शनिवार, 2 मई 2009
हो गये चुनाव
लो हो गये चुनाव
वोट डालने का पांच सालाना याग खत्म हो गया
हमें न कुछ मिलना है न मिला था
बस बंदर बांट का सिलसिला नये से शुरू हो गया ।
तो फिर क्यू डालें हम वोट, क्यूं उठायें जहमत
कतार में खडे होने की एक बार और
हो गये हैं खासे बोर
कोई जीते कोई हारे हमें क्या,
हम वोट दें ना दें तुम्हें क्या,
जो भी आयेगा
खूब खायेगा
औघा जायेगा तब भी
ना रुकेगा
क्यूं कि लालच का अंत नही
सात पीढियों तक की ही सोचें ऐसे वो संत नहीं
हमें तो करनी है वही मजदूरी
जमींदारों की बेगारी
मालिकों की तलबगारी
वही सोचना है दो वक्त की रोटी का
बडी होती बेटी का
खाली पेट और खाली झोटी का ।
और गरमी भी क्या गजब़ की पडी है इस बार
न कहीं छाँव न पानी की फुहार
सब तरफ से हमारी ही हार
ऊपर वाला भी ना सुने गरीब की पुकार
तो ये नेता क्या सुनेंगे
इनके कान में तो ये इसके बाद रुई ठूँस लेंगे
कहाँ है रोजगार, कहाँ हैं सडकें, कहाँ है पीने का साफ पानी
और कहाँ है सुरक्षा ?
सिक्कों की खन खन में, ना नोटों के फुसफुस में
ये बातें लगतीं हैं बेमानी
पर अगर अभी हम ना जागे
जो हैं थोडे से लोग अच्छे
उन्हें ना लाये आगे
तो ये ऐसा ही चलेगा
बद से बदतर होता जायेगा
इसलिये शायद करना चाहिये हमें
इस इकलौती ताकत का इस्तेमाल
तो शायद कभी सुधरे हमरे बेटों का हाल ।
आज का विचार
ईश्वर मुझे अपने बारे में ऊँचे विचार रखने में मदद करे ।
स्वास्थ्य सुझाव
जौ का पानी लगातार ३ महीने पीने से आपके शरीर से विषैले पदार्थों का निकास होने में मदद मिलती है ।
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11 टिप्पणियां:
वही सोचना है दो वक्त की रोटी का
बडी होती बेटी का
खाली पेट और खाली झोटी का ।
और गरमी भी क्या गजब़ की पडी है इस बार
न कहीं छाँव न पानी की फुहार
सब तरफ से हमारी ही हार
ye halat badalne ke liye vote karna chahiye jo hamari takat hai,sahi kaha aashaji sunder rachana.kashya aahaat tumhi,aasha aahe sarvkahi thik aahe.sabhar mehek.
पर अगर अभी हम ना जागे
जो हैं थोडे से लोग अच्छे
उन्हें ना लाये आगे
तो ये ऐसा ही चलेगा
बद से बदतर होता जायेगा
बिलकुल सही !
वाह ! बहुत खूब!सामायिक रचना है.
आज का विचार भी हर किसी को आत्मसात कर लेना चाहिये.
जौ का पानी पीने का जुगत लगाते हैं।
जी चुनाव तो हो गए है बस अब सीटो पर बन्दर बाँट होना बाकी रह गया है वो भी रिजल्ट के बाद निपट जायेगा.
'इसलिये शायद करना चाहिये हमें
इस इकलौती ताकत का इस्तेमाल'
आमीन !
कुछ लोगों का कहना है कि बीयर भी जौं का पानी होती है. आप स्पष्ट कर दें तो आसानी रहेगी...
जौ का पानी जौ को उबाल कर बनाइये फरमेन्ट नही करना है । तीन गिलास पानी में एक चौथाई गिलास जौ उबालें ।
सही कहा आपने, अपने यहाँ भी हो गये चुनाव। पर अब तो चिंता यह भी है कि किसकी बनेगी सरकार।
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किस्म किस्म के आम
क्या लडकियां होती है लडको जैसी
सही कहा आपने, अपने यहाँ भी हो गये चुनाव। पर अब तो चिंता यह भी है कि किसकी बनेगी सरकार।
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किस्म किस्म के आम
क्या लडकियां होती है लडको जैसी
बहुत बढ़िया लिखा है आप ने | आपके बाकी ब्लोग्स भी देखे बहुत ही अच्छा लिखती है आप | मेरी शुभकामनाये आपको और आपके परिवार को |
जो भी आयेगा
खूब खायेगा
औघा जायेगा तब भी
ना रुकेगा
क्यूं कि लालच का अंत नही
सात पीढियों तक की ही सोचें ऐसे वो संत नहीं
बहुत अच्छा और सच्चा कहा है
badhai
एक अत्यंत प्रतिभावान कवियत्री और कहानीकार सुश्री कुन्दा जोगलेकर से आप का परिचय अवश्य होगा यदि न हो तो अवश्य परिचित होइए . कुन्दा जी संस्कार भारती की साहित्य विधा प्रमुख हैं उनका फ़ोन नंबर ०७५१-२४२९८१० है
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