tag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post7384425109174094620..comments2024-02-14T10:32:35.527-08:00Comments on स्व प्न रं जि ता: .....रात और सुबह....Asha Joglekarhttp://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-78869516768805905642010-06-20T09:58:16.459-07:002010-06-20T09:58:16.459-07:00bahut sunder hai kavita......bahut sunder hai kavita......Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-25912174412315782362007-10-26T12:23:00.000-07:002007-10-26T12:23:00.000-07:00ज्ञानदत्त जी,विपुलजी, धन्यवाद फोटो और फॉण्ट पसंद ...ज्ञानदत्त जी,विपुलजी, धन्यवाद फोटो और फॉण्ट पसंद करने के लिये । फोटो हमारे कलेक्शन से हैं कई बार यह कलेक्शन खरीदे सॉफ्टवेअर के साथ होता है।<BR/>फॉण्ट है रिचा । सॉफ्टवेअर है पिक्चर पब्लिशर और फोटोशॉप है ।<BR/><BR/>आलोकजी, काढा यानि वहीजो आपने समझा है यानि<BR/>तुलसी के पत्ते पानी में उबालना ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-54199117863823879672007-10-25T03:41:00.000-07:002007-10-25T03:41:00.000-07:00चुनिंदा शब्दों में चुनिंदा बात. सुन्दर.चुनिंदा शब्दों में चुनिंदा बात. सुन्दर.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-77803760920264271802007-10-25T00:05:00.000-07:002007-10-25T00:05:00.000-07:00चांदसा दूल्हा, साँवली दुलहन--- प्रकृति में मानवीक...चांदसा दूल्हा, साँवली दुलहन--- प्रकृति में मानवीकरण मन को मुग्ध कर देता है.. <BR/>बहुत प्यारी सावँली दुल्हन सी कविता...मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-11053618276019268512007-10-24T22:11:00.000-07:002007-10-24T22:11:00.000-07:00दूल्हा दुल्हन के रूप में चाँद और रात के बिम्बों का...दूल्हा दुल्हन के रूप में चाँद और रात के बिम्बों का खूबसूरती से किया गया प्रयोग अच्छा लगा।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-2704216151662566362007-10-24T21:27:00.000-07:002007-10-24T21:27:00.000-07:00अच्छी कविता.अच्छी कविता.काकेशhttps://www.blogger.com/profile/12211852020131151179noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-15288113270568881682007-10-24T21:25:00.000-07:002007-10-24T21:25:00.000-07:00c* जनाब = जवाबc* जनाब = जवाबविपुल जैनhttps://www.blogger.com/profile/12901370501210997138noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-57254902155559775652007-10-24T21:24:00.000-07:002007-10-24T21:24:00.000-07:00ज्ञानदत जी के सवाल का जनाब तो मैं भी जानना चाहता ह...ज्ञानदत जी के सवाल का जनाब तो मैं भी जानना चाहता हूँ।विपुल जैनhttps://www.blogger.com/profile/12901370501210997138noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-13406630356998170752007-10-24T19:56:00.000-07:002007-10-24T19:56:00.000-07:00आपने चांद और रात का जो presonification किया है, वह...आपने चांद और रात का जो presonification किया है, वह अद्भुत है।<BR/>एकदम सही फरमाती हैं आप कि हम कभी भी उतने दुखी या खुश नही होते जितना सोचते हैं। लेकिन दुख ऐसा चढ़ जाता है कि झटक पाना बड़ा मुश्किल होता है जैसे सपने में आपके सीने पर कोई बैठा हो तो उसे हटाने के लिए हाथ नहीं चल पाते।अनिल रघुराजhttps://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-62524765333195089752007-10-24T19:33:00.000-07:002007-10-24T19:33:00.000-07:00काढ़ा यानी, पानी में तुलसी की पत्ती डाल के गरम करन...काढ़ा यानी, पानी में तुलसी की पत्ती डाल के गरम करना, वही, या कुछ और?<BR/><BR/>कविता पसंद आई।आलोकhttps://www.blogger.com/profile/03688535050126301425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-17181122839394595262007-10-24T19:32:00.000-07:002007-10-24T19:32:00.000-07:00आप जरा यह बतायें कि एक बढ़िया चित्र और मोहक फॉण्ट म...आप जरा यह बतायें कि एक बढ़िया चित्र और मोहक फॉण्ट में उसपर पोस्ट का शीर्षक डालने का काम आप कौन सी तकनीक से करती हैं?Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.com