tag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post7431089803123453496..comments2024-02-14T10:32:35.527-08:00Comments on स्व प्न रं जि ता: दुश्मनी दोस्ती जो हो जायेAsha Joglekarhttp://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-40992568996403697732007-10-08T04:54:00.000-07:002007-10-08T04:54:00.000-07:00"रोज तिल (कच्चे या भुने आपके हाजमे पर निर्भर है)खा..."रोज तिल (कच्चे या भुने आपके हाजमे पर निर्भर है)खाने से हड्डियाँ स्वस्थ रहेंगी।" <BR/>------------------------<BR/><BR/>एक वनस्पति वैज्ञानिक ने मुझे तिल के तेल को तलवे पर लगाने की सलाह बेहतर नींद के लिये दी है.<BR/>आपका ब्लॉग आज देखा. इतनी जीवंतता देख कर अच्छा लगा और ईर्ष्या भी हुई! :-)Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-46709569394396143282007-10-07T15:07:00.000-07:002007-10-07T15:07:00.000-07:00बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति . काश सभी समझ पाते कि युद्ध...बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति . काश सभी समझ पाते कि युद्ध् की आग क्या कहर बरसाती है.मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-23998441678380570022007-10-07T02:16:00.000-07:002007-10-07T02:16:00.000-07:00ठीक है खाएँगे। कच्चे?ठीक है खाएँगे। कच्चे?आलोकhttps://www.blogger.com/profile/03688535050126301425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-41391928681155013012007-10-06T12:46:00.000-07:002007-10-06T12:46:00.000-07:00तू भी खुशीखुशी रहे, मैं भी न नाशाद रहूँमन्नतें पूर...तू भी खुशीखुशी रहे, मैं भी न नाशाद रहूँ<BR/>मन्नतें पूरी जो हो जायें तो क्या अच्छा हो ।<BR/><BR/>्बड़ी प्यारी बात्…सुंदरपारुल "पुखराज"https://www.blogger.com/profile/05288809810207602336noreply@blogger.com