शुक्रवार, 15 नवंबर 2013

ये रिश्ते




रिश्ते भी कितने अजीब होते है,
      कभी लगते हैं दूर, पर्वत से 
      कभी दिल के करीब होते हैं
      कभी बहते हैं झरने से कल कल
      तो कभी बर्फ से जम जाते हैं।

      रिश्तों को सींच के रखना जतन से
      तभी वे पौधों से लहलहाते हैं
      रोशनी में होते हैं सदा रोशन
      और फूलों से खिलखिलाते हैं।
      वरना वे भाप से उड जाते हैं
      और मरुथल से सूख जाते हैं।

      रिश्ते मांगते हैं गर्माहट
      ये शीत बक्सों में नही पलते
      रिश्तों को सांस खुल के लेने दो
      ये अंधेरों में भी नही खिलते।

      रिश्ते चुभते हैं कभी कांटों से
      मन को लोहू-लुहान करते हैं
      ये आँसूं भी लाते हैं आँखों में
      गलतफहमी में खो से जाते हैं
      ऐसे में बात काम आती है  
      तब खुशियां भी ये खिलाते हैं।
     
      रिश्ते अंधेरों में थाम लेते हाथ
      और फिर राह भी सुझाते है
      डगमगाने लगते है जैसे कदम
      सहारा दे के साध लेते हैं।
      ये रिश्ते भी कितने अजीब होते हैं।

15 टिप्‍पणियां:

Ranjana verma ने कहा…

सच रिश्ते भी कितने अजीब होते है
बहुत सुंदर रचना......

Vaanbhatt ने कहा…

रिश्तों को अप्प्लाईड रूप देना आवश्यक है...किसी ग़ज़ल का एक शेर याद आ रहा है....

इस राह में कई मोड़ हैं, कोई आयेगा कोई जायेगा,
तुम्हें जिसने दिल से भुला दिया, उसे भूलने की दुआ करो...

ओंकारनाथ मिश्र ने कहा…

रिश्तों की नाजुकता को बताती सुन्दर रचना. वाकई बहुत सावधानी से रक्षा करनी होती है इनकी.

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

रिश्तों को समझाती और सुलझाती बहुत ही सुन्दर
और बेहतरीन रचना..
:-)

रविकर ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति-
बधाइयाँ आदरणीया-

दिगम्बर नासवा ने कहा…

सच लिखा है .. रिश्ते अजीब तो होते हैं .. पर मन को मन से जोड़े रखते हैं .. ये न हों तो जीवन जीवन नहीं रहता ... भावभीनी रचना ..

Suman ने कहा…

बहुत सार्थक सुन्दर रचना ताई,
वाकई रिश्ते बड़े अजीब होते है !

निवेदिता श्रीवास्तव ने कहा…

नज़ाकत की विरासत संभल जाए तभी रिश्ते भी संभल पाते हैं .....

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

रिश्ते भी बडे अजीब होते हैं, बहुत ही बेहतरीन.

रामराम.

Arvind Mishra ने कहा…

जीवंत होते हैं रिश्ते

Amrita Tanmay ने कहा…

अति सुन्दर भाव है इस कविता में..शुभकामना....

Anupama Tripathi ने कहा…

सुंदर सत्य रिश्तों का ....

Unknown ने कहा…

बहुत सुंदर .....नाज़ुक रिश्तों की दास्तां
जो अपना लो तो अपने ...वरना गैर भी नहीं रहते

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

रिश्तों पर बहुत सुन्दर रचना, बधाई.

संजय भास्‍कर ने कहा…

रिश्ते भी बडे अजीब होते हैं, बहुत ही बेहतरीन.