विपुल ओर रचना हाल ही में एक नन्ही सी बेटी से लाभान्वित हुए हैं ।
उनकी इस प्यारी सी बिटिया के लिये ये लोरी
मेरी नन्ही सी परी
बाबा माँ की दुलारी
प्यारी प्यारी सुकुमारी
सोजा चुप होजा ।
तेरे लिये आँखों के दिये जलाये हैं
तेरे लिये हाथों के पलने झुलाये हैं
कितना कितना करें जतन
फिर भी ना रुके रुदन
ना रो रे फुलवारी
प्यारी प्यारी सुकुमारी
सोजा चुप हो जा ।
हवा ने तेरे लिये गीत गुनगुनाये हैं
चांद तारों ने नये सपने साथ लाये है
रात रानी ने कैसी खुशबु बिखेरी है
दादी ने भी फूलों से नजर उतारी है
जाऊँ तो पे वारी वारी
प्यारी प्यारी सुकुमारी
सोजा चुप होजा ।
15 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर लोरी की रचना की है आपने।
घुघूती बासूती
बहुत बढ़िया लोरी है . आभार प्रस्तुति के लिए.
वाह श्रीमती जोगलेकर! अगर आप इसे अपनी आवाज में ऑडियो प्रस्तुत करतीं तो और आनन्द आता।
बहुत बढ़िया लोरी...हम तो सो ही गये.
हवा ने तेरे लिये गीत गुनगुनाये हैं
चांद तारों ने नये सपने साथ लाये है
रात रानी ने कैसी खुशबु बिखेरी है
दादी ने भी फूलों से नजर उतारी है
जाऊँ तो पे वारी वारी
प्यारी प्यारी सुकुमारी
सोजा चुप होजा ।
बहुत सुन्दर लोरी है....!!
haan munawwar sultana ke blog pe comt kiye the pr wo publish nahi kar rahi....!!
बहुत प्यारी है!
लोरी बहुत ही मिठ्ठी लगी, ओर बच्ची तो आप की लोरी से भी ज्यादा सुंदर लगी, बच्ची को हम दोनो की तरफ़ से बहुत बहुत प्यार
धन्यवाद
aapke har shabd me maa ka aks nazar aata hai
aapke har shabd me maa ka aks nazar aata hai
नन्ही सी परी को प्यार और आशीर्वाद..लोरी तो लाजवाब है..
सुन्दर भावपूर्ण।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
नन्ही परी और लोरी दोनोँ बेहद सुँदर !!
-- लावण्या
बहुत ही सुन्दर लोरी की प्रस्तुती.
वाह यह तो बड़ी ही अच्छी लोरी हैं ,इसे धुन लगा कर आरोही को सुनाउंगी ,खुश हो जायेगी .आपको इस अच्छी लोरी के लिए बहुत बहुत बधाई
आप सब का बहुत धन्य़वाद । राधका जी अवश्य दुन बनाइये और पॉडकास्ट कीजिये।
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