हे समस्त जीवों की माता, दया, क्षमा, शांति रूपिणी
सब जीवोंमें तुम ही स्थित हो, दुर्गे मांगल्यकारिणी
शक्तीरूप तुम, भक्तीरूप तुम, कांतिरूप तुम ही भ्रांति
वीरों की आराध्या, तुम ही माया, छाया, सरस्वती
सिंहारूढा, असुर नाशिनी, तुम ही कष्टों की निवारिणी
भक्तिप्रिया तुम भक्त वत्सला, तुम ही सौभाग्य दायिनी
महेश्वरी तुम ही महाकाली, तुम ही सूक्ष्म स्वरूपिणी
सुमंगली, भैरवी, सती तुम, तुम ही माँ विघ्न नाशिनी
नवरात्री के शुभ पर्व पर तुमको माँ शत शत प्रणाम
आशिर्वाद रूप में देना भारत को सर्व-गुणी संतान
आज का विचार
अच्छा विचार चिर-स्थायी है
स्वास्थ्य सुझाव
हीमोग्लोबीन बढाने के लिये खाने में साबुत मूँग का प्रयोग करें .
8 टिप्पणियां:
माँ शत शत प्रणाम-जय माता की.
माँ सबका कल्याण करें, दुष्टों का नाश करें. हम और उनसे क्या विनती कर सकते हैं. सबके मन की बात तो उन्हें पता है ही. माँ को शत - शत नमन!
अच्छे सुझाव वो विचार.
जय माता दी.
या देवी सर्वभूतेषु मातृ रूपेण संस्थिता नमस्तैस्यै नमस्तैस्यै नमस्तैस्यै नमो नम: आभार ।
'आरंभ' छत्तीसगढ का स्पंदन
अत्यंत सामयिक। मां को श्रद्धा नत नमन।
मूंग वाला स्वास्त्य विचार जमा!
मां सबको ज्ञान दे। इसके बाद तो मां की कृपा लोग अपना कल्याण खुद की कर लेंगे। विचार और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी उत्तम है।
जगत्जन्नी माँ का वरद हस्त सदैव हम सब पर बना रहे……नवरात्रों की बधायी…॥
नवरात्रों में आपकी यह रचना बहुत ही प्रासंगिक और प्रेरणा भरी है । आपके ब्लाग पर पहली बार आई । अच्छा
लगा । एक सुन्दर रचना के लिए बधाई ।
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