
वो जो आये तो उजाला आया
सर्दी की शाम, दुशाला आया ।
हम तो गमगीन थे जुदाई में
यकबयक वस्ले सिलसिला आया ।
उनके आते गले में आयी खनक
उनके आते हवा मे आयी महक
उनके आते खुशी भी पडी चहक
या खुदा इश्के-जलजला आया ।
बंद हवाएँ भी गुनगुनाने लगीं
फिजाएँ गीत कोई गानें लगीं
शाम तो महफिलें सजाने लगी
दिल मुझे, मुझसे ही मिला लाया ।
छट गये वो जुदाई के बादल
मिल गये नैन, काले, बिन-काजल
हो गया मै नसीब का कायल
ख्वाब हकीकत में जो उतर आया ।
आज का विचार
जो दूसरों को जानता है वह जानकार है, जो अपने को जानता है वह ज्ञानी है ।
स्वास्थ्य सुझाव
नीबू के रस में जीरा और काला नमक डाल कर सुखा लीजीये । ये जीरा दाने 2-4
खाने के बाद रोज धीरे धीरे चबाचबा कर खाइये आपकी किडनी का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा ।