रविवार, 26 अक्तूबर 2008

दीवाली


देखो धरती आज ले रही होड गगन से
जगमग जगमग लाख दिये लगते उडुगण से
त्याग मलिनता, लोग सजधज के आ रहे हैं
घर आँगन चमकते, दीप जगमगा रहें है ।

पकवानों के थाल, और फल फूल नारियल
पर इन सब में खील, बताशे ही हैं अव्वल
लक्ष्मी जी के नमन और पूजन के हेतु
गृहिणी, बालक सब सामग्री सजा रहे हैं ।

कब पूजा हो और फूलझडियाँ कब छूटें
खाने को कुछ मिले तो फिर पटाखे फूटें
बच्चे मनमे सोच सोच छटपटा रहे हैं
अभिभावक उनको आँखों से मना रहे हैं ।

पूजा कर लें फिर छुटाना खूब पटाखे
प्रसाद लेना और थोडा कुछ खा पी कर के
फिर हम सब भी तो होंगे साथ तुम्हारे
खुशियाँ ओर आनंद मनायेंगे मिल सारे ।

मेल जोल और हँसी खुशी की किरणें लाती
चेहरे पर उत्साह औ मनमें उमंग लाती
सब त्यौहारों की ये रानी बडी निराली
आती है हर वर्ष लक्ष्मी के साथ दिवाली ।

आज का विचार
मेरे अंदर ऊर्जा का प्रचंड स्त्रोत है और सामने असीम संभावनाएँ
और चारों और हजारों मौके, मुझे केवल इसे सार्थक बनाना है ।

स्वास्थ्य सुझाव
हिचकी रोकने के लिये नीबू की फाँक को चूसें ।

बुधवार, 22 अक्तूबर 2008

चाँद के पार चलो

आज इस गाने की बहुत याद आ रही है
चलो दिलदार चलो
चाँद के पार चलो
हम है तैयार चलो हो ओ ओ ओ
सच में ३०-३५ साल पुराना ये गाना आज सच होने जा रहा है । कोई दिलदार तो अभी नही जा सकता उसमे, पर तैयारी तो है ही । बधाई सबको चंद्रयान के सफल उडान की ।

गुरुवार, 16 अक्तूबर 2008

शरद की दूधिया चांदनी



शरद की दूधिया चांदनी
और उसमें नहाये से तुम
नीम की फुनगी पे चांद
और मेरे कितने पास तुम
दिल में जज्बातों की हलचल
बिलकुल अनजान उससे तुम
मेरी आँखों का सुख चैन
और सुकून भी दिल का तुम
कहूँ आज कैसे ये तुम से
कि दिल का अरमान भी तुम
तुम ही समझ लेना इसको
अब ये दिल जाने या तुम

आज का विचार
चाँद की असलीयत जान कर भी वह उतना ही खूबसूरत लगता है
जितना पहले लगता था ।

स्वास्थ्य सुझाव
शरद पूर्णिमा को चांद की रोशनी में दूध या खीर ठंडी कर के पीना
स्वास्थ्य वर्धक है । दूध को औटा कर या खीर बना कर बाहर छत पर
या बालकनी में चांद निकलने के बाद रख दें ताकि चांद की किरणें
पतीली के अंदर पडें, ३-४ घंटे कमसे कम उसे रख कर चांदनी में
ही ठंडा करें फिर आधी रात को पीयें । इसके साथ गाने की महफिल
भी जमाई जा सकती है । हमारे घर में यह किया जाता था तो मैं
भी करती हूँ । और वाकई दूध का स्वाद बढ जाता है ।

गुरुवार, 9 अक्तूबर 2008

दशहरा

कोई भी केवल राम नही
है सिर्फ न कोई रावण
दोनों ही हैं अपने अंदर
दोनो ही अपने तन मन

आज दशहरे के अवसर पर
और रोज ही इसके आगे
भीतर का रावण जीतें हम
चाहे वह कितना ही भागे

तभी मना पायेंगे हम
सही माने में दशहरा
और बाधेंगे अपने सिर पर
राम के जीत का सेहरा

आज का विचार
अच्छी खबर ये है कि बुरी खबर अच्छी में बदली जा सकती है ।

स्वास्थ.सुझाव

वृक्क (किडनी) की पथरी तोडने के लिये चार भिंडी काट कर एक ग्लास पानी में डाल कर रात भर
छोड दें. दूसरे दिन सुबह भिडी को उसी पानी में मसल लें और पानी छान कर खाली पेट पी लें। ऐसा १०-१५ दिन करें पथरी टूट कर निकल जायेगी ।

शुक्रवार, 3 अक्तूबर 2008

जिंदगी



ये रास्तों पे खून है और चुप खडे हैं हम
संवेदनाएँ शायद सभी खो चुके हैं हम ।

जब कोई गिरता है यहाँ टकरा के कार से
अन देखा उसको करके आगे चले हैं हम ।

वो छेड रहे गुंडे कई, मासूम बहन को
मेरी बहन तो है नही, समझा रहे हैं हम ।

जंजीर उसकी छीन कर गया भाग वो कोई
अपनी ही जान बच जाये ये सोचते हैं हम

मौत तो आनी है सब को औ आनी है एक बार
फिर क्यूं नही इस जिंदगी को जी रहे हैं हम ।

आज का विचार
भय का अभाव धैर्य नही है। धैर्य है इस भय को मात देकर अपनी मंजिल पाने की पूरी कोशिश करना ।

स्वास्थ्य सुझाव
मूंग को अपने खानपान का आवश्यक हिस्सा बनाइये इसमें रक्त की गुणवत्ता बढाने
की क्षमता होती है ।