ये जगमगाता चांदनी का दरिया
और उसमें दमकता सा तुम्हारा चेहेरा
ये अनोखी सी मदभरी ठंडक
अपनी नजदीकियों की ये गरमाहट ।
ये शरद की लुभावनी सी ऋतु
ये फिज़ा भी महकती महकाती
ये चारों और बिखरी सुंदरता
चांदनी में कुछ और ही चमचमाती
।
जुबाँ खामोश, आँख बात करती सी
उंगलियां हाथों में थरथरातीं सी
ये हलकी सी होंटों की जुंबिश
जुल्फों की छांव घने बादल सी ।
ये प्यारे पल हमारे प्रेम-पगे
इनको हमेशा जहन में रख्खेंगे
फिर चाहे आये अंधेरी अमावस कोई
रोशनी से उसको भी नहला देंगे ।
19 टिप्पणियां:
चाँदनी में नहायी रात,
सपनों में सकुचायी रात,
निहार लो, विहार लो,
अपनों में समायी रात।
चेहरा खुश्बू चांदनी, चली दिखाती राह ।
प्रेरित कर मौजूदगी, दे अदम्य उत्साह ।
दे अदम्य उत्साह, लगे उंगली है पकड़ी ।
जगी अनोखी चाह, प्रेम में जकड़ी जकड़ी ।
डूब गया अब चाँद, अमावस में है पहरा ।
चलूँ अनवरत श्याम, देख के तेरा चेहरा ।।
बहुत सुन्दर रचना है ..बढ़िया
वाह ... बेहतरीन
ये प्यारे पल हमारे प्रेम-पगे
इनको हमेशा जहन में रख्खेंगे
फिर चाहे आये अंधेरी अमावस कोई
रोशनी से उसको भी नहला देंगे ।bahut acchi...prastuti....
ये प्यारे पल हमारे प्रेम-पगे
इनको हमेशा जहन में रख्खेंगे
फिर चाहे आये अंधेरी अमावस कोई
रोशनी से उसको भी नहला देंगे ... इससे अच्छी जगमगाहट और क्या होगी
जुबाँ खामोश, आँख बात करती सी
उंगलियां हाथों में थरथरातीं सी
ये हलकी सी होंटों की जुंबिश
जुल्फों की छांव घने बादल सी,,,,
बहुत ही बढ़िया रचना लगी मुझे,,,,बधाई,,,
RECENT POST LINK...: खता,,,
ये तो वाकई शानदार है.
जिनके दिल-जज्बात रौशन हैं...उन्हें अमावस की परवाह भला क्यों होने लगी...
चाँदनी के दरिया में
बहा दिया हर अंधेरा
बस याद रहा वो लम्हा
जो था बस तेरा - मेरा ।
बहुत खूबसूरत रचना
ये शरद की लुभावनी सी ऋतु
ये फिज़ा भी महकती महकाती
ये चारों और बिखरी सुंदरता
चांदनी में कुछ और ही चमचमाती ।
मनमोहक शब्दिक चित्रण ......
चाँदनी का ज्वार !
कवि-मन बहा रहा है
उद्दाम मन की कामना ,
ले भाव वेग अपार !
ये प्यारे पल हमारे प्रेम-पगे
इनको हमेशा जहन में रख्खेंगे
फिर चाहे आये अंधेरी अमावस कोई
रोशनी से उसको भी नहला देंगे ।
खूबसूरत....
बहुत सुंदर ..
सुंदर। अच्छी कविता है।
ये प्यारे पल हमारे प्रेम-पगे
इनको हमेशा जहन में रख्खेंगे
फिर चाहे आये अंधेरी अमावस कोई
रोशनी से उसको भी नहला देंगे ।
अमावस को रोशनी से नहलाने की कल्पना अनूठी और प्रेरणादायी है।
सुन्दर....
बहुत सुन्दर रचना...
सादर
अनु
bahut sunder pyari abhivyakti.
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