इस शेअर बाजार की ऐसी बदली शक्ल
बस ठिकाने आगई, लालाओं की अक्ल
लालाओं की अक्ल कि सेन्सेक्स ऐसे फिसला
निवेशकों को याद आगया अगला पिछला
और सुनो भैया आगे है फिसलन भारी
रुक जाओ वरना फिर अस्पताल की तैयारी
आज का विचार
जब आवे संतोष धन, सब धन धूरि समान
स्वास्थ्य सुझाव
मन की शांति के लिये करें भ्रामरी प्राणायाम ।
7 टिप्पणियां:
रुक जाओ वरना फिर अस्पताल की तैयारी
सही और मजेदार ..कमजोर दिल वालों के लिए कल यह ख़ास चेतावनी भी थी :)
नहीं फिसला
रपट गया
चपेट खाकर
चेहरे का
भूगोल बदल गया
सेंसेक्स का हाल जानने के लिये नीचे दिये गये लिंक को भी चट्कायें
http://jhhakajhhaktimes.blogspot.com/2008/01/blog-post_21.html
http://bhadas.blogspot.com/2008/01/blog-post_6432.html
http://wahmoney.blogspot.com/2008/01/blog-post_3711.html
बढ़िया । सेन्सेक्स पर भी चल गई कलम....लालाओं की अक्ल भी कहीं ठिकाने आती है, अक्ल तो पहले से ही शेयर बाजार में इन्वेस्ट हो चुकी है।
असल में निर्भर करता है कि सेन्सेक्स के फिसलन एक घटना मानी जाती है या गन्तव्य; इसपर निर्भर करता है।मेरे ख्याल से लालाजी इसमें भी कुछ ले कर ही रहेंगे। मरेंगे तो लल्लू लोग ही।
बड़िया,मजा आ गया
क्या बात है आप भी सेंसेक्स पर ही। अच्छा है
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