बुधवार, 2 सितंबर 2009

घुमक्क्डी-4



आज हमारा प्रोग्राम कैली टार्टलन का था । केली टार्टलन न्यूझीलैन्ड का एक एक्सप्लोरर, डायव्हर एवं और एडवेंचरर था, ( क्षमा चाहती हूँ इनमें से किसी शब्द की मुझे हिंदी नही आती ) जिसकी असीम इच्छा थी कि उसके ये अद्भुत अनुभव दुनिया भी देखे । इसीसे उसने 1985 में ये पानी के अंदर की दुनिया बसाने का अपना सपना पूरा किया । इसे केली टार्टलन के नाम से ही जाना जाता है । आज तो इसमें कितने नये नये आयाम जुड चुके हैं । यहां आकर हमें न्यूजीलैन्ड के दोनों और के समुद्रों ( दक्षिणी तथा प्रशांत महासागर ) के जीवन का अच्छी जानकारी मिलती है । कैली टार्टलन के लिये हमें स्काय टॉवर से उनकी बस लेनी थी जिसका किराया टिकिट में ही था ।तो हम यूनिवर्सिटी गये पैदल वहां से फ्री बस से स्काय टॉवर पहुंचे । दस मिनिट में हमारी बस आगई ।
यहां पर पेंगुइन्स का विशेष विभाग है जिसे देखने की हमें बडी इच्छा थी बडे बडे पोस्टर जो कह रहे थे ,” Experience Antarctica” तो टिकिट लेकर पहले उसी लाइन में लग गये ।यहाँ एन्टार्टिका के किंग तथा जेन्टू पेंगुइन की बस्ती बसाई गई है । यह टूर एक विशेष गाडी में लेनी होती है जिसका नाम है स्नो कैट । सफेद रंग की यह गाडी एक टनल के अंदर से गुजरती है, इसी में सवार होकर हम सब के सब चल पडे ।(विडिओ देखें)


पहले तो बरफ ही बरफ दिखा मानो एन्टार्कटिका साकार हो गया हो, और फिर उस पर चलते हुए पेंगुइन। एकदम सीधे खडे होते हैं ये पक्षी आदमियों की तरह । कुछ तो एकदम स्टेचू की तरह खडे थे जैसे हिलेंगे तो अंडे टूट जायेंगे । आगे एक दिखा जो अपने डैने हिला हिला कर कुछ कह रहा था शायद खाना मांग रहा था । और एक दूसरा हैड मास्टर की तरह घूम रहा था, जैसे हाथ पीछे बंधे हों । फिर कुछ पानी में तैरते हुए उछलते हुए भी दिखे इन्हे देख कर बडा मज़ा आया । ये सब आप सिर्फ कांच के बाहर से ही देख सकते हैं । एक सील भी देखी । और देखी एन्टार्कटिका की अंतर्राष्ट्रीय एक्सपीडीशन-हट जहां और देशों के झंडों के साथ भारत का झंडा देख कर खूब खुशी हुई । पैंगुइन्स को खाना खाते हुए भी हमने देखा इसके लिये मै जयश्री और सुहास दुबारा स्नो कैट में गये , किस मजे से वे मछली ले रहे थे और खा रहे थे । एक का पेट भर गया था तो वह इनकार करने लगा और मछली नीचे डाल दी ।(विडिओ देखें)

इन्हें देख कर वापस आये तो आगे हमें समुद्री खजाना (सी वर्ल्ड) देखना था । आजकल यहाँ का आकर्षण था स्टिंग रे । इसके अलावा, शार्क्स, सामन, ग्रोपर्स, स्कॉर्पियन मछली, तरह तरह की अन्य मछलियां भी थीं जैसै पाइप फिश और सी-हॉर्स जिन्हें देख कर बहुत मज़ा आया । मर्रे ईल्स भी थीं यहाँ उन्हें देख कर सुहास को और मुझे विश्वास हो गया कि हमने हवाई में जो देखा था वह समुद्री सांप ही था कोई मर्रे ईल नही थी। (विडिओ देखें)

स्टिंग रे के फिन्स का स्पेन काफी बडा था और उसके लहराते मूवमेन्ट्स देख कर बहुत ही आनंद आ रहा था । एक जायंट पतंग की तरह लगती है ये स्टिंग रे । इसके पूंछ के पास काटेनुमा poison gland होती है जो यह अपने शिकार को अचेत करने के लिये इस्तेमाल करतीं हैं । कुछ लॉबस्टर्स भी देखें । (विडिओ देखें)

एक जगह एक कछुआ देखा जो बहुत ही धीरे धीरे आगे बढ रहा था और याद दिला रहा था कछुए तथा खरगोश की कहानी । इसका रंगों का ड्जाइन बडा आकर्षक था ।
फिर देखे सी-एनिमॉन्स और स्पॉन्जेस सुहास बार बार उन्हें सी-एनिमोनी कह रही थी, पता चला अमरीका में यही कहते हैं । उनके नाजुक नाजुक टेन्टेकल्स इतनी खूबसुरती के साथ लहरा रहे थे कि मज़ा आगया । हालाँकि ये खाना जुटाने का एक साधन है । प्रकृती में सौदर्य कहाँ कहाँ बिखरा पडा है आप भी देखें विडिओ में कि कितने सुंदर हैं ये जीव। वहाँ पर बहुतसा समय बिताया शार्क मछलियां भी देखीं पर तुलनात्मक रीति से ये सिनेमा मे दिखाते हैं उससे काफी छोटी थीं और तेज थीं पर खूंखार नही लग रही थीं ।(विडिओ देखें)

सोचा था इसके बाद मिशन बीच जायेंगे पर वहाँ जाने का रास्ता कुछ ठीक नही था, और शायद वो रेतीला बीच भी नही था, थक भी गये थे तो सोचा क्यूं न यहीं थोडा चाय नाश्ता हो जाये तो हम लोगों ने वहीं के रेस्टॉरेन्ट में हॉट चॉकलेट और थोडे चिप्स लिये और थोडा सा सुस्ता लिये । फिर एक बार सोचा विक्टोरिया मार्केट चला जाये पर थकान कह रही थी “विनोSS द घर चलते हैं” सो वही किया ( आपकी सुविधा के लिये बता दूं कि ये जाने भी दो यारों का डायलॉग है ।) टैक्सी ली और वापस ।(विडिओ देखें)


अपार्टमेन्ट आकर सब सो गये फिर उठ कर चाय पी खाने का जुगाड किया दिन भर की शूटिंग देखी ।
कल कोई न कोई बीच देखना था और दिन वहीं बिताना था । वैसे ते यहाँ कई और भी आकर्षण थे जैसे क्रूज़ जिसमें व्हेल और डॉलफिन वॉचिंग के लिये जा सकते हैं पर हम ये सब कैपकॉड में कर चुके थे इसीसे आयडिया ड्रॉप कर दी । हां एक वाइटोमो केव्हज् देखने के लिये क्रूज़ थी, पर बहुत महंगी थी सो नही गये । यह क्रूज-बोट केव्स के अंदर ले जाती है जहाँ गुफा के अंदर हजारों जुगनुओं के प्रकाश में आप प्रकृति का करिश्मा देख सकते हैं । एक और क्रूज़ रंगीटोटो आयलैन्ड पर भी जाती है । जहां पर ज्वालामुखी का मुख देख सकते हैं पर रंगीटोटो ज्वालामुखी, जो आजकल सुप्त है, हमारे अपार्टमेन्ट से ही दिख जाता था तो.........( पर ये आप की जानकारी के लिये है )। चिडिया घर और दूसरे दूसरे खूबसूरत द्वीपों के लिये भी क्रूज़ थी पर वे सब दो या तोन दिन की थीं । (क्रमश: )

10 टिप्‍पणियां:

Khushdeep Sehgal ने कहा…

आशाजी, इतना घूमने और थकने के बावजूद आप एक-एक चीज़ को इतना बारीकी से कैसे याद रख लेती हैं...चश्मेबद्दूर...वैसे ये तो हमारा ही फायदा है कि हमें न्यूज़ीलैंड-यात्रा का इतना सजीव चित्रण मिल रहा है...थोड़ी यादाश्त बढ़ाने की हमें भी घुट्टी दीजिए न..

निर्मला कपिला ने कहा…

आशाजी आपका यात्रा व्रितांत पढ कर लगता है कि आपके माध्यम से ही हम सारी दुनिया की सैर कर लेंगे। वीडिओ बहुत पसंद आये। और न्यूज़ीलैँड देखने की इच्छा वलव्ती हो उठी । आपका बहुत बहुत धन्यवाद और शुभकामनायें कि आप इसी तरह घूमती फिरती रहें और हमे दुनिया की सै करवाती रहें आभार्

Abhishek Ojha ने कहा…

बड़ी एडवेंचरपूर्ण यात्रा रही आपकी. पेन्गुइनस का तो जवाब नहीं. बड़ी क्यूट होती हैं.

राज भाटिय़ा ने कहा…

आशा जी मजा आ गया आप का लेख पढ कर ओर विडियो देख कर... हमारे यहां चिडिया घर ओर ऎसा ही एक मच्छी घर जमीने के नीचे बना रखा है जहां यह पेन्गुइन को देखने का मोका मिला, सच कहुं तो इन्हे देख कर दिल नही भरता, इन की शारारते बहुत अच्छी लगती. आप का धन्यवाद

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

पेंग्विन? वाह! उनके बारे में और लिखिये जी!

vikram7 ने कहा…

चलिये हमे भी आपके माध्य्म से न्यूज़ीलैंड यात्रा का सजीव चित्रण देखने को मिल रहा हॆ,धन्यवाद

mehek ने कहा…

aapne pegwin dekheso sweet aur hamne bhi dekh liye,bahut sunder.

सर्वत एम० ने कहा…

आप मुफ्त में उन जगहों की सैर करा रही जो हम जैसों के लिए सपना है. यकीन करें, यह पुण्य ही धरती पर स्वर्ग के नजारे दिखा रहा है. इतने बढ़िया लेखन के लिए बधाई. आपकी लेखनी ऐसी ही धार बनाये रखे... और हाँ, मुझे याद रखने के लिए शुक्रिया.

Arshia Ali ने कहा…

यात्रा वृत्तांत के क्षेत्र में आपने मील के पत्थर जमा दिये।
{ Treasurer-S, T }

बेनामी ने कहा…

बहुत गजब गजब की चीजें खोज कर लाते हैं आप। अदभुत, रोचक, ज्ञानवर्द्धक।
वैज्ञानिक दृ‍ष्टिकोण अपनाएं, राष्ट्र को उन्नति पथ पर ले जाएं।