गुरुवार, 19 जुलाई 2012

रब की मर्जी




खुली खिडकी से आती रोशनी
तुम्हारे चेहरे को सहलाती है
सवेरा कितना प्यारा  ।

ये खुली हवा, ये आसमाँ ,
ये छन छन कर आती धूप,
माँ के  आंचल सी ।

कितना निश्छल, कोमल
विश्वास भरा, प्यारा प्यारा
तुम्हारा ये चेहेरा ।

आई है ये सुबह
कितनी जहमतों के बाद.
मेरे जीवन में ।

साथ पा कर
इक नई शुरुवात
तो कर दी है हमने ।

तो लगता है कि
सब अच्छा होगा ।
अब रब की मर्जी है ।


19 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

त्रिदल मचल,
शब्दों का जल,
बहता कल कल।

रविकर ने कहा…

सुन्दर त्रिदल ।
बधाई ।।

रश्मि प्रभा... ने कहा…

सब अच्छा होगा ।

विभूति" ने कहा…

बेजोड़ भावाभियक्ति....

kshama ने कहा…

Zindagee me aapka wishwas toota nahee....bana raha,ye sabse badee baat hai.....bhagwan aapko aisehee banaye rakhe!

संजय भास्‍कर ने कहा…

मैं क्या बोलूँ अब....अपने निःशब्द कर दिया है..... बहुत ही सुंदर कविता.

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

आई है ये सुबह
कितनी जहमतों के बाद.

दुआ hai ab ye subah zindagi sanjh tak kayam rahe .....

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

आई है ये सुबह
कितनी जहमतों के बाद.

दुआ hai ab ye subah zindagi sanjh tak kayam rahe .....

दिगम्बर नासवा ने कहा…

आमीन ... सब कुछ अच्छा ही हो ... सुबह की किरण आशा और ऊर्जा का सन्देश ले के आए तो जीवन ऊर्जित हो जाता है ... सुन्दर काव्य ...

Suman ने कहा…

आई है ये सुबह
कितनी जहमतों के बाद.
मेरे जीवन में ।
sundar tridal...

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

माँ के आँचल की तरह सूरज की किरनें.....
वाह!!
बहुत प्यारी रचना है आशा जी..

सादर
अनु

mridula pradhan ने कहा…

ekdam taazi......

Surendra shukla" Bhramar"5 ने कहा…

कितना निश्छल, कोमल
विश्वास भरा, प्यारा प्यारा
तुम्हारा ये चेहेरा ।

आदरणीया आशा जी ...सब अच्छा ही होगा ...स्नेह छलके जिस मन से सब अच्छा ही मिलता है ..आनन्द ही आनन्द ..प्यारी रचना

चेहरा

भ्रमर ५

सदा ने कहा…

बहुत ही भावमय करती प्रस्‍तुति

sm ने कहा…

बहुत ही सुंदर कविता

Rakesh Kumar ने कहा…

'रब कि मर्जी' नैराश्य को दूर कर आशा का संचार
करती है.ईश्वर जो भी करेंगें अच्छा ही
करेंगें ऐसा पक्का विश्वास हृदय में होना ही चाहिये.

शानदार प्रस्तुति के लिए हार्दिक आभार ,आशा जी.

Mahi S ने कहा…

बहुत सुंदर रचना..

Alpana Verma ने कहा…

नयी शुरुआत ..आगे सब अच्छा ही होगा..
सकारात्मक भाव लिए अच्छी कविता.

P.N. Subramanian ने कहा…

Sundar bhaavpoorn rachna. abhar.