शुक्रवार, 26 नवंबर 2010

प्याज



आम आदमी के लिये ये देश
एक प्याज है ।
परत दर परत एक स्कैम आदर्श सोसायटी
उसे हटाओ तो एक और स्कैम सी डब्लू जी
उसके नीचे एक और स्कैम 2 जी
उसके भी नीचे एक और एल आय सी
परतें छीलते जाओ स्कैम पाते जाओ
शेष कुछ ना बचेगा
बचने के लिये कुछ छोडेंगे तब ना ।

गुरुवार, 18 नवंबर 2010

दास्ताने इश्क



जब जब जहां में जिंदगी के काफिले चलते रहे
दास्ताने इश्क के भी सिलसिले चलते रहे ।
मुस्कुरा कर हमको देखा उसने तो बस इक नजर,
दिल में उमंगों के खुशी के बुलबुले चलते रहे ।
हमने थामा हाथ उनका, खामोशी थी दरमियां
धीरे से जो हां कहा तो, मनचले जलते रहे ।
दोस्तों की महफिलों का बैठा मै सरताज बन,
उनके मेरे नाम संग संग यूं मिले मिलते रहे ।
आदमी-ए-आम का भी इश्क से है वास्ता
चाहे रोटी को तलाशे, चल पडे, चलते रहे ।
इश्क करना है तो यारों, कर लें इस धरती से हम
इसके अपने इश्क बाद-ए-मौत भी पलते रहे ।
अपनी ताकत को न हम पहचाने तो किस का कसूर,
हुक्मरानों के बनाये फासले चलते रहे ।
आदमी हैं, और कुछ बनने की कोशिश क्यूं  करें,
आदमीयत ही निभायें, सिलसिले चलते रहें ।




बुधवार, 3 नवंबर 2010

स्नेह के दीप



स्नेह के दीप जलाओ रे
लौटेंगे राम हमारे ।
कुछ प्रेम पगे फल लाओ रे
आयेंगे राम हमारे ।।
उसने नही बनाया हमको
हिंदु, मुस्लिम, सिख, इसाई
भेजा प्रेममयी धरती पर
प्रीत की रीत सिखाई
फिर क्यूं तलवार चलाओ रे
कैसे लौटें राम हमारे ।। स्नेह के...
झगडे से किसका भला हुआ ?
यह मुआ तो वह भी गया
खून बहा जो भी धरती पर
इन्सानों का ही बहा
जीवन का राग सुनाओ रे
तब लौटें राम हमारे ।। स्नेह के...
छोडेंगे विरासत में हम क्या
उजडी धरती टूटा रिश्ता
मन से मन तक जाने का
जटिल चक्रव्यूह सा रस्ता
ना बैर को और बढाओ रे
कैसे आयें राम हमारे ।। स्नेह के...
बच्चे हैं कोमल मन के
ये फूल हैं इस उपवन के
इस बगिया को न उजाडो
बमों के कर के धमाके
मत इनको झुलसाओ रे
कोई लाओ राम हमारे ।। स्नेह के...

आप सब को दीपावली शुभ हो ।