झूट और सचझूट की चमक में कहीं सच है खोगया
कोयले की खान में हीरा फिसल गया।
अब कौन करेगा यकीन सच्ची बात पर
जब झूट ने इत्ता बडा वकील कर लिया ।
सबूत चाहिये, वह तो जुटा ही लेगा झूट
सच के सबूतों को इसने कबका ढक दिया ।
हम आप भी तो अक्सर अब बोलते हैं झूट
बचपन की सच्ची बात को हमने भुला दिया ।
सच का पहन के सूट चला जा रहा है झूट
सच को तो उसने अपना कफन है उढा दिया ।
कोशिश न करो तुम भी कभी बोलने की सच
कहना नही है झूट, तो बस मौन रख लिया ।
छोडो न यार ये किस झमेले में पड गये,
क्या सच है और झूट क्या किसने पता किया ।
12 टिप्पणियां:
बड़े लोग कुछ झूठे होते उसका होता अभिवादन।
सच में झूठ झूठ में सच का होता रहता प्रतिपादन।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
वाह वाह! झूठ जब विश्वसनीय हो जाये तो सच हो जाता है! :)
बिल्कुल सही है जी!!
बिलकुल सही विश्लेषण. एक पुराना गीत था अब याद नहीं किसने गाया, बोल थे "क्या सच है क्या झूट है". आभार.
हमारे राजनैतिक नेतागण झूठ को सच साबित करने की कला में माहिर हैं. सच है आज के परिदृश्य में झूठ और सच का पता लगाना मुश्किल होता जा रहा है.
सत्यवचन...
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चाँद, बादल और शाम
सही सुन्दर रचना ...
ये कविता सच है ! बाकी का नहीं पता :)
Wah...Sunder Kavita ke liye saadhuwad.
Aapko padhti aa rahee hun..comment karneki 2 baar koshish nakam rahee.."Aasha " kartee hun, aaj wo ichha pooree hogee..!
Aap kam alfazme, behtareen likhtee hain!
Aapko apne blogs pe bade dinose dekha nahee...I am missing u!
Khair, maine "The light by a lonely path" is alag blogpe kisi karanwash likhna band kar diya hai.
Vishayanusaar blogs bana liye hain..kul 13.
Jaiseki:
http//shamasansmaran.blogspot.com
yaa phir
http//kavitaa.blogspot.com.
http//aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.blogspot.com
Any blogs ahi:
Kahanee
dharoahar
baagwaanee
pardhaan
fiberaart
chindichindi
gruhsajja
lalitlekh
lizzat
kahanee
adi,adi...aapka intezar rahega..!
snehadar sahit
Shama
आपको कहने आयी थी , कि , "याद आती रही " कि अगली कड़ी लिखी है ...
सत्य और झूट के बारेमे एक बार मैंने एक रचना लिखी थी ...कभी ज़रूर पढियेगा !!
आपकी रचना पढी,तो मुझे अपनी कविता याद आ गयी...
निरपराध के पास सबूत कहाँ होते हैं ? वो अपराधी के पास होते हैं , जिन्हें वो नष्ट करना चाहता है ...अपनी "मासूमियत " को कानूनन , निरपराध को साबित करनी पड़ती है ...अपराधी को तो इस मुल्क का कानून भी मुफ्त वकील मुहैय्या करा देता है ..!
कसाब के वकील को सरकारी कोष में से ५०,०००/- माह धन राशी मिल रही है...जबकि, विडम्बना देखिये, जो भारतीय maare गए, उनके tax मेसे ये पैसे उसे मुहैय्या कराये जा रहे हैं!
इंदिरा गाँधी के हत्यारों को फाँसी चढाने में १० साल लग गए...जबकि, एक पंतप्रधान की हत्या हुई थी...और कई चश्म दीद गवाह थे ! हमारे क़ाबिल वकील, श्री जेठमलानी ने ये साबित कर दिया,कि, इस देश के क़ानून कितने घिसे पिटे हैं!
http://aajtakyahantak.thelightbyalonelypath.blogspot.com
http:shamasansmaran.blogspot.com
http://shama-baagwaanee.blogspot.com
"Baagwaanee" ब्लॉग भी , मालूमात के अलावा संस्मरणात्मक ज़्यादा है ..!
कविता का शीर्षक है," कटघरे में ईमान".
jhoot kahunga lekin sach hai,
bar bar jisko dohrao sach hai,
public ki aankhon me sach hai,
(likhi aapne sundar kavita )110001
Sach hai !
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