बरस बरस बरस बरस
बरसो अब बदरा
तरस तरस तरस तरस
तरस गयो जियरा
जरत जरत जरत जरत
जरत रही धरती
तपत तपत तपत तपत
रही सिर्फ तपती
बाट तेरी देख देख
आंख गई पथरा
आ जाओ छा जाओ
बहुत भयो नखरा । बरस बरस ........
घनन घनन घनन घनन
घनन मेघ गरजे
सनन सनन सनन सनन
सनन पवन लरजे
चमक चमक चमक चमक
चमकती बिजुरिया
टपक टपक टपक टपक
बूंदन का सेहरा । बरस बरस ....
बूंदन की धार भई
धार भयो मूसल
धरती के कण कण में
जाय बसेगो जल
पीहू पीहू पीहू पीहू
बोलते पपीहा
छमक छमक छमक छमक
नाच उठे मोरा । बरस बरस.....
हरित हरित हरित हरित
हरित भई धरती
कण कण में जीवन को
पाल रही धरती
परस परस परस परस
परस गयो पियरा
हरस हरस हरस हरस
हरस गयो हियरा
चित्र गूगल से साभार।
बरसो अब बदरा
तरस तरस तरस तरस
तरस गयो जियरा
जरत जरत जरत जरत
जरत रही धरती
तपत तपत तपत तपत
रही सिर्फ तपती
बाट तेरी देख देख
आंख गई पथरा
आ जाओ छा जाओ
बहुत भयो नखरा । बरस बरस ........
घनन घनन घनन घनन
घनन मेघ गरजे
सनन सनन सनन सनन
सनन पवन लरजे
चमक चमक चमक चमक
चमकती बिजुरिया
टपक टपक टपक टपक
बूंदन का सेहरा । बरस बरस ....
बूंदन की धार भई
धार भयो मूसल
धरती के कण कण में
जाय बसेगो जल
पीहू पीहू पीहू पीहू
बोलते पपीहा
छमक छमक छमक छमक
नाच उठे मोरा । बरस बरस.....
हरित हरित हरित हरित
हरित भई धरती
कण कण में जीवन को
पाल रही धरती
परस परस परस परस
परस गयो पियरा
हरस हरस हरस हरस
हरस गयो हियरा
चित्र गूगल से साभार।
9 टिप्पणियां:
बेहतरीन बरखा बहार गीत....वाह!! बधाई!
आज कल नियमितता में विघ्न क्यूँ है-सब कुछ ठीक ठाक तो है?
शुभकामनाऐं.
पढ़ते पढ़ते यदि कोई गुनगुनाने को बाध्य हो जाय,
तो आपकी रचना श्रेष्ठ गीतरचना ही है । मेरे साथ तो यही हुआ ।
बस, गुनगुना रहा हूँ
सादर नमस्कार, सर्वप्रथम इस सुंदरतम गीत के लिए साधुवाद।
आप जैसे बड़े, विदुषी की टिप्पणी हम छोटों का सदा उत्साहवर्धन करती रहती है। मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आपका वात्सल्य, स्नेह सदा मिलता रहेगा।
ये गीत सुन कर क्या बदल बरस ही न पड़ेंगे !
मन भिगो गया यह गीत । बहुत सुन्दर
बहुत ही सुंदर और उम्दा रचना.
बधाई
डाक्टर साब कि बात से सहमत हूँ..
Aap sabko anekanek dhanyawad.. Sameer ji sab theek hai sirf chotisi poti ke pas aaye hain to samay bas aise hi nikal jata hai. Thanks. itane apanepan se aapne poocha.
asha ji
yah kavita rag malhar jaisi hai.
apko bahut badhai.
arvind kumar singh
शब्द शब्द सब सरस सरस
हे मेघ अरे अब बरस बरस
बहुत सुंदर बधाई
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