शनिवार, 28 फ़रवरी 2009

वो जो आये


वो जो आये तो उजाला आया
सर्दी की शाम, दुशाला आया ।
हम तो गमगीन थे जुदाई में
यकबयक वस्ले सिलसिला आया ।
उनके आते गले में आयी खनक
उनके आते हवा मे आयी महक
उनके आते खुशी भी पडी चहक
या खुदा इश्के-जलजला आया ।
बंद हवाएँ भी गुनगुनाने लगीं
फिजाएँ गीत कोई गानें लगीं
शाम तो महफिलें सजाने लगी
दिल मुझे, मुझसे ही मिला लाया ।
छट गये वो जुदाई के बादल
मिल गये नैन, काले, बिन-काजल
हो गया मै नसीब का कायल
ख्वाब हकीकत में जो उतर आया ।

आज का विचार
जो दूसरों को जानता है वह जानकार है, जो अपने को जानता है वह ज्ञानी है ।
स्वास्थ्य सुझाव
नीबू के रस में जीरा और काला नमक डाल कर सुखा लीजीये । ये जीरा दाने 2-4
खाने के बाद रोज धीरे धीरे चबाचबा कर खाइये आपकी किडनी का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा ।

15 टिप्‍पणियां:

seema gupta ने कहा…

उनके आते गले में आयी खनक
उनके आते हवा मे आयी महक
उनके आते खुशी भी पडी चहक
या खुदा इश्के-जलजला आया ।
" bhut komal kyhyalat ko lafjo mey sanjoya gya hai....bus dil ko bhaa gye..."

regards

शोभा ने कहा…

वो जो आये तो उजाला आया
सर्दी की शाम, दुशाला आया ।
हम तो गमगीन थे जुदाई में
यकबयक वस्ले सिलसिला आया ।
उनके आते गले में आयी खनक
उनके आते हवा मे आयी महक
अति सुन्दर

mehek ने कहा…

उनके आते गले में आयी खनक
उनके आते हवा मे आयी महक
उनके आते खुशी भी पडी चहक
या खुदा इश्के-जलजला आया
waah,aisa laga mano khushiyan ambar se barsi ho,behad khubsurat.

आशीष कुमार 'अंशु' ने कहा…

सुन्दर रचना ....

अनिल कान्त ने कहा…

वाह आशा जी ...दिल खुश हो गया पढ़कर

मेरी कलम -मेरी अभिव्यक्ति

समयचक्र ने कहा…

छट गये वो जुदाई के बादल
मिल गये नैन, काले, बिन-काजल
हो गया मै नसीब का कायल
ख्वाब हकीकत में जो उतर आया
सुन्दर रचना

P.N. Subramanian ने कहा…

हमें किसी पंक्ति को अब दुहराने की आवश्यकता नहीं है. एक से एक बद्जकर. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति. आज का विचार सदैव की तरह अर्थपूर्ण है. किडनी को स्वस्थ रखने की तरकीब भी खूब रही. आभार.
http://mallar.wordpress.com

Vinay ने कहा…

बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति और ज्ञान की बात तो सबसे अच्छी

---
चाँद, बादल और शाम
गुलाबी कोंपलें

डॉ .अनुराग ने कहा…

हो गया मै नसीब का कायल
ख्वाब हकीकत में जो उतर आया ।

बहुत खूब......जीवन की इस आपाधापी में ये पंक्तिया खास असर रखती है

योगेन्द्र मौदगिल ने कहा…

वाह.... बेहतरीन भावाभिव्यक्ति... बधाई स्वीकारें

नीरज गोस्वामी ने कहा…

आप तो बहुत खूबसूरत कवितायेँ लिखती हैं...वाह...बहुत सुन्दर शब्द और अद्भुत भाव...क्या कहने हैं...वाह वा....लिखते रहिये...ऐसे ही...शुभकामनाएं.
नीरज

अमिताभ श्रीवास्तव ने कहा…

उनके आते खुशी भी पडी चहक
या खुदा इश्के-जलजला आया ।

bahut khoob....
saath hi vichaar aour swasthya sujhaav bhi..yakinan behtreen he..
aapke blog par ab aata rahunga..

mark rai ने कहा…

बंद हवाएँ भी गुनगुनाने लगीं
फिजाएँ गीत कोई गानें लगीं
शाम तो महफिलें सजाने लगी
दिल मुझे, मुझसे ही मिला लाया.....

.दिल खुश हो गया .....

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

ye किडनी का स्वास्थ्य ka nuskha accha lga waise ek nuskha Raj Bhatiya ji ne bhi diya hai apne blog pe sardi chudane ka.....haan aapki nazam kmal ki hai.....

उनके आते गले में आयी खनक
उनके आते हवा मे आयी महक
उनके आते खुशी भी पडी चहक
या खुदा इश्के-जलजला आया ..Waah..!!

daanish ने कहा…

...bnd hwaaeiN bhi gungunaane lageeN, fizaaeiN geet koi gaane lageeN, shaam to mehfileiN sjaane lageeN, dil mujhe, mujh se hi milaa laya...
bahut hi khoobsurat...mn ki gehraaee se nikle hue vichaar...
ek achhi nazm par badhaaee . . .
---MUFLIS---