शनिवार, 27 सितंबर 2008

दर्द

इस दर्द का करें क्या कि सहा नही जाता
दर्द को दिये बिन, उनसे रहा नही जाता ।

तनहाई है कि चिल्ला चिल्ला के कह रही है
यह बोझ अकेले से सम्हाला नही जाता ।

अब किससे करें बात, क्या किसको बतायें
ये हाले-दिल किसी से कहा नही जाता ।

हम अपने दर्द की कहें या उनकी भी सुनें
इस कहने सुनने में भी कुछ बहा नही जाता ।

शायद हो कि ये दर्द ही बन जाये दवा अब
हम से तो इसका कुछ भी किया नही जाता ।


आज का विचार

जो आदमी दूसरों को दुख देता है क्या वह कभी सच्ची खुशी पा सकता है

स्वास्थ्य सुझाव
यकृत (लिवर) को स्वस्थ रखने के लिये एक कप अनार के रस में आधा चम्मच हल्दी और आधा चम्मच सेंधा नमक डाल कर दिन में ३ बार लें ।

12 टिप्‍पणियां:

siddheshwar singh ने कहा…

'दर्द का हद से गुजरना है दवा हो जाना'....
बहुत अच्छी अभिव्यक्ति

Anil Pusadkar ने कहा…

अगदी छान लिहल त्ताई

रंजू भाटिया ने कहा…

शायद हो कि ये दर्द ही बन जाये दवा अब
हम से तो इसका कुछ भी किया नही जाता ।

बहुत खूब ..सुझाव भी बहुत अच्छा लगा

Ashok Pandey ने कहा…

अब किससे करें बात, क्या किसको बतायें
ये हाले-दिल किसी से कहा नही जाता ।

हम अपने दर्द की कहें या उनकी भी सुनें
इस कहने सुनने में भी कुछ बहा नही जाता ।

बहुत अच्‍छी कविता है।
कविता के साथ साथ आज का विचार और स्‍वास्‍थ्‍य सुझाव भी :) अच्‍छा है, साइड इफेक्‍ट नहीं रहेगा :)

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

बढिया रचना है। बधाई।

BrijmohanShrivastava ने कहा…

महोदय ,जय श्रीकृष्ण =मेरे लेख ""ज्यों की त्यों धर दीनी ""की आलोचना ,क्रटीसाइज्, उसके तथ्यों की काट करके तर्क सहित अपनी बिद्वाता पूर्ण राय ,तर्क सहित प्रदान करने की कृपा करें

शोभा ने कहा…

सुंदर लिखा है. आप अंत मैं जो विचार देती हैं वो बहुत अच्छा लगता है. बधाई स्वीकारें.

जितेन्द़ भगत ने कहा…

अरे वाह , मरीज और डाक्‍टर साथ-साथ हैं। अच्छी कवि‍ता।

BrijmohanShrivastava ने कहा…

मैं अपनी बात कहने के चक्कर में आपकी रचना वावत कुछ न लिख पाया /यह जो दर्द की बात आपने लिखी है =इसे कोई वही बजुर्ग समझ और महसूस कर सकता है =जिसका बुढापे में साथ छूट गया हो ,एक एक लाइन पढेगा और रोयेगा

डॉ .अनुराग ने कहा…

आह ....आज कुछ मूड अलग है

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत बेहतरीन- बहुत बधाई.

प्रदीप मानोरिया ने कहा…

बेहतरीन शब्दों और खयालात से सजी बहुत बहुत बधाई मेरे ब्लॉग पर पधारने का धन्यबाद अपना आगमन नियमित बनाए रखे और मेरी नई रचना कैलेंडर पढने पधारें