मंगलवार, 10 अगस्त 2010

नेपल्स का सौंदर्य



- नेपल्स एक अद्भुत और खूबसूरत जगह जो कि अपनी एक बांह से समंदर को अपने आगोश में बांधने की कोशिश करता सा प्रतीत होता है । यहीं से आप देख सकते हैं विसूवियस पर्वत के नजारे । यह भी अपनी खूबसूरती तथा अपने इतिहास की वजह से जग प्रसिध्द है । इसका ऐतिहासिक उद्गम कोई 7 वी शताब्दी में हुआ जब ग्रीक लोगों ने एट्रुस्कन लोगों के साथ युध्द करने के हेतु इसे अपनी कॉलोनी के रूप में विकसित किया । नाम दिया नापोलीस अर्थात् न्यू सिटी । कोई 4 थी शताब्दी में ये रोमन राज्य के घेरे में आया और कई सालों तक रोमन सम्राटों का प्रिय तफरीह स्थल रहा । उसके बाद ये स्वतंत्र राज्य के रूप में रहा । 15 वी से 18 वी सदी तक ये फ्रांस और स्पेन के बीच युध्द का कारण बना । बाद में गारीबाल्डी के समय ईताली में शामिल हुआ द्वितीय विश्व युध्द के दौरान नेपल्स को बॉम्ब हल्लों का और नात्सी अत्याचारों का शिकार होना पडा । हमने तो एक छोटीसी टूर व्यू ऑप नेपल्स करके ली जो हमें बसमें बिठा कर नेपल्स के सुंदर रास्तों की सैर कराने वाली थी । 
तो हमने वह बस ली और आराम से पीठ टिका के बैठ गये 6 मे से तीन लोगों के पास विंडो सीट थी । तो नज़ारे देखने का पूरा जुगाड था । इसमें हमारी गाइड हमें हर जगह के बारे में संक्षेप में बताती जा रही थीं ।  (विडियो )796-842-1
 
नेपल्स के चौक, बिल्डिंग्ज और चर्चेज देखे । यहाँ हमने उतर कर गेलरिया प्रिंन्सिपे दि नापोली देखी । यह एक बहुत सुंदर जगह है जिसे 1876 से 1883 के दौरान बनाया गया . यह लोहे शीशे तथा पत्थर की बनी एक सुंदर  इमारत है जिसमें बीच मे बहुत खुली जगह है । इसमे हमे आधुनिक प्राचीन वास्तुकला का अदभुत संगम दिखता है । (विडियो 796-842-2 )
 
यहीं पास मे था सेन फ्रान्सिसको का कथीड्रल तथा एक पुरातन महल जहां आजकल ऑफिसेज हैं । यहीं पर आते आते हमने कासल नूओवो (न्यू कासल)  देखा इस पुराने किले का चार्ल्स ऑफ एन्जौ ने  नवीनीकरण कराया ।  हमने  पोसिपिलो पहाडी  भी देखी । फिर हमें एक जगह रिफ्रेशमेन्ट के लिये उतारा गया और कॉफी या चॉकलेट Ice cream में से एक चुनने के लिये बोला गया । मैने और विजय ने आइसक्रीम ली और बाकियों ने कॉफी । कॉफी वाले घाटे मे रहे क्यूं कि कॉफी ठंडी थी । उसके बाद समंदर के किनारे किनारा होते हुए माउंट विसूवियस देखा और देखा नया पॉम्पई शहर । (विडियो 796-842-3) पुराना शहर 79 ए डी में विसूवियस के फटने से मिनिटों में लावे के नीचे दफन हो गया था । लोगों को कोई अवसर नही मिला सोचने या जान बचाने का । रुइन्स देखने हम नही गये क्यूंकि ऊबड खाबड रास्तों पर कोई 3 घंटे चलना था । आप विडियो में नेपल्स के सौंदर्य की एक झलक देखें (। ये ट्रिप हमारी छोटी सी थी फिर भी वापिस आते आते 3-4 घंटे तो हो ही गये थे । आकर लंच किया और सोना था पर सुहास को ज्वेलरी का एक्जीबीशन देखना था तो हम भी उसके साथ हो लिये ये एक्जीबीशन 7 वे डेक पर था । तो वहां गये और जी भर के आँखें सेंक लीं (गलत वाक् प्रयोग है  पर चीजें इतनी सुंदर थीं और लेना तो थी नही, तिस पर लाइटिंग ये लोग ऐसा करते हैं कि ज्वेलरी की सारी चमक परावर्तित होकर दुगनी तिगनी हो जाती है ) तो सुहास ने उल्का के लिये एक चेन ली । उसको वहां के सेल्सगर्ल ने बताया कि इसमे स्पेन का टैक्स शामिल है जो कि आपको उतरते समय ये रसीद दिखाने पर वापिस मिल जायेगा तो हम खुश हो गये । नीचे आये थोडा आराम किया और एक मूवी देखी “इनविक्टस” नेल्सन मंडेला के जीवन पर, बहुत अच्छी मूवी है । कल हमारे शिप का आखरी पडाव था पालमा डी मालोरका यहां हमने कोई टूर बुक नही की थी । (क्रमशः)

11 टिप्‍पणियां:

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

नेपल्स का नाम सुना था,आज देख भी लिया।

आपने यात्रा में हमें भी सहभागी बनाया।

आभार

kshama ने कहा…

Haay,haay!Jab aapko padhtee hun aur video dekhtee hun to taras ke rah jatee hun!Phirbhi aapka chitran itna badhiya hota hai,ki,chand pal bhool jati hun,ki,aapke saath nahee hun!

P.N. Subramanian ने कहा…

आहा! आप कितने खुशकिस्मत हैं. बहुत अच्छा लगा सहभागी बनकर.

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

नेपल्स का पल्स आपकी कृपा से पकड़ में आ गया।

मनोज कुमार ने कहा…

काफ़ी जानकारी मिली।
आभार!

Alpana Verma ने कहा…

बहुत ही सुन्दर विडियो क्लिप हैं अभी सिर्फ दो हो दिखी हैं...बाकि भी देखूंगी अभी..
आप का दिया विवरण रोचक लगा और गाईड भी बहत रूचि के साथ विस्तार से सब बता रही है.. उसका अधिकार पूर्वक कहना 'stay along with me ...' बड़ा भाया.
क्लिप में देखने से वहां का मौसम भी बहुत सुहाना लग रहा है कितना तापमान रहा उन दिनों ?
-सभी क्लिप्स देख कर फिर कुछ जिज्ञासा होगी तो टिप्पणी में लिखूंगी.
[yeh tippani is post ke liye likhi thi...lekin galati se dusri par past ho gayee..abhi dobara clips dekhne aayi to Mistake maluum hui..:)]

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

बेहतरीन उम्दा पोस्ट

आपकी पोस्ट ब्लॉग4वार्ता पर

चेतावनी-सावधान ब्लागर्स--अवश्य पढ़ें

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) ने कहा…

आपने पूरी सैर करा दी...आभार ........ बहुत अच्छी लगी यह जानकारीपूर्ण पोस्ट....

योगेन्द्र मौदगिल ने कहा…

kya baaat hai...wah

अविनाश वाचस्पति ने कहा…

आशा जी धन्‍यवाद। बिना पासपोर्ट बिना वीजा हम घूम आए नेपाल। अब अमेरिका वगैरह की भी सैर करा दें तो ... पूरी आजादी मना लें हम।

स्वप्न मञ्जूषा ने कहा…

bahut hi jaankaari bhari post aapki..
aapke saath ham bhi ghoo aaye..saare video clips bahut manohaari lage hain
ek baar fir aapka hriday se dhnywaad..