बुधवार, 22 अक्तूबर 2008

चाँद के पार चलो

आज इस गाने की बहुत याद आ रही है
चलो दिलदार चलो
चाँद के पार चलो
हम है तैयार चलो हो ओ ओ ओ
सच में ३०-३५ साल पुराना ये गाना आज सच होने जा रहा है । कोई दिलदार तो अभी नही जा सकता उसमे, पर तैयारी तो है ही । बधाई सबको चंद्रयान के सफल उडान की ।

16 टिप्‍पणियां:

श्रीकांत पाराशर ने कहा…

Aashaji aapki post mere yahan khulti nahi hai, kya kaaran hai? main padh nahin pata. abhi bhi bina padhe yah message de raha hun. type font ki problem hai ya kuchh aur.kripya madad karen.

रंजू भाटिया ने कहा…

चाँद के पार चले ही गए हम भी :) बहुत खुशी की बात है यह हर देश वासी के लिए

संगीता पुरी ने कहा…

सही वक्त पर सही गाना याद दिला दिया आपने.... धन्यवाद।

L.Goswami ने कहा…

jaldi hi wahan bhi pryatan shuru ho jayega chinta na karen :-)

अजित वडनेरकर ने कहा…

वाह आशा जी....परफैक्ट टाइमिंग !!!!

डॉ .अनुराग ने कहा…

बहुत ही प्यारा गाना है.....खास तौर से सर्दियों की किसी फुर्सत वाली शाम में ....

जितेन्द़ भगत ने कहा…

अभी तो मानव रहि‍त यान गया है, पर इस गीत के बोल एक दि‍न सही साबि‍त होगें। सभी भारतवासि‍यों को बधाई।

Abhishek Ojha ने कहा…

गाना तो सच में बहुत प्यारा है ! आपको भी बधाई.

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

आपने टाइम से लिखा। बधाई।

शोभा ने कहा…

सुंदर गीत और सही समय पैर याद आया आपको. बहुत बहुत बधाई.

Suneel R. Karmele ने कहा…

चन्‍द्रायन की सफलता के लि‍ए सभी भारतवासि‍यों को बधाई मुझे भी और आपको भी। पूरनमासी का चांद हो और कहीं दूर यह गाना बज रहा हो, अति‍सुन्‍दर लम्‍हा होगा वह। अच्‍छा गीत याद दि‍लाया आपने, धन्‍यवाद।

नीरज गोस्वामी ने कहा…

सच कहा आपने..ये एक कालजयी गाना है जब सुनो तब अच्छा लगता है और आपने इसे बहुत सही समय पर याद दिलाया है...शुक्रिया.
नीरज

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत ही सुंदर गीत याद दिला दिया आप ने , ओर हां जब भी आप याद पर आये मेरे ठेले पर जरुर आये ? खाना फ़्रि मिलेगा....ओर चांद की सेर मुफ़त...:)
धन्यवाद http://parayadesh.blogspot.com/2008/10/blog-post_22.html

राज भाटिय़ा ने कहा…

याद की जगह चांद पढे

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

BADHAI KE LIE BADHAI

hindustani ने कहा…

सभी जानना चाहते हैं कि हिन्दुस्तानी ब्लॉग पर फिरंगी क्या कर रहा है ? मैं इस सवाल का जवाब देना चाहूँगा कि हिन्दुस्तान में हिन्दुस्तानियों से ज्यादा महत्व विदेच्चियों को दिया जाता है। तभी तो मनमोहन के बयान से ज्यादा लोग बुच्च के बयान को सुनना चाहते हैं। और एक बात जब से मैंने अपने ब्लॉग पर फिरंगी की फोटो लगाई है तभी से मेरे हिन्दुस्तानी साथी मेरे ब्लॉग पर आने लगे हैं। फिरंगी की तस्वीर लगाने के पीछे मेरा और कोई दूसरा मकसद नहीं है यदि आप को एतराज है तो मैं इसे अपने ब्लॉग से हटा दूँगा।