खुली खिडकी से आती रोशनी
तुम्हारे चेहरे को सहलाती
है
सवेरा कितना प्यारा ।
ये खुली हवा, ये आसमाँ ,
ये छन छन कर आती धूप,
माँ के आंचल सी ।
कितना निश्छल, कोमल
विश्वास भरा, प्यारा प्यारा
तुम्हारा ये चेहेरा ।
आई है ये सुबह
कितनी जहमतों के बाद.
मेरे जीवन में ।
साथ पा कर
इक नई शुरुवात
तो कर दी है हमने ।
तो लगता है कि
सब अच्छा होगा ।
अब रब की मर्जी है ।