नमस्ते गिरि नन्दिनि,
महिषासुर मर्दिनि
शुंभ निशुंभ क्रंदिनि,
मधु,कैटभ गंजिनि।
दक्ष-यज्ञ ध्वंसिनि,
कर्पूर गौरं तोषिणि
समस्त भव-भय हारिणि
संसार सागर तारिणि
शक्ति भक्ति स्वरूपिणि,
भक्त संकट वारिणि,
समस्त जग तव पुत्रवत्
हे मातु सुख प्रदायिनि।
तव चरणं शरणं जगत,
हे मातु अभय दायिनि,
शक्ति, देश रक्षा हेतु
दे मातु स्वानंदिनि।
फोटो गूगल के सौजन्य से।
15 टिप्पणियां:
जय माता की
सुन्दरम मनोहरं शक्तिस्वरूपा को शतश :प्रणाम।
बहुत सुंदर प्रार्थना, हार्दिक शुभकामनाएं.
रामराम.
माता को नमन
सुंदर रचना !
दुर्गा स्तुति बहुत सुन्दर है ताई !
बहुत सुंदर दुर्गा स्तुति ....
जय हो, मतेश्वरी की!
जय माता दी,सुंदर स्तुति,,,
नवरात्रि की शुभकामनाएँ ...!
RECENT POST : अपनी राम कहानी में.
तव चरणं शरणं जगत,
हे मातु अभय दायिनि,
शक्ति, देश रक्षा हेतु
दे मातु स्वानंदिनि------
नवरात्र की हार्दिक शुभकामनायें
बहुत सुंदर वंदना
सादर
नमस्ते गिरि नन्दिनि,
महिषासुर मर्दिनि
शुंभ निशुंभ क्रंदिनि,
मधु,कैटभ गंजिनि।
दक्ष-यज्ञ ध्वंसिनि,
कर्पूर गौरं तोषिणि
समस्त भव-भय हारिणि
प्रांजल भाषा में अप्रतिम भावाभिव्यक्ति।
भावपूर्ण ... सुन्दर अर्चना माँ के चरणों में ...
दशहरा की मंगल कामनाएं ...
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