दिल में ऐसे बसा रहा कोई
दिल को मंदिर बना गया कोई ।
किसने की आपसे कोई फरियाद,
कैसे शिकवा, गिला हुआ कोई ।
मैने माना कि कह के आना था,
(पर) आपसे क्यूँ मिला किया कोई ।
दाल महंगी है सब्जी जहरीली,
फिर तो फाँका किये रहा कोई ।
जो ये सरकार करे फिक्रे-अवाम
फिर तो जादू चला गया कोई ।
बदले हालात के न लेना तुम सपने,
उनको जालिम चुरा गया कोई ।
यही जीवन है तो, ऐसा ही क्यूँ है
जलते सवालात दे गया कोई ।
21 टिप्पणियां:
बदले हालात के न लेना तुम सपने,
उनको जालिम चुरा गया कोई ।
यही जीवन है तो, ऐसा ही क्यूँ है
जलते सवालात दे गया कोई
waah bahut khub kahi,sunder rachana
दाल महंगी है सब्जी जहरीली,
फिर तो फाँका किये रहा कोई ।
जो ये सरकार करे फिक्रे-अवाम
फिर तो जादू चला गया कोई ।
आज की सच्चाई !
यही जीवन है तो, ऐसा ही क्यूँ है
जलते सवालात दे गया कोई
" एक दम सच्चे हालात बयाँ करती पंक्तियाँ सुन्दर"
regards
दाल महंगी है सब्जी जहरीली,
फिर तो फाँका किये रहा कोई .
-बहुत सही..
खूब कही है ग़ज़ल आशा जी आप ने.
आभार .
आजकल के हालात! समझ में नहीं आ रहा की यह कहाँ पहुंचेगा. सुन्दर रचना. आभार
शीर्षक के अनुरूप रचना .. सचमुच जलते सवालात हैं ये !!
ye jalte sawalat bahut jayaj hain
बहुत अच्छी रचना लिखी है आपने
यही जीवन है तो, ऐसा ही क्यूँ है
जलते सवालात दे गया कोई ....
bilkul sahi.....
bahut hi sunder rachna...
बहुत अच्छी रचना लिखी है आपने,एक दम सच्चे हालात बयाँ करती पंक्तियाँ, सुन्दर !!
एक बेहतरीन रचना मैम..
यही जीवन है तो, ऐसा ही क्यूँ है
जलते सवालात दे गया कोई ......
isi me dahakte hue umra bit jati hai,bahut alag se ehsaas
शुरू के दो शेर पढकर तो लगा प्रेम की कोई रचना है लेकिन दाल महंगी है सब्जी जहरीली,
फिर तो फाँका किये रहा कोई ।
यह तो खतरनाक रचना है ।
"यही जीवन है तो, ऐसा ही क्यूँ है
जलते सवालात दे गया कोई ।"
वाह वाह, और मेरे ब्लाग पर पहले कमेन्ट के लिये शुक्रिया... :)
अच्छे भाव...... साधुवाद..
ashaji
sshkt rchna .jvalnt prshn liye .
fir bhi vo subh kbhi to aayegi
abhar
निर्मला कपिला जी ने लिखा है
बहुत सुन्दर कविता है आखिरी चार पँक्तियाँ तो दिल को छू गयी हैं बहुत बहुत शुभकामनायें।
दाल महंगी है सब्जी जहरीली,
फिर तो फाँका किये रहा कोई .
...bahut sahi
बदले हालात के न लेना तुम सपने,
उनको जालिम चुरा गया कोई ।
बहुत सुन्दर रचना.
यही जीवन है तो, ऐसा ही क्यूँ है
जलते सवालात दे गया कोई ।
अक्सर ये सवाल आते है कि क्या यही जिन्दगी है
बहुत सुन्दर रचना
एक टिप्पणी भेजें