इधर हम जिंदगी के कायल हैं
उधर वो जान के भी दुष्मन है ।
इधर हम प्रेम गीत गाते है
वो उधर सर पे बांधे कफन हैं ।
हाथ जो हम बढायें दोस्ती का
वो तो थामें दुष्मनी का दामन हैं ।
भोले नादान मासूमों को वो
बनाते जाते दुश्मने अमन है ।
हम हैं जम्हूरियत की संतानें
तानाशाही के बनें वो इबन हैं ।
छीनना चाहते हैं आजादी
लहराते मातमी का परचम हैं ।
इससे हासिल किसी को क्या होगा
हम जलेंगे तो वो भी तो दफन हैं ।
आज का विचार
यदि शांति सम्मान पूर्वक नही रखी जा सकती तो वह शांती ही नही है ।
स्वास्थ्य सुझाव
फाइबर युक्त पदार्थों का सेवन करें यह कोलेस्ट्रोल को कम करते हैं ।
16 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर कविता है, मनमोहक
---आपका हार्दिक स्वागत है
गुलाबी कोंपलें
achchi lagi kavita
बात में दम है
तानाशाही के बनें वो इबन हैं
छीनना चाहते हैं आजादी
लहराते मातमी का परचम हैं
इससे हासिल किसी को क्या होगा
हम जलेंगे तो वो भी तो दफन हैं ।
मन की बात अच्छी लगी
सुंदर कविता. अब तो तालिबानों ने पाकिस्तान को अपने कब्ज़े में ले ही रहे हैं. अल्लाह हो अकबर.
बहुत सुंदर लगी आपकी यह रचना
बेहतरीन रचना और सटीक आज के विचार. आभार.
aisundar kharach jar sagle lok shantiprasthapit ka nahi karat,ugach nakshali bantat,ek sundar kavita.chan sandes.
सही कहा जी, जो दूसरों को खाई खोदते हैं, उनके लिये कुंआ तैयार रहता है।
दुष्ट जन क्यों नहीं सोचते कि अन्तत वे भस्मासुर ही होंगे।
एक बहुत सुंदर कविता, ओर सुंदर विचार के लिये धन्यवाद
अच्छी जांकारी है .यह और बतायेन कि किन पदार्थो मेन फाइबर ज्यादा होता है.
बहुत ही सच्ची रचना है
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभ कामनाए |
इश्वर हम सभी को अपने कर्तव्यों का पालन करने की शक्ति प्रदान करे .....
internet connection ke uddandta ke liye kshama prarthi hun......
comment ek se jyada baar post hogaye.
बहुत सुंदर. ठोस बात कही.
( यादों का इंद्रजाल )
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