अवि-वर्षा की शादी को इस साल १० जुलै को २५ वर्ष पूरे
हुए । अवि (अवनींद्र) मेरा भांजा है । मैं उनके फेस बुक पर
उनके लिये बधाई मेसेज छोडना चाहती थी । वहां अवि के
अकेलेपन को लेकर लिखे हुए कुछ शब्द देख कर मन तो कैसा
कैसा हो गया । अवि अपना बिझिनेस चलाता है और वर्षा दूसरे
शहर में गायनेकोलॉजिस्ट है । घर-संसार चलाना है, दोनो
अपनी अपनी जगह रह कर चला रहे हैं ।
अवि की मनस्थिति कुछ इन शब्दों में बयां हो सकती है ।
अकेलापन मेरा मुझसे, सवाल अक्सर ये करता है,
कि अब घर जाना होगा कब, उदासी घेर लेती है ।
मै अपनी तनहाई में अक्सर खोया रहता हूँ
तुम्हें जब याद करता हूं, उदासी घेर लेती है .
इस मेरी मजबूरी में तुम्हारा साथ ना होता
सोच कर कैसे मैं जीता, उदासी घेर लेती है ।
वो बच्चों की सफलता पर तुम्हारे साथ ना होना
और उनका रूठना मुझसे, उदासी घेर लेती है ।
मिलना दो दिनों का और लंबी सी जुदाई फिर
वापसी पर हमेशा ये उदासी घेर लेती है ।
जिंदगी क्या यही है और ऐसी ही आगे है क्या चलना
इन खयालों के आते ही उदासी घेर लेती है ।
और जब कभी अचानक से तुम आकर के मिलती हो
बादलों में उदासी के, ऱोशनी झिलमिलाती है ।
जिंदगी जो मिली है हँस के ही इसको निभा लेंगे ,
जियें और मुस्कुरायें तो उदासी भाग जाती है ।
बधाई अवि और वर्षा
तुम साथ साथ रहो हमेशा ।
17 टिप्पणियां:
विरह प्रेम को गाढ़ा करता है, पर इतना भी नहीं कि पीड़ा बन जाये। युगल को शुभकामनायें..
जय हो, जियें और मुस्कुरायें दम्पति!
मन के बहुत सुंदर उद्गार ....मेरी भी शुभकामनायें ...दोनों को ....
वाह ... लेखन का यह बेहतरीन अंदाज ... उत्कृष्ट अभिव्यक्ति की रचना करना
Warsha aur Aviko bhavishya ke liye anek shubhkamnayen!
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन अमर क्रांतिकारी स्व॰ श्री बटुकेश्वर दत्त जी की 48 वीं पुण्य तिथि पर विशेष - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
सुन्दर विचार सुन्दर अभिव्यक्ति- युगल को शुभकामनायें
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latest post सुख -दुःख
हार्दिक शुभकामनायें ..... सुंदर भाव संजोये हैं ....
वे दोनो बराबर एक दूसरे के साथ को अनुभव करते हुए सुखमय जीवन बितायें !
अवि और वर्षा को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं. आपने बहुत ही सुंदर उदगार अभिव्यक्त किये हैं.
रामराम.
शुभकामनाएं उन्हें!
मेरी और से भी अवि,वर्षा जी को हार्दिक
शुभकामनायें देर से ही सही, … बहुत सुन्दर रचना है !
very touching creation.
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति !
अवि और वर्षा के लिये शुभकामनाऎं !
तदानुभूति की सशक्त अनुभूति करवा दी आपने। ॐ शान्ति।
ये पढ़कर तो उदासी खुद ही घिर जाएगी
ये पढ़कर तो उदासी खुद ही घिर जाएगी
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