गुरुवार, 29 मई 2008

तुम आओ तो

फूल भी खिलेंगे
तारे निकलेंगे
चांद चमकेंगे
खयाल बहकेंगे
तुम आओ तो

सावन बरसेगा
बादल गरजेगा
चमकेगी बिजुरिया
जिया लहकेगा
तुम आओ तो

शरद की सुहानी
चांदनी खिलेगी
कच्ची गुनगुनी
धूप निकलेगी
अकारण ही मेरी
पायलिया बजेगी
तुम आओ तो

सरदियों की शाम
अंगीठी जलेगी
शाल ओढ कर
अम्मा मटर भूनेगी
चाय की गरम गरम
प्यालियाँ चलेंगी
तुम आओ तो

हम तुम मिलेंगे
मन महकेंगे
नदी के किनारे फिर
संग संग चलेंगे
सारे के सारे गिले
प्यार में डूबेंगे
तुम आओ तो

आज का विचार
हमारा ईमान ही हमारा सबसे अच्छा दोस्त है । उसे बार बार सुनना जरूरी है ।

स्वास्थ्य सुझाव
आधीशीशी का सरदर्द यानि माइग्रेन से राहत के लिये रोज रात को सोने से पहले बादाम तेल की २ -२ बूंदे नाक में डालें ।

13 टिप्‍पणियां:

रंजू भाटिया ने कहा…

शरद की सुहानी
चांदनी खिलेगी
कच्ची गुनगुनी
धूप निकलेगी
अकारण ही मेरी
पायलिया बजेगी
तुम आओ तो

बहुत सुंदर कविता लिखी है आशा जी आपने ..और आज का सुझाव बहुत ही फायदेमंद लगा ..

डॉ .अनुराग ने कहा…

सरदियों की शाम
अंगीठी जलेगी
शाल ओढ कर
अम्मा मटर भूनेगी
चाय की गरम गरम
प्यालियाँ चलेंगी
तुम आओ तो

kya bat hai ....bahut khoob...

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

आपने गर्मी के मौसम में अन्य मौसमों की प्रतीक्षा करने को शब्द प्रदान किये। अच्छा लगा।

Unknown ने कहा…

ह्रदय स्पर्शी कविता. बधाई

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत उम्दा भावपूर्ण रचना. स्वास्थय सुझाव भी पसंद आया.

राजीव रंजन प्रसाद ने कहा…

"तुम आओ तो" को आपके शब्दों ने जीवंत कर दिया है, रचना मन को छूती है।

***राजीव रंजन प्रसाद

mehek ने कहा…

wah wah mannatle bhav khup sundar vasle aahet shabdat,khup surekh kavita.

बालकिशन ने कहा…

ह्रदय स्पर्शी, सीधी, सच्ची और अच्छी कविता.
बधाई.

pallavi trivedi ने कहा…

अम्मा मटर भूनेगी
चाय की गरम गरम
प्यालियाँ चलेंगी
तुम आओ तो

bahut achchi kavita...sachmuch bhuni matar yaad aa gayi.

ishq sultanpuri ने कहा…

marmsprshee rachana.....
please mera margdarshan
karen aapaka sujhav meree
kavita ko jeevant kar deta hai

दीपिका जोशी 'संध्या' ने कहा…

बहुत ही सुंदर वर्णन...वो आएँगे ही आएँगे.. :)
आप 'कचनार' पर कुछ शब्द लिखकर 'अनुभूति' के लिए भेजें. इंतज़ार रहेगा. १६ जून से 'कचनार' महोत्सव अनुभूति में शुरू होने जा रहा है.

http://www.anubhuti-hindi.org/

दीपिका जोशी 'संध्या'

Batangad ने कहा…

आज का विचार बहुत उपयोगी है।

मेनका ने कहा…

kavita ke ek ek shabd me ras hai..tum aao to..waah bahut badhiyaan.