रविवार, 30 नवंबर 2008
सिंह हो तो
सिंह हो तो उठो गर्जना करो
और सियार हो, तो कुछ कहना नही है ।
दुष्मन के वार पर पलट वार तो करो
गर कायर हो, तो कुछ करना नही है ।
अपनी संख्या पर गर नाज़ है तुम्हें
उस नाज़ जैसा कुछ तो कर गुजरो
वरना तो कीडे भी जन्मते हैं करोडों
मरना है जो कीडों सा, कुछ कहना नही है ।
जिनके बाजू मे है ताकत और हिम्मत
एक बार जोश से उनकी जयकार तो करो
भरलो स्वयं में उनका ये जज्बा जोश का
कमजोर ही रहना है, तो कुछ कहना नही है ।
घर और पाठशाला बने केंद्र नीति का
राष्ट्र प्रेम से बच्चों को कर दो ओत प्रोत
हर बच्चा बनें एक आदर्श सैनिक भी
सिखाओ ये पाठ कभी डरना नही है ।
समय पडे तो खुद ललकारो दुश्मन को
एक दिन तो हम सबको मरना यहीं है
डिस्को नही, हमको है तांडव की जरूरत
वरना हम जैसों की फिर सजा यही है ।
आज का विचार
मान सम्मान किसी के देने से नही मिलते अपनी अपनी योग्यता के अनुसार मिलते हैं ।
स्वास्थ्य सुझाव
नियमीत व्यायाम करें,
बलशाली बनें ।
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16 टिप्पणियां:
सटीक.
bahut sateek prerak rachana . dhanyawad.
जिनके बाजू मे है ताकत और हिम्मत
एक बार जोश से उनकी जयकार तो करो
भरलो स्वयं में उनका ये जज्बा जोश का
कमजोर ही रहना है, तो कुछ कहना नही है ।
khup chan aani preradayak kavita,ek dam mast.
आपने सही कहा। पर यहां जोश दीखता नहीं। कहां हैं सिंह और कहां गर्जना? :(
समय पडे तो खुद ललकारो दुश्मन को
एक दिन तो हम सबको मरना यहीं है
डिस्को नही, हमको है तांडव की जरूरत
वरना हम जैसों की फिर सजा यही है ।
बहुत अच्छी और सच्ची बात कही है आपने...बधाई.
नीरज
समय पडे तो खुद ललकारो दुश्मन को
एक दिन तो हम सबको मरना यहीं है
बिलकुल सही लिखा आप ने...
धन्यवाद
बहुत बढिया और सामयिक रचना है।बधाई।
ओजस्व से परिपूर्ण रचना के लिए आभार.
सुन्दर प्रस्तुति सही समय पर।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
बहुत हि भावपूर्ण रचना.
सिंह नहीं दिख रहा, निराशा ही दिख रही है :(
Oj se paripurna.
sahas badhane valee rachana hai.....
......aashirvad kee kamana hai aapase.......
बेहतरीन सामयिक दृष्टि......... आपको बधाई..
समय पडे तो खुद ललकारो दुश्मन को
एक दिन तो हम सबको मरना यहीं है
डिस्को नही, हमको है तांडव की जरूरत
वरना हम जैसों की फिर सजा यही है ।
......Behatrin aur lajwab prastuti.
घर और पाठशाला बने केंद्र नीति का
राष्ट्र प्रेम से बच्चों को कर दो ओत प्रोत
हर बच्चा बनें एक आदर्श सैनिक भी
सिखाओ ये पाठ कभी डरना नही है ।
बहुत खूब
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