सोमवार, 21 जनवरी 2008

सेन्सेक्स फिसला


इस शेअर बाजार की ऐसी बदली शक्ल
बस ठिकाने आगई, लालाओं की अक्ल

लालाओं की अक्ल कि सेन्सेक्स ऐसे फिसला
निवेशकों को याद आगया अगला पिछला

और सुनो भैया आगे है फिसलन भारी
रुक जाओ वरना फिर अस्पताल की तैयारी

आज का विचार
जब आवे संतोष धन, सब धन धूरि समान

स्वास्थ्य सुझाव

मन की शांति के लिये करें भ्रामरी प्राणायाम ।

7 टिप्‍पणियां:

रंजू भाटिया ने कहा…

रुक जाओ वरना फिर अस्पताल की तैयारी


सही और मजेदार ..कमजोर दिल वालों के लिए कल यह ख़ास चेतावनी भी थी :)

अविनाश वाचस्पति ने कहा…

नहीं फिसला
रपट गया
चपेट खाकर
चेहरे का
भूगोल बदल गया

अविनाश वाचस्पति ने कहा…

सेंसेक्स का हाल जानने के लिये नीचे दिये गये लिंक को भी चट्कायें


http://jhhakajhhaktimes.blogspot.com/2008/01/blog-post_21.html

http://bhadas.blogspot.com/2008/01/blog-post_6432.html

http://wahmoney.blogspot.com/2008/01/blog-post_3711.html

अजित वडनेरकर ने कहा…

बढ़िया । सेन्सेक्स पर भी चल गई कलम....लालाओं की अक्ल भी कहीं ठिकाने आती है, अक्ल तो पहले से ही शेयर बाजार में इन्वेस्ट हो चुकी है।

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

असल में निर्भर करता है कि सेन्सेक्स के फिसलन एक घटना मानी जाती है या गन्तव्य; इसपर निर्भर करता है।मेरे ख्याल से लालाजी इसमें भी कुछ ले कर ही रहेंगे। मरेंगे तो लल्लू लोग ही।

Anita kumar ने कहा…

बड़िया,मजा आ गया

Batangad ने कहा…

क्या बात है आप भी सेंसेक्स पर ही। अच्छा है