रविवार, 11 जुलाई 2010
जीवन चलने का नाम..बार्सीलोना..1
हमारी उ़डान थी साडे आठ बजे तो हम ५ बजे ही तैयार होकर निकले हवाई अड्डा काफी दूर था । सामान चेक इन करन के बाद हम बीट्रीस का वेट कर रहे थे वह एयर पोर्ट आकर बचा हुआ सारा सामान हमसे लेने वाली थी कैटल मग्ज और खाने की चीजें जो हमने उसे सोंपी । हमारे सिकयूरिटी चेक में जाने तक वह हमारे साथ ही रही । फिर हम लाइन में लगे सिक्यूरिटी चेक करवाया और फिर वही ढेर सारे एस्केलेटर्स और ट्रेन वगैरा लेकर हम अपने गेट पर पहुँचे ।वहाँ बैठ कर कॉफी पी । उडान समय पर थी । और बार्सीलोना भी हम समय पर पहुँचे । हम बाहर आये ही थे कि हमे एनातोली भी दिख गये । ये हाल ही में मार्च में भारत आये थे तब हमारे पास रहे थे इसीसे पहचानने में आसानी हुई । उनके साथ हम सामान लेकर पार्किंग लॉट पहुँचे । गाडी काफी बडी थी पर थी पुरानी । गाडी अभी पार्किंग लॉट से निकली भी नही थी कि गाडी का टायर पंक्चर हो गया । फिर प्रकाश और एनाटोले ने मिलकर टायर चेन्ज किया तब जाकर हमारी सवारी चली । एनातोली का घर सेगूर-दि-कलाफेल में है जो कि एयर पोर्ट से ४० किलोमीटर की दूरी पर है । वहां जाने में हमे एक घंटा लगा । घर जाकर सामान अपने अपने कमरे में रखा और चल पडे खाना खाने । खाना एक इतालवी रेस्तरॉँ में खाया । बहुत अच्छा खाना था । दाम भी अच्छे थे, ८३ यूरो ।
घर आने के पहले हम ग्रोसरी स्टोर गये और -४० ४५ यूरो की ग्रोसरी खरीद ली ताकि खाना घर में बनाया जा सके यहां हमे चार दिन रहना था । खाने के बाद हम थोडी देर बीच पर गये बीच एनातोली के घर के पास ही था बल्कि उसके बालकनी से दिखता था । समंदर का नीला पानी, रेत और हवा एक खूबसूरत माहौल बनाती है जिसका हमने जी भर के आनंद उठाया । गाडी किराये की थी और टायर पंक्चर था तो एनातोली उसको ठीक कराने ले गये पर टायर रिपेयर के काबिल भी नही था इसका मतलब कंपनी ने हमे घटिया गाडी दी । पर क्या करें गाडी के बिना घूमते कैसे । यह तय किया कि ये गाडी तीन दिन के लिये ली है तो वापिस कर देंगे और फिर नई अच्छे कंडीशन वाली गाडी ले आयेंगे ।
शाम को चार बजे एनातोली हमें तारागोना के रोमन-रुइन्स देखने ले गये । बहुत चक्कर काटने के बाद भी हमे पार्किंग नही मिली एक पार्किंग लॉट में जगह मिली भी पर हमारी गाडी बडी थी और वहां फिट नही आ रही थी वहां से वापिस जाने मे एनातोली को काफी मशक्कत करनी पडी । बल्कि एक साइड से गाडी ठुक भी गई । बहर हाल थोडा सा रुक कर हमने तसवीरें तो ले ही लीं । (विडियो ) 205to223_1
रात को आकर फिर हमने खाना बनाया, खाया, गप्पे मारी थोडी वाइन पी और सो गये । हम तो वेज ही बना रहे थे पर एनातोली सब कुछ एन्जॉय कर रहे थे । दूसरे दिन हमे यहां का प्रसिध्द चर्च Segrada familia (the holy family ) देखने जाना था । ९ बजे चल पडेंगे एनातोली ने कहा था । और हम जल्दी जल्दी नहा धो कर तैयार हो गये । ब्रेकफास्ट किया और निकल पडे । जिस रास्ते से हम बार्सीलोना जा रहे थे बहुत ही खूबसूरत पहाडी घुमावदार रास्ता था एक तरफ से खाई थी कुछ देर बाद फिर समंदर आ गया । एक जगह एक सीमेट प्लांट दिखा कर एनातोली ने सुहास से कहा,” यही है वह सीमेंट प्लांट जिसे देखने तुम सुदूर अमेरिका से आई हो” । इस पर सब लोग खूब हँसे और फिर सीमेंट प्लांट एक दूसरे की खिंचाई करने का जरिया ही बन गया । “अरे अपना सीमेंट प्लांट कहां गया सुहास तो उसी के लिये आई है ना ।“ आप तो खूबसूरत दर्शनीय रास्ते का आनंद लीजिये । (विडियो ) 205to223_2
हम बार्सीलोना पहुँच कर एक जगह रुके यहाँ पास में एनातोली के दोस्त का घर था फिर वहां से हमने उनकी दोस्त कैतलीना और उसके प्यारे से बेटे डेनियल को लिया और हम चल पडे देखने केथीड्रल- सेग्रादा फेमिलिया यानि चर्च ऑफ होली फेमिली । ये होली फेमिली है जोजफ,मेरी और क्राइस्ट ।(विडियो ) 224_225to271_1
यह चर्च स्पेन के मशहूर आर्किटेक्ट एन्तोनियो गाउदी ने डिझाइन किया । यह कोई डेढसौ सालों से बन रहा है फिर भी अधूरा है और बन ही रहा है । कहते हैं गाउदी साहब से जब लोग पूछते किये कब पूरा होगा तो वे हंस कर कहते ,”क्या मुझे ही खत्म करना जरूरी है, मै नही तो कोई और करेगा । काम होना चाहिये और चलते रहना चाहिये ।“ यह बिल्कुल अलग किस्म की बनावट का है और क्राइस्ट के जीवन से जुडी घटनाएं इसमे मूर्ती रूप में साकार है । अनुमान लगाया जाता है कि शायद २०२६ में यह पूरा बनकर तैयार हो जायेगा । यह एक बार स्पेन के गृह युध्द में जल गया था, पर फिर से गाउदी के प्लान (जो बचा लिये गये थे ) के मुताबिक ही बनाया गया । सुहास को हालांकि ये चर्च बिल्कुल अच्छा नही लगा । कैसा अजीब सा आर्किटेक्चर है एकदम पुराना मिट्टी से बना सा लगता है ।
हम जैसे ही चर्च के पास पहुँचे हमने गाडी मे से से ही तस्वीरें लेना शुरू कर दिया और पास जाकर तो बहुत सारी लीं । दो कार्ड भी खरीदे मानसी, साक्षी के लिये एक और श्रेया (मेरी पोतियाँ ) के लिये एक सुहास ने भी अपने नाती पोतों के लिये कार्ड खरीदे और जयश्री ने भी ।
हमने घूम घूम कर सब ओर से इस चर्च की तस्वीरें और विडियो लिये । आप भी देखिये ये अनूठा चर्च । अंदर जाने के लिये बडा लंबा क्यू था और टिकिट भी । हम तो string बजट पर चल रहे थे । (क्रमशः)
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23 टिप्पणियां:
बहुत अच्छी यात्रा चल रही है आशा जी
आपके साथ-साथ हम भी आनंद ले रहे हैं।
आगे की कड़ी का इंतजार हैं।
शुभकामनाएं
bahut sundar yatra varnan hai..!
आनन्द आया आपके संग यात्रा कर के..अभी एक विडियो देखकर पेट पूजा हुई..अब बाकी देखेंगे. :) बहुत बढ़िया वृतांत.
बड़ी सुन्दर यात्रा। और की प्रतीक्षा है।
बहुत ही खूबसूरत बार्सेलोना वृत्तांत. खजूर जैसे एक पाम की वहां प्रचुरता है. उसे हमने गमले में लगा रखा है. आभार.
ांअशा जी आपका यात्रा वृतांट इतना अच्छा लग रहा है कि दिल चाहता है सब कुछ छोड कर आपके कार्वां मे शामिल हो जाऊँ\ शुभकामनायें
ललित भाई से सहमत हूँ ! आपका आभार !
ज्ञानवर्धक....शिक्षाप्रद....
और सबसे बढ़कर ये कि ....
पाठक को शुरू से अंत तक ...
बांधकर रखने वाली शैली है.
bahut aannnd a rha hai apke sath yatra me
सुन्दर वीडियोज के साथ मनमोहक यात्रावृतांत.. लगभग परफेक्ट है..
शुक्रिया आपका, वर्चुअल यात्रा करवाने के लिये।
अगली कड़ी का इंतज़ार करेंगे जी।
ओहो अपनी तो यूरोप यात्रा छूटती ही जा रही थी. जीवंत !
shaandaar Yatra vivran !....hum bhi aapke saath ghum rahe hain..
बड़ी सुन्दर यात्रा। और की प्रतीक्षा है।
अगली कड़ी का इंतज़ार करेंगे
yaatraa ka aanand
bahut bhalaa aur sukhad lg rahaa hai... abhaar .
आशा जी, आपसे ईर्ष्या होती है कि आप कैसे घूम लेती हैं इतना।
बहरहाल बार्सिलोना की सैर करनाने का शुक्रिया।
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पॉल बाबा की जादुई शक्ति के राज़।
सावधान, आपकी प्रोफाइल आपके कमेंट्स खा रही है।
आपके साथ यात्रा करने का आनंद ले रहे हैं हम भी .... सभी वीडियो मनोरम हैं ...
सुन्दरतम्
चलते रहिये.........
बहुत ही सुन्दर विडियो हैं ..आप के साथ हमने भी स्पेन की सैर कर ली .
कुछ भी कहें ..समुन्दर का नज़ारा बहुत सुन्दर लगता है.
Ab agli kadi ka intzaar hai.
पहली बार आई हूँ और बहुत सुन्दर रहा सफर ....
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http://www.coralsapphire.blogspot.com
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