनों को तो मेरे...

मैने भी तो चाहा था बॅग ले के स्कूल जाना
अम्मा ने कह दिया था मुन्ने को है सुलाना

मेरी भी तो ललक थी हो मेरी भी सहेली
खेलूं मैं उसके संग संग बूझूँ कोई पहेली
पर रोटी सेंकने की बारी थी अब तो मेरी
उसके भी पहले था मुझे, इस चूल्हे को जलाना


मेरी भी तो चाहत थी पढूँ मै भी, उनके जैसी
पहनूं वो स्कूल की ड्रेस, कविता सुनाऊँ वैसी
इन कापी किताबों में फेकें क्यूं बापू पैसा
लडकी को तो वैसे भी ससुराल को है जाना


मैं भी तो चाहती हूँ मैं भी बनू कलक्टर
या फिर बनू मै टीचर या कोई लेडी डॉक्टर
झाडू है घर में देना, पानी है भर के लाना
सपनों को तो मेरे फिर मन में ही है रह जाना

आज का विचार
मातृभाषा का अनादर माँ के अनादर समान है
जो मातृभाषा का अनादर करे वह देश-भक्त नही हो सकता ।

स्वास्थ्य सुझाव

पालक, खरबूजा, पपीता, गाजर, कद्दू और शकर कंद को
अपने भोजन में अवश्य शामिल कीजीये । ये आपको
केंसर जैसे बीमारियों से बचाके रखेंगी ।

शुक्रवार, 21 मार्च 2008

...गिरगिटिया रंग में रंगा मेरा ब्लॉग..

आप लोग सोच रहे होंगे क्या हो गया है आशा (जी) को होली के रंगो ने इन्हे जैसे
बौरा दिया है । एक तो होली के इतने दिन पहले से ही रंगों से खेल रहीं हैं, अब तो हमें बख्शतीं पर नहीं इनके रंग हमारा पीछा नही छोड रहे । और अब ये गिरगिटिया
रंग ¡ हे भगवान ¡ माझ्या देवा ¡ Oh my God ¡



न न न ब्लॉग छोडने से पहले मेरी पूरी बात तो सुन लीजीये । मै यह कहना चाहती हूँ कि अभी जो यह मेरा ब्लॉग आप सिर्फ हिंदी के लाल रंग में देख सकते हैं सिर्फ एक चटख से आप इसे इंद्र-धनुषी रंगों में पढ सकते हैं । यानि कि अब मेरा लिखा
मेरे बंगला भाषी, गुजराती भाषी, तामिल भाषी, ओरिया भाषी और जाने कितने कितने
भाषी दोस्त अपनी अपनी लिपी में इसे आराम से पढ सकते हैं । है कि नही अच्छी
और मजेदार बात ।
करना आपको बस इतना सा है कि आपको भी तो एग्रीगेटर की मेल आई होगी तो आप भी उनके सरल आदेशों का पालन कर अपना ब्लॉग खूबसूरत और रंगीन बना सकते हैं ।
काश ये गिरगिट भाषांतर भी कर सकता ¡ बहर हाल होली मुबारक ¡

मंगलवार, 18 मार्च 2008

....होली है...२

सोनिया राधा लाल है
मनमोहन जी पीले
बायें सूखे हैं खडे
राजद खडे हैं गीले

एन.डी.ए. हो गये हरे
ईर्षा के रंग में
अधिकारी सब मस्त हैं
पॉवर के भंग में

सेना मनसे चाहती
दुष्मन को रुलाना
बसपा का सपना है
विरोधी को सुलाना

सपा तो हो गयी भैया
अब खिसियानी बिल्ली
बुरा न मानो होली है
ऐसे ही मनाती है दिल्ली

आज का विचार

हमारा आज का व्यक्तित्व एक वृक्ष के समान है
जो कल एक बीज था । हमारे आचरण से ही हम
आज के बीजों यानि बच्चों बच्चों को प्रभावित करते हैं।

स्वास्थ्य सुझाव

खाने के बाद एक छोटी इलायची चबा चबा कर खायें
इससे आपके गुर्दे की पथरी को तोडने में मदद मिलेगी

शुक्रवार, 14 मार्च 2008

होली है........

थोडी सी मस्ती थोडी शरारत
थोडीसी सर्दी थोडी हरारत
झूटी लडाई, सच्ची सी चाहत
लेकर के आई है होली..

थोडा सा रंग ज्यादा सा पानी
थोडासा लाल और थोडासा धानी
थोडे से शाम थोडी राधा रानी
लेकर के आई है होली..

थोडे गुलाबी थोडेसे लाल
बादल अबीरी और गुलाल
दिल में न रखना कोई मलाल
कहती है आकर के होली..

थोडा मृदंग और थोडीसी ढोलक
थोडीसी थिरकन थोडीसी पुलक
थोडी सी मचलन थोडीसी झिझ़क
दिल में जगाती है होली..

प्यारे से बोल और मीठा सा राग
थोडीसी प्रीत थोडा अनुराग
जी भर के खेलो री गोरी आज फाग
फिर फिर ना आये ये होली ..


आज का विचार
निराशावाद आसुरी शक्ती है और आशावाद दैवी
आशावादी बने रहिये ।

स्वास्थ्य सुझाव
कोकम शरबत सुबह पीने से आप दिनभर चुस्त
दुरुस्त बने रहेंगे ।

बुधवार, 5 मार्च 2008

आप की शख्सियत पे

रात जब बात आपकी थी चली
दिल की जैसे चटख गई थी कली
सबने जब तारीफों के पुल बांधे
मै ही तकता रहा था सूनी गली

किसीने कहा जूही सी नाजुक
किसीने कहा, नही, गुलाब कली
आपके गेसूओं के क्या कहने
स्याह से बादलों की हो टोली
दूधिया रंग चांदनी सा है
बातें जैसे कि मिश्री की हो डली
और नाजुक मिजाज है इतना
झट से भर आये आँख की प्याली
आप की शख्सियत पे मै कुरबान
कैसे कह दूँ कि आप मेरी वली

आज का विचार
हमारे जीवन में जो भी अनुभव आते हैं अच्छे
या बुरे उन्हे हम केवल अनुभव के तौर पर लें
किसी को भी दोष न दें, ईश्वर को भी नही ।

स्वास्थ्य सुझाव
अंजीर को अपने खान पान में शामिल कीजीये
ये रक्त प्रवाह को सुधारते हैं तथा रक्त की गुणवत्ता को भी ।