बादलों के उस पार कोई तो जहाँ होगा,
जहाँ हमारा भी इंतजार हो रहा होगा।
खूबसूरत अलग से झरने होंगे,
रंगों का कोई अनोखा सा समाँ होगा।
हमारे संगी साथी जो यहाँ बिछुड गये, होंगे
धुंआधार बारिशों से धुला
आसमाँ होगा।
रुपये पैसे की जरूरत ही नही होगी,
खाना पीना भी तो मुफ्त ही वहाँ होगा
या फिर भूख प्यास ही नही होगी,
तृप्ति का अहसास ही सदा होगा।
हमारी सोच भी तो इस जहाँ की है,
ना जाने कौनसा नया मंजर वहाँ होगा।
जो भी होगा बहुत खूबसूरत होगा
ये यकीन हमारा भी सही होगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें