तुम थे उस सदी के महानायक
तुमने जानी थी आज़ादी की सही कीमत
मुफ्त में या भीक में मिली चीज़ की कोई
महत्ता नही होती
तुम्हें पता था ।
इसी लिये तो तुम चाहते थे लड कर अपना हक
लेना
लडे भी ।
कितने दर्द सहे, परायों से अपनों से भी,
जिससे की उम्मीद उसीने मुंह फेर लिया
तुमने नही मानी हार, उठ खडे हुए हर बार।
शत्रु का शत्रु वह अपना मित्र यही कहावत मानी
और धैर्य से की प्रतीक्षा मदद की ।
जिसने दी मदद उससे ली ।
अपने बलबूते पर बनाई आज़ाद हिंद फौज
और चकित कर दिया दुष्मनों को भी ।
और कितनी करीब थी मंजिल जब रास्ता गुम हो गया ।
अपनों ने ही तुम्हें पराया कर दिया ।
चाहे यश किसी और दरवाजे पर चला गया,
पर तुम, सिर्फ तुम्ही थे उस सदी के महानायक ।
18 टिप्पणियां:
इसमें कोई शक नहीं -नेता जी को नमन!
नेताजी को नमन. काश वे कुछ वर्ष और जीवित रहते (आफिशियली).
बढ़िया है दीदी |
आभार-
सादर नमन ||
नेता जी को याद किया आप ने इन सुन्दर शब्दों के साथ...हमारा भी उन्हें शत शत नमन है.
नेताजी को नमन....जय हिन्द
सदी के महानायक को नमन .....
बहुत उम्दा लिखा है |
आशा
नेता जी सुभाष को नमन!
बहुत बढ़िया लिखा है आपने
नेता जी सुभाष चन्द्र बोस को शत शत नमन !
वो जो स्वयं विलुप्तता मे चला गया - ब्लॉग बुलेटिन नेता जी सुभाष चन्द्र बोस को समर्पित आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
बात सुनाना तुमको आया,
गर्व जगाना तुमको आया,
राज मान कर बैठे नश्वर, अंग्रेजों को,
दीन हीन बन बैठे अपने, देश जनों को,
शक्ति बची किसमें है कितनी,
सत्य दिखाना तुमको आया।
नेता जी को शत शत नमन है.
recent post: गुलामी का असर,,,
वे वाकई महानायक थे ...
आभार उन पर लिखने के लिए !
नेता जी के प्रति समर्पित यह रचना बहुत अच्छी लगी।
अति सुन्दर ,भावपूर्ण रचना ...
शत शत नमन
अपने बलबूते पर बनाई आज़ाद हिंद फौज
और चकित कर दिया दुष्मनों को भी ...
नमन नेता जी को ....!!
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