आती है याद तुम्हारी हवा के साथ
महकी खुशबू से रात रानी के
फिर तो मन भी खिला खिला रहता
बे वजह रात आसमानी से
जब भी सुन लूँ पुराना गीत कोई
तुम जहन में ही उतर आते हो
और कैसे वहाँ से चोरी से
दिल के आईने में बस जाते हो
क्या तुम्हें भी मै याद आती हूँ
जब भी सुनते हो नया गीत कोई
या कि फिर किताब में छूटा
देखते हो दबा सा फूल कोई
हो गये दिन बहुत, न तरसाओ
बस मेरे पास लौटकर आओ
मेरी साँसों को फिर से महकाओ
मेरे जीवन में रंग ले आओ
आज का विचार
जो पक्षी बादलों में घोंसला बनाना चाहता है
वह सदैव ऊँची डालियों पर ही विचरण करता है ।
स्वास्थ्य सुझाव
गॅस और एसिडिटि के लिये
१ चम्मच जीरा पाउडर
१ चम्मच धनिया पाउडर
एक चौथाई चम्मच अजवायन पाउडर
१ गिलास गुनगुने पानी मे डाल कर हिलायें
और धीरे धीरे पीयें ।
13 टिप्पणियां:
बहुत सुंदर कविता धन्यवाद
वाह । यादों को बहुत बढिया शव्द दिया है आपने, धन्यवाद ।
होता प्रेम अंधा : कविता
सुंदर!
बहुत खूबसूरत यादों में डूबी कविता...
बेहद खूबसूरती से अभिव्यक्त लम्हा-2 यादों की पंखुड़ियों पर गिरती यह रचना सच में सुंदर है…।
सुंदर कविता है|
वाह वाह क्या खूब लिखा है और साथ में एसीडिटी कम करने का नुस्खा भी। बहुत बड़िया। धन्यवाद
क्या तुम्हें भी मै याद आती हूँ
जब भी सुनते हो नया गीत कोई
या कि फिर किताब में छूटा
देखते हो दबा सा फूल कोई
बहुत सुंदर आशा जी ...भाव बेहद सुंदर हैं इसके
मेरे पास हवा भी है चौखट ब्लॉग के पवन चंदन के रूप में, जिनका आज जन्मदिन है और याद भी है रेवाड़ी के मित्र याद सुगंध के रूप में। सिर्फ एसिडिटी कम करने का नुस्खा नहीं था, आज वो भी पता चल गया। और रही रंगों की बात तो होली अभी दूर है। पर मन सतरंगी के रंग से बना इन्द्रधनुष जीवन में सभी रंग बिखराएगा। ऐसे ही गीत रचे जाओ, वे यादों में, ख्वाबों में बस जाते हैं और जीवन सुरभि को महकाते हैं, गहकाते हैं।
आपके प्रोतसाहन के लिये अनेक धन्यवाद ।
क्या बात है
oy hoy,hum tho khalas ho gaye,aa bhi jao sajana.
चरणस्पर्श
मैं आपके अतीत में चला गया. "आज का विचार" एवं "स्वास्थ्य सुझाव" अभी भी ताजगी लिए लिए हैं. उनमें ना केवल देश की मिटटी की सुगंध अभी भी आ रही है बल्कि आपके भावों से स्नान करने का सुख ही अलग आनंद देता है. धीरे-धीरे सब पढ़ जाउंगा.
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