शुक्रवार, 24 अगस्त 2012

हम बोले तो ......




हम बोले तो बडबोले
वे बोले, वाह, क्या बोले !

कौन किसी की सुनता है,
सब अपनी अपनी बोले ।

उनसे कल क्या बात हुई, 
जो तेरा तन मन डोले ।

काम गती पकडे कैसे,
गाडी खाये हिचकोले.

रानी हुकुम चलाये तो,
मंत्री प्रधान क्या बोले ।

महंगाई ऊपर चढती
रुपया नीचे को  होले ।

टिप्पणियां जो कम आयें,
ब्लॉगर यूँ मन को खोले ।

लिक्खूं या फिर ना लिख्खूं
मन इस दुविधा में डोले ।

समय से सब सही होगा,
धीरे धीरे हौले हौले ।



चित्र गूगल से साभार ।

19 टिप्‍पणियां:

Anupama Tripathi ने कहा…

समय से सब सही होगा,
धीरे धीरे हौले हौले ।
बहुत सुंदर और सार्थक अभिव्यक्ति है ...!!
शुभकामनायें...!!

अनूप शुक्ल ने कहा…

वाह क्या खूब बोले!

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

कम शब्दों में,
अचरज है,
कितना कुछ बोले।

रविकर ने कहा…

बड़ बोलों की वाह है, मम बोली बड़बोल |
यही दोगलापन चले, झेलूँ नित भू-डोल |
झेलूँ नित भू-डोल , खोल दूँ पोल सभी की |
मंहगाई से त्रस्त, शिकायत नहीं कभी की |
रविकर अब अभ्यस्त, किन्तु मोहन मुंह खोलो |
सत्ता कित्ता मस्त, तनिक बोलो बड़-बोलों ||

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

रानी हुकुम चलाये तो,
मंत्री प्रधान क्या बोले ।

महंगाई ऊपर चढती
रुपया नीचे को होले ।

राजनीति से ले कर ब्लॉग नीति तक सब कुछ बोले ... बहुत खूब

Satish Saxena ने कहा…

टिप्पणियों की परवाह क्या है
कहो तो,बक्सा खोलें
हम तो आपको सदा सुनेंगे
चाहे जग कुछ बोले !

सदा ने कहा…

वाह ... बहुत खू‍ब।

Arvind Mishra ने कहा…

कविता भी क्या खूब हौले हौले ......

Suman ने कहा…

लिक्खूं या फिर ना लिख्खूं
मन इस दुविधा में डोले ।

समय से सब सही होगा,
धीरे धीरे हौले हौले ।
vaah bahut sundar ....

kshama ने कहा…

Saaaamaaajhme nahee aata kya likha jaye!

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

बहुत बेहतरीन कविता..
सुपर्ब.....
:-) :-)

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

मस्त लिखा है आपने। बहुत अच्छा लगा।..बधाई।

mridula pradhan ने कहा…

aap likhte rahiye.....kisi duvidha men mat padiye.

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

हम बोले तो बडबोले
वे बोले, वाह, क्या बोले !

बहुत खूब लिखा है, आशा जी !
एकदम सटीक बातों को रेखांकित किया है आपने।

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' ने कहा…

वाह...बहुत सुन्दर

Rachana ने कहा…

हम बोले तो बडबोले
वे बोले, वाह, क्या बोले !

कौन किसी की सुनता है,
सब अपनी अपनी बोले ।
sahi kaha aapne aaj aesa hi hai
rachana

अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com) ने कहा…

छोटी छोटी पंक्तियों में बड़ी बड़ी बातें यूँ कह गये कि हम सोच में पड़ गये -
हम बोलें तो क्या बोलें.....

Rakesh Kumar ने कहा…

समय से सब सही होगा, धीरे धीरे हौले हौले ।

आपने बहुत सुन्दर बोला आशा जी.

मन को खोल ऐसा सुन्दर लेखन हो
जो पाठक का मन भी खोले,
तो टिप्पणियाँ टप टप आ ही
जायेंगीं.

mehhekk ने कहा…

kum shabdon mein bahut bol diya:):)