tag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post6652241840201240731..comments2024-02-14T10:32:35.527-08:00Comments on स्व प्न रं जि ता: हासिलAsha Joglekarhttp://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comBlogger26125tag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-10464971682662721322011-04-06T20:05:18.572-07:002011-04-06T20:05:18.572-07:00क्यूं मै हमेशा रही हासिल की तरह, तुम्हारे लिये
कभी...क्यूं मै हमेशा रही हासिल की तरह, तुम्हारे लिये<br />कभी उत्तर नही बन पाई हमारे गणित का <br /><br />बस यही तो जीवन का अन्तर्विरोध है ...सच्चाई को बखूबी अभिव्यक्त किया है ....आपका शुक्रियाकेवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-78650281432062620122011-04-06T04:45:23.845-07:002011-04-06T04:45:23.845-07:00छोडो अब, इस बहस की कोई जगह नही
मैनें सीख लिया है अ...छोडो अब, इस बहस की कोई जगह नही<br />मैनें सीख लिया है अपने लिये जीना <br />atal aur antim nirnaya bas yahi hai ,pyaar jimmedariyon me dab kar gum ho jaata hai .bahut sundar rahi rachna .ज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-25437490248503489372011-04-05T20:13:41.989-07:002011-04-05T20:13:41.989-07:00भावनाओं को बड़ी प्यारी अभिव्यक्ति दी आपने ! हार्द...भावनाओं को बड़ी प्यारी अभिव्यक्ति दी आपने ! हार्दिक शुभकामनायें !!Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-49818530649981622932011-04-04T02:27:58.963-07:002011-04-04T02:27:58.963-07:00कुछ हद तक सचाई ... पर सभी तो ऐसे नही होते ...कुछ हद तक सचाई ... पर सभी तो ऐसे नही होते ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-29247054149173625112011-04-03T00:48:30.327-07:002011-04-03T00:48:30.327-07:00समाज की सच्चाई बयान करती रचना, आशा जी बहुत बहुत बध...समाज की सच्चाई बयान करती रचना, आशा जी बहुत बहुत बधाई.<br />वैसे जो सवाल आपने उठाया है, उसका जवाब एक शायर ने कुछ यूं दिया है-<br />उन्हें ये ज़िद कि मुझे देखकर किसी को न देख<br />मेरा ये शौक कि सबको सलाम करता चलूं.शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-10621568692230784232011-04-02T09:50:36.846-07:002011-04-02T09:50:36.846-07:00आसमान के चांद तारे तोड लाने की
बात करते थे तुम
फू...आसमान के चांद तारे तोड लाने की <br />बात करते थे तुम<br />फूल तक तो ला नही पाये <br />कभी आज तक.......<br /><br />आपने अपनी कविता के कैनवास पर सच का रंग बिखेर दिया है....Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-82889346113107616132011-04-02T09:45:09.141-07:002011-04-02T09:45:09.141-07:00मै तो नन्दादीप बनी जलती रही तुम्हारे मंदिर में
पर ...मै तो नन्दादीप बनी जलती रही तुम्हारे मंदिर में<br />पर तुमने कब आंख खोली मेरे लिये.....<br /><br />बहुत सुन्दर और भावपूर्ण कविता के लिए हार्दिक बधाई।Dr Varsha Singhhttps://www.blogger.com/profile/02967891150285828074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-28897741953383241242011-04-02T05:37:53.886-07:002011-04-02T05:37:53.886-07:00पहली बार आपको पढा ,बेहद अच्छा लगा ।संभवत:अधिकतर ना...पहली बार आपको पढा ,बेहद अच्छा लगा ।संभवत:अधिकतर नारियों के मन में यही बात है ।निवेदिता श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-50316315322875352242011-04-01T07:41:34.016-07:002011-04-01T07:41:34.016-07:00वाह ताई,
बहुत खुबसूरत लिखी है रचना
मै तो नंदादीप ...वाह ताई,<br />बहुत खुबसूरत लिखी है रचना <br />मै तो नंदादीप बनी जलती रही तुम्हारे मंदिर में <br />पर तुमने कब आँख खोली मेरे लिए ....<br />bahut badhiya .....Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-70735736903182067362011-04-01T06:02:06.889-07:002011-04-01T06:02:06.889-07:00ज़िंदगी के गणित को कहती अच्छी रचनाज़िंदगी के गणित को कहती अच्छी रचनासंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-52029748156893884222011-04-01T01:37:52.792-07:002011-04-01T01:37:52.792-07:00जो मजा इंतजार में है वो वस्लेयारमें कहाँ ?
ऐसे ही ...जो मजा इंतजार में है वो वस्लेयारमें कहाँ ?<br />ऐसे ही तो होता है प्रेमिका का पत्नी बन जाने का<br />मैंने जीना सीख लिया है जीवन को न्य अर्थ दे दिया है<br />बहुत सुन्दर |शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-35537388234727826602011-03-31T17:51:50.993-07:002011-03-31T17:51:50.993-07:00क्यूं मै हमेशा रही हासिल की तरह, तुम्हारे लिये
कभी...क्यूं मै हमेशा रही हासिल की तरह, तुम्हारे लिये<br />कभी उत्तर नही बन पाई हमारे गणित का<br />बहुत अर्थपूर्ण पंक्तियाँ ! ना जाने कितनी नारियों के मन की पीड़ा को आपने शब्द दे दिए ! इतनी संवेदना से परिपूर्ण रचना के लिये बधाई !Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-69942748491488486662011-03-31T07:35:11.363-07:002011-03-31T07:35:11.363-07:00बहुत ही सुन्दर सशक्त अभिव्यक्ति
कल आपकी यह पोस्ट ...बहुत ही सुन्दर सशक्त अभिव्यक्ति <br />कल आपकी यह पोस्ट चर्चामंच पर होगी... <br /><a href="http://charchamanch.blogspot.com" rel="nofollow">चर्चामंच</a><br />मेरे ब्लॉग में भी आपका स्वागत है - <a href="http://amritras.blogspot.com" rel="nofollow">अमृतरस ब्लॉग</a><br />आप वहाँ आ कर अपने विचारों से अनुग्रहित करियेगा ... सादरडॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीतिhttps://www.blogger.com/profile/08478064367045773177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-66208738469411538992011-03-31T06:27:08.760-07:002011-03-31T06:27:08.760-07:00बहुत सुंदर.....खूबसूरत अभिव्यक्तिबहुत सुंदर.....खूबसूरत अभिव्यक्तिसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-216743990521961242011-03-31T06:05:40.157-07:002011-03-31T06:05:40.157-07:00आसमान के चांद तारे तोड लाने की बात करते थे तुम
फूल...आसमान के चांद तारे तोड लाने की बात करते थे तुम<br />फूल तक तो ला नही पाये कभी आज तक<br /><br />ओये होए .....!!<br />सुरेश जी किधर हैं ....?हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-72567503483945367152011-03-30T11:59:02.122-07:002011-03-30T11:59:02.122-07:00आपके ब्लॉग पर पहली बार रचना पढ़ी. कथा की व्यथा पुरा...आपके ब्लॉग पर पहली बार रचना पढ़ी. कथा की व्यथा पुरानी है. लेकिन अभिव्यक्ति में नयापन. बधाईk.joglekarhttps://www.blogger.com/profile/17284967212222142828noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-3655343735605425512011-03-29T03:17:37.036-07:002011-03-29T03:17:37.036-07:00मनुष्य की ये प्रकृति है और इसे बदलना असंभव है...बह...मनुष्य की ये प्रकृति है और इसे बदलना असंभव है...बहुत अच्छे से इस बात को आपने शब्द दिए हैं...बधाई<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-26297614589590557282011-03-29T01:50:26.317-07:002011-03-29T01:50:26.317-07:00मैनें सीख लिया है अपने लिये जीना -- यही खूबसूरती ह...मैनें सीख लिया है अपने लिये जीना -- यही खूबसूरती है ज़िन्दगी की.. बहुत दिनो बाद आना हुआ..आपके छोटे छोटे सुवचनों की कमी खल रही है.मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-89302677991116751662011-03-28T23:24:24.614-07:002011-03-28T23:24:24.614-07:00वाह वाह!....क्या खूब अभिव्यक्ति है आशाजी!...अति सु...वाह वाह!....क्या खूब अभिव्यक्ति है आशाजी!...अति सुंदर!Aruna Kapoorhttps://www.blogger.com/profile/02372110186827074269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-20296651005660115532011-03-28T20:10:59.821-07:002011-03-28T20:10:59.821-07:00@छोडो अब, इस बहस की कोई जगह नही
मैनें सीख लिया है ...@छोडो अब, इस बहस की कोई जगह नही<br />मैनें सीख लिया है अपने लिये जीना ।<br /><br />यही अंजाम है।ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-56739687618042457042011-03-28T10:50:34.527-07:002011-03-28T10:50:34.527-07:00ye naya andaz bahut achcha lagaye naya andaz bahut achcha lagamridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-52149719343098364212011-03-28T09:39:43.108-07:002011-03-28T09:39:43.108-07:00सुंदर भावाभिव्यक्ति।सुंदर भावाभिव्यक्ति।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-32259904983053822352011-03-28T08:15:23.383-07:002011-03-28T08:15:23.383-07:00छोडो अब, इस बहस की कोई जगह नही
मैनें सीख लिया है अ...छोडो अब, इस बहस की कोई जगह नही<br />मैनें सीख लिया है अपने लिये जीना । <br /><br />बहुत सुंदर......प्रभावित करते हैं भाव.... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-90076947618005343222011-03-28T06:49:23.770-07:002011-03-28T06:49:23.770-07:00हर घर की यही कहानी है।हर घर की यही कहानी है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-59943000729019518722011-03-28T05:51:46.423-07:002011-03-28T05:51:46.423-07:00कल्पना और यथार्थ का अन्तर है. खूबसूरत अभिव्यक्ति द...कल्पना और यथार्थ का अन्तर है. खूबसूरत अभिव्यक्ति दी आपने..भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.com