सोमवार, 5 नवंबर 2007

दीपावली अभिनन्दन



दिया जला, लौ कांपी
कुछ सहमी, घबराई
पवन के झकोरे से
थर थर थर्राई
पर एक क्षण, दूजे पल
इठली, मुसकाई
साथी के कानों में,
हौले से गुनगुनाई
जागो नैना खोलो
दीवाली आई।

सबको दीपावली की ढेर सारी शुभ कामनाएं ।


आजका विचार

अच्छा काम करने के लिये अच्छे माहौल की प्रतीक्षा जरूरी नही हम कहीं से भी शुरू कर सकते हैं ।


स्वास्थ्य सुझाव

गायका शुध्द घी आँखों में रात को लगा कर सोने से आँखों की ज्योती बढती है ।

12 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

आपको भी दीपावली की ढेर सारी शुभ कामनाएं .

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

आपको और आपके पतिदेव को (चित्र में वे भी साथ दीखते हैं) भी दीपावली मंगलमय हो। आपाधापी में याद ही नहीं रहा कि दिवाली आ गयी है। अच्छा किया आपने याद दिला दिया।

अनिल रघुराज ने कहा…

मेरी तरफ से भी शुभ दीपावली।
विचार काफी सटीक है। अच्छे माहौल का इंतज़ार करते रहे तो काम शुरू ही नहीं हो सकता।

Tarun ने कहा…

आपको भी दिपावली की बहुत बहुत शुभकामनायें।

विपुल जैन ने कहा…

दीपावली की ढेर सारी शुभ कामनाएं,

सबको,

सबकी तरफ से।

Sanjeet Tripathi ने कहा…

ढेर सारी शुभकामनाएं

बालकिशन ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
बालकिशन ने कहा…

दीपावली की ढ़ेर सारी शुभकामनाएं.

पारुल "पुखराज" ने कहा…

शुभ दीपावली आप्को भी बहुत बहुत बधायी

मीनाक्षी ने कहा…

आपको भी दीपावली की बहुत बहुत शुभ कामनाएं .

Batangad ने कहा…

दीपावली की शुभकामनाएं

Asha Joglekar ने कहा…

आप सब का धन्यवाद । आप सब की दीपावली शुभ हो प्रकाशमय हो ।ज्ञानदत्त जी आपने सही पहचाना वे मेरे पती सुरेश ही हैं । उनकी और से भी
शुभ दीपावली सबको । इस ब्लॉग के काम में भी उनका बडा योगदान है ।