गुरुवार, 15 अक्तूबर 2009

दूर हों अंधेरे


दूर हों अंधेरे, मन के
जन-जन के,
रोशनी बसे मन में
कण कण के ।
जले दीप हर आंगन
स्वागत का,
प्रेम भाव पनप उठे ।
आगत का
बैर भाव, जल जाये
पटाखों मे,
हों एकजुट देश-हित
लाखों में ।
वाणी में रस घुले
मिठाई सा,
मन में सौहार्द जगे
भाई सा ।
माँ सा हो क्षमा भाव
अब मन में,
पिता सा धैर्य रहे
जीवन में ।
दीवाली पर मिले यही
उपहार हमे,
और लक्ष्मी दें यही
वरदान हमें ।

आप सबको दिवाली की अनेक शुभ-कामनाएँ ।

21 टिप्‍पणियां:

seema gupta ने कहा…

झिलमिलाते दीपो की आभा से प्रकाशित , ये दीपावली आप सभी के घर में धन धान्य सुख समृद्धि और इश्वर के अनंत आर्शीवाद लेकर आये. इसी कामना के साथ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ दीपावली की हार्दिक शुभकामनाए.."
regards

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

आपको और आपके परिवार को दीपावली की ढेरो शुभकामनाये आशाजी !

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) ने कहा…

deepawali ke paavan parv pe aapki yeh kavita bahut achchi lagi........

aapko deepawali ki haardik shubhkaamnayen...........

संगीता पुरी ने कहा…

अच्‍छी रचना है .. आपको दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं !!

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

सुंदर व्यंजनाएं।
दीपपर्व की अशेष शुभकामनाएँ।
आप ब्लॉग जगत में महादेवी सा यश पाएं।

-------------------------
आइए हम पर्यावरण और ब्लॉगिंग को भी सुरक्षित बनाएं।

mehek ने कहा…

दूर हों अंधेरे, मन के
जन-जन के,
रोशनी बसे मन में
कण कण के ।
khup surekh,diwali chya shubhechya

शिवम् मिश्रा ने कहा…

आप सभी को दीपावली की हार्दिक बधाई और शुभकामना।

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

माँ सा हो क्षमा भाव
अब मन में,
पिता सा धैर्य रहे
जीवन में ।
बहुत ही सार गर्भित लेखन
आपको सपरिवार दीपावली की बधाई
आपका जीवन हो हमेशा सुखदाई

ओम आर्य ने कहा…

बढ़ा दो अपनी लौ
कि पकड़ लूँ उसे मैं अपनी लौ से,

इससे पहले कि फकफका कर
बुझ जाए ये रिश्ता
आओ मिल के फ़िर से मना लें दिवाली !
दीपावली की शुभकामना के साथ
ओम आर्य

Udan Tashtari ने कहा…

सुन्दर रचना..

सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

-समीर लाल ’समीर’

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

बहुत सुन्दर। मां महालक्ष्मी अपनी सम्पूर्ण कृपा रखें आप पर।

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` ने कहा…

स स्नेह दीपावली की शुभकामनाएं
आपके परिवार के सभी के लिए
- लावण्या

शोभना चौरे ने कहा…

बहुत सुंदर कविता और दीपावली का आपके द्वारा दिया संदेस |एक नन्हा दिया अपने आप को जलाकर अमावस को प्रकाशवान कर देता है |
आपको आपके परिवार को दीपावली मंगलमय हो |
शुभकामनाये बधाई

शोभना चौरे ने कहा…

बहुत सुंदर कविता और दीपावली का आपके द्वारा दिया संदेस |एक नन्हा दिया अपने आप को जलाकर अमावस को प्रकाशवान कर देता है |
आपको आपके परिवार को दीपावली मंगलमय हो |
शुभकामनाये बधाई

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

बहुत सुन्दर भाव है रचना के।
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाए.

vikram7 ने कहा…

दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें

Dev ने कहा…

Asha ji aapke blog par paheli bar aaya...aapki bahv purn kavita bahut achchi lagi...Aap ko Diwali ki Hardik shubh kamnayen...

Regards...

गौतम राजऋषि ने कहा…

सुंदर रंगोली के संग मोहक रचना...

डॉ टी एस दराल ने कहा…

दिवाली पर रचित अति सुन्दर भाव.
शुभकामनाएं.

नीलिमा सुखीजा अरोड़ा ने कहा…

सुंदर रचना
...दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं

संजय भास्‍कर ने कहा…

सुन्दर रचना..