बुधवार, 13 जुलाई 2011
चलते रहिये चलते रहिये 5 -अफ्रीकी सफारी (पेलिनबर्ग)
सुबह जल्दी जल्दी तैयार हुए नाश्ता किया और निकल पडे । (विडियो) 2
इस बार सुहास हमारे साथ नही आई क्यूं कि उसने नाइजिरिया मे रहते सफारी की थी पर विजय हमारे साथ ही थे । हमें जाना था पेलीनबर्ग नेशनल पार्क । रास्ते में हमने वुलवर्थ नाम के दुकान से लंच का सामान खरीदा । जब हम पार्क के अंदर दाखिल हुए तो बडी देर तक कुछ भी नज़र नही आया फिर दो झेब्रा दिखे पर बडी दूर से । फिर अचानक दो तीन झेब्रा और दिखे एक बच्चा भी था । इस बार इनके दर्शन अच्छे से हुए । प्रकृति ने क्या क्या सुंदर दर्शनीय जानवर बनाये हैं । सफेद शरीर पर चमकदार काली धारियां खूब सज रही थीं । आगे जा कर हमने एक जगह देखी, रेस्तराँ था, वहां जानवरों के सिर लगे हुए थे चारों तरफ बरामदे की दीवारों पर । वहां की बालकनी से चारों तरफ का नजारा देखा ये काफी खुली खुली जगह थी और सबसे महत्वपूर्ण, यहां प्रसाधन गृह भी थे ।
फिर वहाँ से निकल कर आगे बढे तो देखे जिराफ, कोई 5 से 6 जिराफ थे, एक बच्चे के साथ था शायद थी । फिर दो जिराफ देखे एक दूसरे को प्यार से सहला रहे थे । लैमार्क के अनुसार धरती पर खाना धीरे धीरे कम हो गया तो जिराफों में गर्दन लंबी हो गई ताकि वे पेडों के पत्ते खा सकें ।(विडियो)3
उन्हे देखते देखते ये बात एकदम से याद आ गई । बहुत देर तक जिराफ देखते रहे फिर आगे बढे तो फिरसे झेब्रा दिखें । आगे दिखा भैंसा और घोडे के बीच का एक जानवर जिसको यहां कुडु कहते हैं और अंग्रेजी में ब्लू वाइल्ड बीस्ट कहते हैं । ये दिखता तो भैंसे की तरह है पर इसके आयाल होती है घोडे की तरह ( MANE) । बीच में लंच खाने रुके यहाँ सारी सुविधा थी जैसे रेस्ट एरिआ में होती है और लंच भी हमारा शानदार रहा एडम के सौजन्य से । वेज नॉनवेज दोनो तरह का पास्ता दही, फल, शैंपेन और केक भी । वहां कुछ बंदर आगये एक ने तो एडम का केला छीन लिया । हम वापस गाडी में बैठ कर आगे सडक पर आये तो एक कुडू हमारी गाडी के एकदम सामने आ गया एडम ने ब्रेक लगाया और उसे रास्ता पार करने दिया तब हम आगे बढे (विडियो) । फिर देखे हिरण जिन्हे स्प्रिंग बक कहते हैं ।
आगे जाते जाते हमें एक रस्ते का दो राहा मिला इनमे से एक रास्ता कच्चा था पर एडम ने कहा यहीं से चलते हैं । और कितना सही निर्णय रहा ये । हमें आगे दिखे बहुत से कुडु, शुतुरमुर्ग और इम्पाला हिरण, इनकी तो पूरी टोली थी । थोडे आगे गये तो गेंडे दिखे दो थे मजा ही आ गया । (विडियो) 4
पहलो तो हमें पीठ ही दिखाते रहे पर फिर चेहेरा भी दिखा ही दिया । और आगे आये तो एक सुंदरसा पीजेन्ट पक्षी दिखा उसका आधा चितकबरा रंग और नीला सिर कमाल का सुंदर था फिर देखे मीरकेट जो नेवले की तरह थे पर थे धारीदार । पूरी बारात थी इनकी तो और ऐसे सरसरा कर भाग रहे थे । आप भी मजा लें । (विडियो) 5
फिर एडम ने सुरेश से गाडी चलाने को बोला क्यूं कि कल हमें केप टाउन जाना था और हमने तय किया था कि हम किराये की गाडी लेकर घूमेंगे क्यूं कि शोफर के साथ टैक्सी काफी महंगी बैठ रही थी । यहां दिल्ली में तो गाडी चलाई हुई थी पर काफी साल हो गये थे छोडे हुए । तो सुरेश ने करीब 20 मिनिट गाडी चलाई और अंत में दिखा एक जंगली सूअर।(विडियो)6
फिर वापिस एडम जी ड्राइविंग सीट पर और हम घर वापिस । इधर सुहास ने भी एमी के साथ ट्रेनिंग ले ली थी यह हमें घर जाकर पता लगा । अमेरिका में दाहिनी तरफ का ड्राइविंग होता है और यहाँ अफ्रीका में बायीं तरफ का भारत की तरह ।
(क्रमशः)
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16 टिप्पणियां:
हमने भी दक्षिणभारत में छोटी सी सफारी की है कुछ दिन पहले। अफ्रीकन सफारी जैसा कुछ नहीं।
Mazedaar! Ham to ghar baithe safari ka maza lete hain!
आपकी पोस्ट पढ़कर मन कर रहा है निकला जाय विश्व-भ्रमण पर :)
सफ़ारी का मजा ही कुछ और है। कैम्प फ़ायर के साथ एक रात जंगल में गुजारी जाए तो आनंद दुगना हो जाता है देशी शैंम्पेन के साथ।
मस्त सफ़र है।
आभार
aapke sath hum bhi safar me .aapne itna sunder likha hai ki me to ghum ghum ke bina paese ka aanad le rahi hoon
saader
rachana
पुनः धन्यवाद...सफारी दर्शन कराने के लिए...
बहुत बढ़िया विवरण,
साभार,
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
prakriti sang hone ka nayab tarika.
sunder prastuti.
बहुत कुछ जानने का मौका मिल रहा है इस सफ़रनामे से. बधाई.
khup sunder vivran ........
कमाल की सैर कराई है आपने, हार्दिक आभार !
रोचक रोमांचक विवरण -चलते रहिये ....
ऐसी ही एक सफारी मैंने नैरोबी में की थी ... आपने उसी की याद दिला दी आज ... मज़ा आ गया ...
सफारी दर्शन कराने के लिए...धन्यवाद
ghar baithe ghoomne ka sapna poora hua dhanyavad
आपकी यह पोस्ट बहुत अच्छी लगी videos भी पूरी कहानी बता रहे हैं. आपकी पोस्टों का पता ही नहीं चल पाया था.
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