बुधवार, 3 नवंबर 2010

स्नेह के दीप



स्नेह के दीप जलाओ रे
लौटेंगे राम हमारे ।
कुछ प्रेम पगे फल लाओ रे
आयेंगे राम हमारे ।।
उसने नही बनाया हमको
हिंदु, मुस्लिम, सिख, इसाई
भेजा प्रेममयी धरती पर
प्रीत की रीत सिखाई
फिर क्यूं तलवार चलाओ रे
कैसे लौटें राम हमारे ।। स्नेह के...
झगडे से किसका भला हुआ ?
यह मुआ तो वह भी गया
खून बहा जो भी धरती पर
इन्सानों का ही बहा
जीवन का राग सुनाओ रे
तब लौटें राम हमारे ।। स्नेह के...
छोडेंगे विरासत में हम क्या
उजडी धरती टूटा रिश्ता
मन से मन तक जाने का
जटिल चक्रव्यूह सा रस्ता
ना बैर को और बढाओ रे
कैसे आयें राम हमारे ।। स्नेह के...
बच्चे हैं कोमल मन के
ये फूल हैं इस उपवन के
इस बगिया को न उजाडो
बमों के कर के धमाके
मत इनको झुलसाओ रे
कोई लाओ राम हमारे ।। स्नेह के...

आप सब को दीपावली शुभ हो ।


38 टिप्‍पणियां:

Arvind Mishra ने कहा…

ऊर्जा और स्नेह अमन चैन को आमंत्रित करती कविता -आपको भी सपरिवार दीपोत्सव की अनगिन शुभकामनाएं !

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

भेजा प्रेममयी धरती पर ,
प्रेम की रीत सिखाई

प्रेरणादायी कविता...बहुत सुंदर।
आपको एवं आपके परिवार को दीपावली की मंगलकामनाएं।

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

राम की प्रतीक्षा, इस अयोध्या में सबको है।

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' ने कहा…

वाह...बहुत खूबसूरत
ये भी देखिए-
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम
छोड़कर चल दिए रस्ते सभी फूलों वाले
चुन लिए अपने लिए पथ भी बबूलों वाले
उनके किरदार की अज़मत है निराली शाहिद
दोस्त तो दोस्त, हैं दुश्मन भी उसूलों वाले

निर्मला कपिला ने कहा…

सुन्दर सन्देश देती रचना के लिये बधाई। आपको और आपके परिवार को दीपावली की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

सुंदर भाव और सुंदर कविता
एक सार्थक संदेश देती हुई।

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं

उपेन्द्र नाथ ने कहा…

उम्मीद की किरण जिंदा है राम जरूर लौटेगे . सुंदर प्रस्तुति . दीपावली के शुभ अवसर पर आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें

Aruna Kapoor ने कहा…

बच्चे हैं कोमल मन के
ये फूल हैं इस उपवन के
इस बगिया को न उजाडो
बमों के कर के धमाके
मत इनको झुलसाओ रे
कोई लाओ राम हमारे ।। स्नेह के...
बहुत सुंदर शिक्षाप्रद कविता!....बधाई!

रवि धवन ने कहा…

कुछ प्रेम पगे फल लाओ रे
आयेंगे राम हमारे ।
चंद शब्दों में सब कुछ कह गई कविता।
दीपावली की लख-लख बधाइयां।

P.N. Subramanian ने कहा…

सुन्दर रचना. वह सुबह जरूर आएगी... आपको और आपके परिवार में सभी को दीपावली की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं ! !

संजय भास्‍कर ने कहा…

प्रेरणादायी कविता...बहुत सुंदर
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामाएं ...

Abhishek Ojha ने कहा…

दीपावली मंगलमय और स्नेहमयी हो.

' मिसिर' ने कहा…

सुन्दर भाव-सुमन पिरोए हैं रचना में ...बहुत बधाई !

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

आपको भी दीपावली की शुभकामनायें... सादर

Unknown ने कहा…

दीपावली के इस शुभ बेला में माता महालक्ष्मी आप पर कृपा करें और आपके सुख-समृद्धि-धन-धान्य-मान-सम्मान में वृद्धि प्रदान करें!

Girish Kumar Billore ने कहा…

“नन्हें दीपों की माला से स्वर्ण रश्मियों का विस्तार -
बिना भेद के स्वर्ण रश्मियां आया बांटन ये त्यौहार !
निश्छल निर्मल पावन मन ,में भाव जगाती दीपशिखाएं ,
बिना भेद अरु राग-द्वेष के सबके मन करती उजियार !!
हैप्पी दीवाली-सुकुमार गीतकार राकेश खण्डेलवाल

Dorothy ने कहा…

रचना सराहने और अपना स्नेहाशीष देकर उत्साहवर्द्धन के लिए आभारी हूं.

इस ज्योति पर्व का उजास
जगमगाता रहे आप में जीवन भर
दीपमालिका की अनगिन पांती
आलोकित करे पथ आपका पल पल
मंगलमय कल्याणकारी हो आगामी वर्ष
सुख समृद्धि शांति उल्लास की
आशीष वृष्टि करे आप पर, आपके प्रियजनों पर

आपको सपरिवार दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं.
सादर
डोरोथी.

VIJAY KUMAR VERMA ने कहा…

मनमोहक रचना ....
आपको व आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ

Meenu Khare ने कहा…

सुन्दर रचना.दीप पर्व की हार्दिक बधाई।

मनोज कुमार ने कहा…

चिरागों से चिरागों में रोशनी भर दो,
हरेक के जीवन में हंसी-ख़ुशी भर दो।
अबके दीवाली पर हो रौशन जहां सारा
प्रेम-सद्भाव से सबकी ज़िन्दगी भर दो॥
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
सादर,
मनोज कुमार

Suman ने कहा…

bahut sunder rachna hai...........

Suman ने कहा…

asha tai diwali ki bahut bahut shubh kamanaye..........

प्रेम सरोवर ने कहा…

Rute rab ko manana asan hai kintu insan ko nahj---- lekin Aaj ke yug mein prem aur sneh ka Deep jalta rahe yehi kafi hai.

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

स्नेह के दीप जलाओ रे
लौटेंगे राम हमारे ...

उम्मीद से ही जहां है ....!!

Urmi ने कहा…

आपको एवं आपके परिवार को दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें!
बहुत ही सुन्दर और शानदार रचना ! बधाई!

दिगम्बर नासवा ने कहा…

काश राम सबके मन में विराजे होते ... बहुत अछा सन्देश दिया है आपने ... दीपावली की मंगल कामनाएं ..

Alpana Verma ने कहा…

राम लौटेंगे ..मगर कब..सभी को इंतज़ार है..
स्नेह के दीप जलाए रखना ..राम अवश्य लौटेंगे..
-कविता में बहुत अच्छे भाव हैं.

दिव्यांशु भारद्वाज ने कहा…

प्यार बांटते चलो
मिलेंगे राम हमारे रे
आपकी कविताएं बहुत प्रेरणादायी होती हैं। इनके भाव को अगर लोग अपना लें तो राम राज्य जरूर आएगा।

daanish ने कहा…

झगडे से किसका भला हुआ ?
यह मुआ तो वह भी गया
खून बहा जो भी धरती पर
इन्सानों का ही बहा
जीवन का राग सुनाओ रे....

शब्द शब्द में प्रेरणा और सद्भाव का संचार
हो रहा है ...
काव्य की गरिमा और आपकी पावन सोच
को अभिनन्दन कहता हूँ ...

सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼ ने कहा…

Insh'Allah!
Ashish

palash ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना

बेनामी ने कहा…

आपकी एक पुरानी रचना कल सुबह भारतीय समयानुसार ७ बजे मेरे ब्लॉग पर प्रकाशित हो रही है..जरूर आएँ ...

mridula pradhan ने कहा…

bahot achchi lagi.

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

इस बगिया को न उजाडो
बमों के कर के धमाके
मत इनको झुलसाओ रे
कोई लाओ राम हमारे
सुन्दर संदेश देती सुन्दर कविता.

ZEAL ने कहा…

उसने नही बनाया हमको
हिंदु, मुस्लिम, सिख, इसाई
भेजा प्रेममयी धरती पर
प्रीत की रीत सिखाई
फिर क्यूं तलवार चलाओ रे
कैसे लौटें राम हमारे ...

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प्रेरणादायी कविता

.

Aruna Kapoor ने कहा…

बहुत सुंदर रचना!....हर पंक्ति में अहन अर्थ छिपा हुआ है!

निर्मला कपिला ने कहा…

उसने नही बनाया हमको
हिंदु, मुस्लिम, सिख, इसाई
भेजा प्रेममयी धरती पर
प्रीत की रीत सिखाई
फिर क्यूं तलवार चलाओ रे
बहुत सुन्दर सन्देश दिया है आपने इस रचना के माध्यम से। बधाई आपको ये स्नेह के दीप सदा जलते रहें।

mehek ने कहा…

sach hai,sneh aur prem mein hi ishwar nivas karte hai,sunder rachana.