प्रिय ब्लॉगर बंधु और भगिनियों, आजकल हमारे यहां मेरी ननंद सुहास और उनके पति विजय आये हुए हैं और सुहास की घुमक्कडी हमारे साथ ही होती है तो ब्लॉगों पर जाने आने में थोडी असुविधा है पर शीघ्र ही आप सब के साथ मिलूंगी आपके ब्लॉगों पर आऊंगी टिप्पणियाँ भी करूंगी । पर थोडे दिनों के लिये माफी चाहती हूं । आप की नई नई रचनाएं पढने को मिलेंगी इसी आशा मे ।
18 टिप्पणियां:
Have a nice day,Aashaji!
मस्त आनंद लीजिए मेहमान नवाजी का।
यात्राएं चलती रहे।
आशा जी, ’अतिथि देवो भव:’
वो माजिद देवबंदी का शेर भी है न-
अल्लाह मेरे रिज़्क की बरक़त न चली जाए
दो रोज़ से घर में कोई मेहमान नहीं है.
नए साल की शुभकामनाओं सहित.
आशा जी, ’अतिथि देवो भव:’
वो माजिद देवबंदी का शेर भी है न-
अल्लाह मेरे रिज़्क की बरक़त न चली जाए
दो रोज़ से घर में कोई मेहमान नहीं है.
नए साल की शुभकामनाओं सहित.
atithiyon ka swagat bharpur kariye....... have a nice break.
आनन्द उठाईये।
वाह मजे करिये..
tabhi hum soch rahe the ki aap kahan hain.achcha hua haal-chaal to mil gaya.
मेहमाननवाजी मुबारक हो।
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बोलने वाले पत्थर।
सांपों को दुध पिलाना पुण्य का काम है?
आनंद लीजिए मेहमान नवाजी का।
asha ji aap mehmanawazi mein busy hai,aur thodi masti mein,hamare yaha bhi haal kuch aisa hi hai,aap ko sah parivaar markar sankranti ki bahut badhai.
are vaa pahune ale ahet ka ghari tari mala vatlech hote asha tai blog varti ka nahi disalya....asu daya maja kara........
आनन्द मंगल रहे जी! बहुत शुभकामनायें!
महमानों का तहे दिल से स्वागत है...अब तो लगता है आपकी पोस्ट जल्द ही आने वाली होगी...
नीरज
आपकी रचनाओं का इंतजार है.
सादर,
डोरोथी.
आप को वसंत पंचमी की ढेरों शुभकामनाएं!
सादर,
डोरोथी.
आदरणीया आशा जी
सादर सस्नेहाभिवादन !
सुहास जी और विजय जी सौभाग्यशाली हैं जिन्हें आप जैसे ख़ातिरदारी करने वाले रिश्तेदार उपलब्ध हैं … अन्यथा अब रिश्तेदार दो घंटे से ज़्यादा बर्दाश्त ही नहीं होते ।
लेकिन सभी एक जैसे भी नहीं होते …
आइए आप लौट कर … ,
बहुत प्रतीक्षा है … … … :)
♥ प्रेम बिना निस्सार है यह सारा संसार !♥
बसंत ॠतु की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
आशाजी .....
ननद जी और विजय जी की तसवीरें लगा देती तो हम भी मिल लेते उनसे ......
चलिए हमारा आदाब उन्हें .....
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