गुरुवार, 13 सितंबर 2007

सौगातें




खनकती आवाजों में तुतली सी बातें
खिल खिल हँसी की प्यारी बरसातें


रुठ कर अकडनें की
जिद में मचलने की
पाँव पटकने की
गुस्से की घातें

सजने सँवरनेंकी
ठुमक कर चलनें की
इठलाकर आँखों को
मटकाने की बातें

पायल के छुन छुन की
चूडी के खन खन की
रिबिनों की बिंदियों की
हील्स की बातें

बुलाने पर न आने की
दूर दूर जाने की
न देखूँ तो चुपके से
आने की बातें

गल-बहियों की
मनुहारों की
कितने दुलारों की
पोतियों से दादी को
मिलती सौगातें

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आज का विचार
ज्यादा सोचो मत, कर डालो।
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आज का स्वास्थ्य सुझाव
बंद नाक खोलने के लिये पंधरा बार नाक को ऊपर से नीचे रगडो ।

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