गुरुवार, 10 अक्तूबर 2013

दुर्गा स्तुति






नमस्ते गिरि नन्दिनि,
महिषासुर मर्दिनि
शुंभ निशुंभ क्रंदिनि,
मधु,कैटभ गंजिनि।

दक्ष-यज्ञ ध्वंसिनि,
कर्पूर गौरं तोषिणि
समस्त भव-भय हारिणि
संसार सागर तारिणि

शक्ति भक्ति स्वरूपिणि,
भक्त संकट वारिणि,
समस्त जग तव पुत्रवत्
हे मातु सुख प्रदायिनि।

तव चरणं शरणं जगत,
हे मातु अभय दायिनि,
शक्ति, देश रक्षा हेतु
दे मातु स्वानंदिनि।

फोटो गूगल के सौजन्य से।



15 टिप्‍पणियां:

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ ने कहा…

जय माता की

virendra sharma ने कहा…

सुन्दरम मनोहरं शक्तिस्वरूपा को शतश :प्रणाम।

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बहुत सुंदर प्रार्थना, हार्दिक शुभकामनाएं.

रामराम.

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

माता को नमन

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सुंदर रचना !

Suman ने कहा…

दुर्गा स्तुति बहुत सुन्दर है ताई !

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत सुंदर दुर्गा स्तुति ....

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

जय हो, मतेश्वरी की!

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

जय माता दी,सुंदर स्तुति,,,
नवरात्रि की शुभकामनाएँ ...!

RECENT POST : अपनी राम कहानी में.

Jyoti khare ने कहा…

तव चरणं शरणं जगत,
हे मातु अभय दायिनि,
शक्ति, देश रक्षा हेतु
दे मातु स्वानंदिनि------

नवरात्र की हार्दिक शुभकामनायें

बहुत सुंदर वंदना
सादर

virendra sharma ने कहा…

नमस्ते गिरि नन्दिनि,
महिषासुर मर्दिनि
शुंभ निशुंभ क्रंदिनि,
मधु,कैटभ गंजिनि।

दक्ष-यज्ञ ध्वंसिनि,
कर्पूर गौरं तोषिणि
समस्त भव-भय हारिणि

प्रांजल भाषा में अप्रतिम भावाभिव्यक्ति।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

भावपूर्ण ... सुन्दर अर्चना माँ के चरणों में ...
दशहरा की मंगल कामनाएं ...

सुशील कुमार जोशी ने कहा…
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सुशील कुमार जोशी ने कहा…
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सुशील कुमार जोशी ने कहा…
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