मंगलवार, 24 अप्रैल 2012

कुछ और त्रिदल



आधी रात
लगायें घात
चोर और प्रेमी ।

हवा और मन
बिना तन
लगायें दौड ।

किसी के आंसू,
किसी का पसीना,
दोनों पानी ।

नेता और गुंडे
दोनो मुस्टंडे
दोनो लूटें ।

सब बेईमां
बेच के ईमां
दफनाते जमीर ।

जनता बेचारी
झूठ से हारी
करे समझौता

जैसी जनता
वैसा नेता
कितना सच ।

31 टिप्‍पणियां:

रविकर ने कहा…

सभी त्रिदल

प्रभावी ।।

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

चुप रहता हूँ,
चुप सहता हूँ,
पर कहता हूँ।

Satish Saxena ने कहा…

त्रिदल हों
या कविता
खूब प्रभावशाली

रश्मि प्रभा... ने कहा…

हवा और मन
बिना तन
लगायें दौड ।
...
हवा खामोश
मन खामोश
ये कैसी खलिश

सदा ने कहा…

हवा और मन
बिना तन
लगायें दौड ।

किसी के आंसू,
किसी का पसीना,
दोनों पानी ।
भाव बन हर शब्‍द बहुत कुछ कहता हुआ ।

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

सभी त्रिदल अपने में सक्षम ....

Suman ने कहा…

bahut sundar tridal arthpurn.....

Aruna Kapoor ने कहा…

सच्चाई बयाँ कर दी आपने!...सार्थक कृति!...बधाई आशा जी!

संजय भास्‍कर ने कहा…

कविता की प्रत्येक पंक्ति में अत्यंत सुंदर भाव हैं.... संवेदनाओं से भरी बहुत सुन्दर कविता...


संजय भास्कर

mridula pradhan ने कहा…

behad sunder.....

Vaanbhatt ने कहा…

हाइकू शेप की रचना बहुत अच्छी लगी...

P.N. Subramanian ने कहा…

बहुत प्रभावी प्रस्तुति. आभार.

Rakesh Kumar ने कहा…

सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति.
लाजबाब त्रिदल.

प्रेम सरोवर ने कहा…

सुंदर पोस्ट । मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

कमाल के त्रिदल!

Dr Xitija Singh ने कहा…

किसी के आंसू,
किसी का पसीना,
दोनों पानी ।... ahhh ... kya baat hai !!

sm ने कहा…

बहुत प्रभावी प्रस्तुति

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

बहुत बढ़िया प्रभावी प्रस्तुति, सुंदर रचना,.....

MY RECENT POST.....काव्यान्जलि.....:ऐसे रात गुजारी हमने.....

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

बहूत हि सार्थक और सुंदर प्रस्तुती....

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

बेहतरीन


सादर

M VERMA ने कहा…

आधी रात
लगायें घात
चोर और प्रेमी ।

वाह क्या बात है
सभी जोरदार

M VERMA ने कहा…

आधी रात
लगायें घात
चोर और प्रेमी ।

वाह क्या बात है
सभी जोरदार

M VERMA ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
amit kumar srivastava ने कहा…

न नेता ,न नीति ,न नीयत, न जाने नियति को क्या मंजूर |

रचना दीक्षित ने कहा…

नेता और गुंडे
दोनो मुस्टंडे
दोनो लूटें ।

क्या बात. बहुत सुंदर...

प्रतिभा सक्सेना ने कहा…

सार्थक त्रिदल,
रेखांकित छल
बड़े मनोहारी !

संध्या शर्मा ने कहा…

प्रभावशाली सशक्त अभिव्यक्ति...आभार...

दिगम्बर नासवा ने कहा…

वाह .... सभी लाजवाब खास कर हवा का मन ...

Aruna Kapoor ने कहा…

आधी रात
लगायें घात
चोर और प्रेमी ।

...मजा आ गया आशा जी!...बहुत खूब!

अनामिका की सदायें ...... ने कहा…

jabardast tridal.

mehhekk ने कहा…

bahut khub:)