शनिवार, 29 दिसंबर 2007

नव नर्ष की शुभ कामनाएँ

यह नये वर्ष की नई सुवह ।
यह नये वर्ष की..

ऊषा गाती मंगल प्रभात
यह दशों दिशाएँ सद्य:स्नात
यह खग कलरव का अरुण गान
नूतन अवनी, अभिनव विहान
महकता धरा आँचल मह मह । यह नये वर्ष की


फूलों के चेहरे चटकीले
बच्चों के पेहरे रंगीले
नव तरुणों की ऊँची उडान
और वृध्दों की कुछ कम थकान
नूतन समाज का नव वैभव । यह नये वर्ष की..

धुल जाये भय का तम काला
घर घर में फैले उजियाला
य़ह उजियाला करना अक्षय
होगा हमको बनकर निर्भय
भारत फिर कहलाये सह्रदय । यह नये वर्ष की..

कोई न रहे उदास चिंतित
हम हर लें उसके दु:ख त्वरित
सबके चेहेरे स्मित आलोकित
यह वैभव हो अपना स्व-रचित
अनुभव कर लें आत्मिक गौरव । यह नये वर्ष की..

यह मंगल गान रहे गुंजित
यह धरा सदैव रहे सुरभित
जन-जन का मानस हो प्रमुदित
कुसुमित बगिया, आंगन मुकुलित
पुलकित मन प्राण करें अनुभव । यह नये वर्ष की..




आज का विचार

त्याग मे सुख अवश्य है पर त्याग का अर्थ
कायरता नही होना चाहिये ।

स्वास्थ्य सुझाव

कान में रिंगिंग ठीक करने के लिये
तुलसी के ६ पत्ते पहले दिन खाइये
और रोज़ एक एक बढाते हुए २१ पतों तक
खाकर बंद कीजीये ।

11 टिप्‍पणियां:

पर्यानाद ने कहा…

आपको नए वर्ष की मंगल कामनाएं.

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

कविता के माध्यम से नव वर्ष की शुभकामनां,बहुत अच्छी लगी।बहुत बढिया रचना है।्बधाई व ्शुभकामानाएं आप को भी।

Batangad ने कहा…

नया साल नई-नई खुशियां लेकर आए।

Sajeev ने कहा…

tathastu.....ameen ....
badhaai aapko bhi navvarsh ki

रंजू भाटिया ने कहा…

बहुत सुंदर कविता ..नव वर्ष की बहुत बहुत बधाई आपको !!

मीनाक्षी ने कहा…

तत्सम शब्दों के भण्डार से सजी सुन्दर भाव भरी कविता.
नव वर्ष पर आपको भी ढेरों शुभकामनाएँ.

राजीव तनेजा ने कहा…

सुन्दर... लेकिन कठिन शब्द लिए कविता.....
दो बार पढने पर समझ आई....

लिखती रहें और ज्ञान बढाती रहें

प्रशांत ने कहा…

नये साल की आप को और आप के घर के सदस्यों और दोस्तो को बहुत शुभकामनाए|
-प्रशांत

सुनीता शानू ने कहा…

नये साल की शुभ-कामनाये आपको भी,बहुत समय से नियमित नही रह पाई हूँ...अब कोशिश करूंगी आप लोगो से दूरीबहुत खलती है...

Unknown ने कहा…

beautiful kavita dil se on ewnyear.wish u to happy new year.
mehek
http://mehhekk.wordpress.com/

Unknown ने कहा…

happy new year