tag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post5234406582851869002..comments2024-02-14T10:32:35.527-08:00Comments on स्व प्न रं जि ता: कैसे वो रात गुजरीAsha Joglekarhttp://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-48125919389741990792008-01-07T09:41:00.000-08:002008-01-07T09:41:00.000-08:00khup khup chan kavita,manachya bhavna.khup khup chan kavita,manachya bhavna.mehekhttps://www.blogger.com/profile/09699913237708970128noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-48813826743610682332007-12-03T08:50:00.000-08:002007-12-03T08:50:00.000-08:00आपकी कविता काफ़ी खास है आशाताईजी“लै झक्कास झाली हं ...आपकी कविता काफ़ी खास है आशाताईजी<BR/>“लै झक्कास झाली हं कविता !”आमच्या मराठी बाण्यात अभिप्राय दिला .जय महाराष्ट्र...आमचं हिदिंना लई कच्चं हाय..असो..शेवटी भावना कळल्यात ना ताई..झालं.<BR/>या पंक्ति आवडल्यात.<BR/>हमने उन्हे बुलाया ले ले के नाम उनका <BR/>मेरी ये बात शायद उन्हें नागवार गुजरी । <BR/><BR/>हुई मेरी कोशिशें सब नाकाम, दोस्त मेरे,<BR/>अब तू बता कि तेरी कैसी थी रात गुजरी ।<BR/><BR/>वा व्वा !माशा अल्ला! बहोत खुब!!<BR/>रियली गुड हं..<BR/>सचिन पाटील.sachin patilhttps://www.blogger.com/profile/12764604397038626110noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-68378942989913237462007-12-03T04:13:00.000-08:002007-12-03T04:13:00.000-08:00आप सबका बहुत बहुत धन्यवाद । आपकी प्रतिक्रिया ही इस...आप सबका बहुत बहुत धन्यवाद । आपकी प्रतिक्रिया ही इस ब्लॉग का पोषण है ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-7874684408351554022007-12-03T01:48:00.000-08:002007-12-03T01:48:00.000-08:00बहुत सुन्दर भाव और बहुत सुन्दर अल्फ़ाज़.बधाईबहुत सुन्दर भाव और बहुत सुन्दर अल्फ़ाज़.बधाईPoonam Misrahttps://www.blogger.com/profile/08526492616367277544noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-24167043466582800432007-12-02T19:55:00.000-08:002007-12-02T19:55:00.000-08:00बहुत बढ़िया ग़ज़ल, बधाईबहुत बढ़िया ग़ज़ल, बधाईपूर्णिमा वर्मनhttps://www.blogger.com/profile/06102801846090336855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-72027390636325384732007-12-02T09:55:00.000-08:002007-12-02T09:55:00.000-08:00उनके लिये की मैने अल्लाह की इबादतबहुत खूब ... सफलत...उनके लिये की मैने अल्लाह की इबादत<BR/>बहुत खूब ... <BR/>सफलता के नियमों को पढने से सफलता नही मिलती,,उन्हे समझना भी बहुत जरूरी है । --<BR/>बहुत सही कहा है !मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-26074425111666816992007-12-02T06:55:00.000-08:002007-12-02T06:55:00.000-08:00बहुत बढ़िया कविता है… काफी प्रभावशाली…।बहुत बढ़िया कविता है… काफी प्रभावशाली…।Divine Indiahttps://www.blogger.com/profile/14469712797997282405noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-25561156684484979172007-12-02T03:30:00.000-08:002007-12-02T03:30:00.000-08:00पूरी ग़ज़ल मन को भा गई..बहुत अच्छेपूरी ग़ज़ल मन को भा गई..बहुत अच्छेManish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-58545284779995645562007-12-02T00:59:00.000-08:002007-12-02T00:59:00.000-08:00आशाजी,"हमने उन्हे बुलाया ले ले के नाम उनका मेरी ये...आशाजी,<BR/><BR/>"हमने उन्हे बुलाया ले ले के नाम उनका <BR/>मेरी ये बात शायद उन्हें नागवार गुजरी ।"<BR/><BR/>बहुत ही सुंदर| <BR/><BR/>आप की ये कविता पढ के मुझे भी एक शेर सूझा|<BR/><BR/>दिल मे बसाया लेकिन इज़हार उनसे न किया<BR/>मंज़िल को थामने से पहले ही रात गुज़री|प्रशांतhttps://www.blogger.com/profile/00684642374587753836noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-62252190969467784902007-12-02T00:34:00.000-08:002007-12-02T00:34:00.000-08:00हमने उन्हे बुलाया ले ले के नाम उनका मेरी ये बात शा...हमने उन्हे बुलाया ले ले के नाम उनका <BR/>मेरी ये बात शायद उन्हें नागवार गुजरी । <BR/><BR/>हुई मेरी कोशिशें सब नाकाम, दोस्त मेरे,<BR/>अब तू बता कि तेरी कैसी थी रात गुजरी ।<BR/><BR/>आशा जी आप की पंक्तियाँ तो सीधे मेरे दिल में उतर गई ...अभी तो आपके साथ आपकी लिखी इंसानी दुनिया में घूम रही थी <BR/>पर आपके साथ इस ख्याली दुनिया में घूमना भी बहुत अच्छा लगा :)रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-90116495953824547752007-12-01T21:45:00.000-08:002007-12-01T21:45:00.000-08:00वाह ,बहुत खूब........वाह ,बहुत खूब........anuradha srivastavhttps://www.blogger.com/profile/15152294502770313523noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-80949543937295572642007-12-01T20:04:00.000-08:002007-12-01T20:04:00.000-08:00"उनके लिये की मैने अल्लाह की इबादतवो बुत परस्त निक..."उनके लिये की मैने अल्लाह की इबादत<BR/>वो बुत परस्त निकले, मंदिर में रात गुजरी"<BR/><BR/><BR/>बहुत ही प्रभाव छोडती रचना...बधाईराजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-29339198250723662452007-12-01T14:59:00.000-08:002007-12-01T14:59:00.000-08:00मुझे तो यह पसन्द आया - उनके लिये की मैने अल्लाह की...मुझे तो यह पसन्द आया - <BR/>उनके लिये की मैने अल्लाह की इबादत<BR/>वो बुत परस्त निकले, मंदिर में रात गुजरी ।<BR/><BR/>और यह भी कि सफलता नियमों को पढ़ने भर से नहीं मिलती। उन्हे समझना और कार्यरूप देना भी जरूरी है।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-69268331268431952122007-12-01T14:23:00.000-08:002007-12-01T14:23:00.000-08:00आप तो शानदार कविता लिखती हैं, और वो भी हिन्दी में ...आप तो शानदार कविता लिखती हैं, और वो भी हिन्दी में । अच्छा लगा। मराठी में तो यकीन है ज़रूर ही कुछ लिखा होगा।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.com