खनकती आवाजों में तुतली सी बातें
खिल खिल हँसी की प्यारी बरसातें
रुठ कर अकडनें की
जिद में मचलने की
पाँव पटकने की
गुस्से की घातें
सजने सँवरनेंकी
ठुमक कर चलनें की
इठलाकर आँखों को
मटकाने की बातें
पायल के छुन छुन की
चूडी के खन खन की
रिबिनों की बिंदियों की
हील्स की बातें
बुलाने पर न आने की
दूर दूर जाने की
न देखूँ तो चुपके से
आने की बातें
गल-बहियों की
मनुहारों की
कितने दुलारों की
पोतियों से दादी को
मिलती सौगातें
**********************************************************
आज का विचार
ज्यादा सोचो मत, कर डालो।
**********************************************************
आज का स्वास्थ्य सुझाव
बंद नाक खोलने के लिये पंधरा बार नाक को ऊपर से नीचे रगडो ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें