मंगलवार, 8 जुलाई 2008

तुम्हें छोडकर

तुम्हें छोडकर मै चला तो गया था
पर यादें तुम्हारी मेरे साथ ही थीं ।

हवा जो तुम्हारे अलकों को छू कर
चली आती थी मुझको भी सहलाने
तराने जो तुम थीं कभी गुनगुनाती
सुनाती थीं अक्सर मुझे बहलाने
बादल जो छा जाते थे यूं अचानक
आँचल की, उनमें, तेरे रोशनी थी । तुम्हे......



नदिया की कल कल तेरी मीठी बातें
पहाडों की बर्फीली सर्दी की रातें
यादों का तेरे मुझसे लिपटना
जैसे हों बहते गर्म पानी के सोते
हरियाली धरती का गहरासा आंचल
महक थी जहां तेरे ही अपनेपन की । तुम्हे......

महीना रहा कैसे तुमसे बिछडकर
महसूस करता रहा तुमको हर पल
तुम्हारा झगडना, मनाना वो लड़कर
इन बातों का फिर याद आना वो अक्सर
तस्वीर रख्खी थी तेरी छिपाकर
पर उससे कहाँ बात वो बन सकी थी । तुम्हे......

आज का विचार
जिंदगी एक प्रतिध्वनि है, जो हम औरों के लिये सोचते हैं
वही लौट कर हमारे पास आता है .
स्वास्थ्य सुझाव
खाने के बाद एक छोटी हरड मुंह में डालकर चूसें।
गैस से राहत पाने की यह एक असरदार दवा है ।
साथ ही धूम्रपान की आदत भी इससे छूट सकती है ।

11 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत बढ़िया,

रंजू भाटिया ने कहा…

सुंदर अभिव्यक्ति सुंदर विचार और बढ़िया उपाय बहुत दिनों बाद आपने कुछ लिखा ..

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

वाह, आपका यह विचार:
"आज का विचार
जिंदगी एक प्रतिध्वनि है, जो हम औरों के लिये सोचते हैं
वही लौट कर हमारे पास आता है ".
तो मैं अपने आत्मोन्नति ब्लॉग-विजेट के लिये हथिया लेता हूं!
धन्यवाद!

mehek ने कहा…

bahut sundar

नीलिमा सुखीजा अरोड़ा ने कहा…

बहुत समय बाद आपके ब्लाग पर आई आपकी कविता बहुत सुन्दर है।

"आज का विचार अच्छा लगा
जिंदगी एक प्रतिध्वनि है, जो हम औरों के लिये सोचते हैं
वही लौट कर हमारे पास आता है ".

ishq sultanpuri ने कहा…

bahut shandar vatan aur ateet yad aa gaya...........
........aapaka asheervad milata hai main dhanya huaa..........

मीनाक्षी ने कहा…

जिंदगी एक प्रतिध्वनि है, जो हम औरों के लिये सोचते हैं,, वही लौट कर हमारे पास आता है .

आज का विचार तो शत प्रतिशत सत्य है.. हम इस बात पर पूरा विश्वास करते हैं.

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

"यादों का तेरे मुझसे लिपटना"
बहुत खूबसूरत !

Vinay ने कहा…

bahut achchhii kavita!

समय चक्र ने कहा…

सुंदर अभिव्यक्ति धन्यवाद.

विशाखा ने कहा…

वा! तुम्ही दोन्ही भाषांमधे किती सफाईने लिहिता! प्रत्येक रचनेनंतर: आजका विचार देण्याची पद्धत आवडली.
मी नागपूरची म्हणून हिन्दी शिकले शाळेत असतांना, आणि वाचायला आवडतं, पण लिहिणं जमत नाही.