tag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post4224960646391053243..comments2024-02-14T10:32:35.527-08:00Comments on स्व प्न रं जि ता: तांडवAsha Joglekarhttp://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-91685429986155643432013-07-02T06:48:45.634-07:002013-07-02T06:48:45.634-07:00संसाधन का समान वितरण
इसीसे प्रसन्न होंगे देव
सार...संसाधन का समान वितरण<br />इसीसे प्रसन्न होंगे देव<br /><br /><br />सार्थक संदेश देती सुंदर रचना ....!!!संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-10300709316856352792013-07-01T08:00:17.033-07:002013-07-01T08:00:17.033-07:00प्रकृति वर्धन, जल संवर्धन
वृक्षारोपण, नदिया शोधन
स...प्रकृति वर्धन, जल संवर्धन<br />वृक्षारोपण, नदिया शोधन<br />संसाधन का समान वितरण<br />इसीसे प्रसन्न होंगे देव<br />और थम जायेगा तांडव।<br /><br />...सार्थक संदेश।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-14104738570993987502013-06-29T01:49:33.188-07:002013-06-29T01:49:33.188-07:00जन सुरक्षा और जन जीवन
प्रकृति वर्धन, जल संवर्धन
वृ...जन सुरक्षा और जन जीवन<br />प्रकृति वर्धन, जल संवर्धन<br />वृक्षारोपण, नदिया शोधन<br />संसाधन का समान वितरण<br />इसीसे प्रसन्न होंगे देव<br />और थम जायेगा तांडव ।<br /><br />....काश हम यह समझ सकें...बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति...Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-58717503954516450392013-06-27T08:06:00.671-07:002013-06-27T08:06:00.671-07:00धरती का या आसमान का
नदिया, जंगल, पर्वत, जन का ...
...धरती का या आसमान का<br />नदिया, जंगल, पर्वत, जन का ...<br /><br />सटीक और सच .संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-19342227072441131452013-06-26T10:24:54.144-07:002013-06-26T10:24:54.144-07:00शिव के तांडव का परिणाम तो हम सभी ने देख लिया अब शा...शिव के तांडव का परिणाम तो हम सभी ने देख लिया अब शांति रहे यही प्रार्थना है.<br /><br />सुंदर सामायिक प्रस्तुति.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-35048114861628652942013-06-25T20:20:10.050-07:002013-06-25T20:20:10.050-07:00दो माह से धनबाद में नहीं था-
अब नियमित हुआ हूँ-
आभ...दो माह से धनबाद में नहीं था-<br />अब नियमित हुआ हूँ-<br />आभार दीदी-रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-50467312785690563632013-06-24T00:11:33.066-07:002013-06-24T00:11:33.066-07:00 इसको ही शायद कहते हैं
गीता और पुराण प्रलय
---सही... इसको ही शायद कहते हैं<br />गीता और पुराण प्रलय<br /><br />---सही कहा ..क्या बात है ..<br /><br />अगर प्रलय से बचना चाहें <br />तो प्रकृति का आश्रय धारें |<br />कृत्रिमता छोड़ें जीवन में,<br />प्रकृति को भी यथा सुधारें |<br /><br /> shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-78404749472900794242013-06-23T23:10:21.531-07:002013-06-23T23:10:21.531-07:00ये परिणाम है अति दोहन का
धरती का या आसमान का
नदिया... ये परिणाम है अति दोहन का<br />धरती का या आसमान का<br />नदिया, जंगल, पर्वत, जन का<br />कुछ लोगों के लोभी मन का<br />प्रकृति जो बन रही है दानव<br />देख कैसे हो रहा तांडव ।---<br />त्रासदी का कारण को रेखांकित करती सुन्दर रचना <br />latest post<a href="http://kpk-vichar.blogspot.in/2013/06/blog-post_24.html#links" rel="nofollow"> जिज्ञासा ! जिज्ञासा !! जिज्ञासा !!!</a>कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-60279110293770991782013-06-23T18:47:40.667-07:002013-06-23T18:47:40.667-07:00"ये परिणाम है अति दोहन का..."
- काश ,अब ...<br />"ये परिणाम है अति दोहन का..."<br />- काश ,अब भी समझ में आ जाय !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-88814597800082044772013-06-23T05:02:31.736-07:002013-06-23T05:02:31.736-07:00सार्थक रचना ...सार्थक रचना ...Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-76639973921315699002013-06-23T04:23:19.716-07:002013-06-23T04:23:19.716-07:00सचेत करती ..प्रभावी प्रस्तुति ....सचेत करती ..प्रभावी प्रस्तुति ....ज्योति-कलशhttps://www.blogger.com/profile/05458544963035421633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-88567282847819197142013-06-23T01:26:50.540-07:002013-06-23T01:26:50.540-07:00प्रलयमान है प्रकृति अवस्था,
हम अब किसका आश्रय धारे...प्रलयमान है प्रकृति अवस्था,<br />हम अब किसका आश्रय धारें।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-88177660628944248402013-06-22T23:53:58.929-07:002013-06-22T23:53:58.929-07:00ये परिणाम है अति दोहन का
धरती का या आसमान का
नदिया...ये परिणाम है अति दोहन का<br />धरती का या आसमान का<br />नदिया, जंगल, पर्वत, जन का ...<br /><br />सटीक और सच ... चाहे तीखा कहा है ... इंसानी भूख इतनी ज्यादा हो गई है की किसी बात को देखती नहीं ... फिर ऐसे में भोले बाबा अपना रूप दिखाने को मजबूर हो जाते हैं ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-14538599823040017412013-06-22T22:49:24.567-07:002013-06-22T22:49:24.567-07:00अतिक्रमण ही इस सबकी वजह है .... सुंदर प्रस्तुति अतिक्रमण ही इस सबकी वजह है .... सुंदर प्रस्तुति संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-18232327848880364042013-06-22T21:44:05.768-07:002013-06-22T21:44:05.768-07:00सार्थक सन्देश देती रचना
नमस्कार
आपकी इस प्रविष्ट...सार्थक सन्देश देती रचना <br />नमस्कार <br />आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (24-06-2013) के <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow">:चर्चा मंच 1285 पर ,</a>अपनी प्रतिक्रिया के लिए पधारें Guzarishhttps://www.blogger.com/profile/11205127840621066197noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-10402548221559841152013-06-22T20:27:38.083-07:002013-06-22T20:27:38.083-07:00प्राकृतिक विपदा के मूल कारणों का विश्लेशन करती कवि...प्राकृतिक विपदा के मूल कारणों का विश्लेशन करती कविता। मनुष्य द्वारा अनावश्यक हस्तक्षेपों का नतिजा केदारनाथ घटना है। इंसान स्वार्थ में डूब चुका है, वह रूकेगा नहीं चाहे कितनी भी तबाही हो। प्रकृति ही विध्वंस कर उसे रोक सकती है। भविष्य में ऐसी विपदाएं बार-बार आएगी।साहित्य और समीक्षा डॉ. विजय शिंदेhttps://www.blogger.com/profile/18249451298672443313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-90091458053930127592013-06-22T18:47:07.632-07:002013-06-22T18:47:07.632-07:00सुन्दर भाव. इसमें कोई शक नहीं की प्रकृति का जिस तर...सुन्दर भाव. इसमें कोई शक नहीं की प्रकृति का जिस तरह दोहन किया जा रहा है, उसको दुष्परिणाम भी हमे ही उठाने होंगे. ओंकारनाथ मिश्र https://www.blogger.com/profile/11671991647226475135noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-21833615700466422972013-06-22T10:01:29.581-07:002013-06-22T10:01:29.581-07:00आपकी यह रचना कल रविवार (23 -06-2013) को ब्लॉग प्र...आपकी यह रचना कल रविवार (23 -06-2013) को <a href="http://blogprasaran.blogspot.in/" rel="nofollow">ब्लॉग प्रसारण</a> पर लिंक की गई है कृपया पधारें.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02114581250468243328noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-90673406756974492042013-06-22T09:17:00.846-07:002013-06-22T09:17:00.846-07:00आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (23-06-2013) ...आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (23-06-2013) के <a href="http://charchamanch.blogspot.in" rel="nofollow">चर्चा मंच -1285</a> पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थअरुन अनन्तhttps://www.blogger.com/profile/02927778303930940566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-9546585283607913932013-06-22T07:14:50.065-07:002013-06-22T07:14:50.065-07:00 ये परिणाम है अति दोहन का
धरती का या आसमान का
नदिय... ये परिणाम है अति दोहन का<br />धरती का या आसमान का<br />नदिया, जंगल, पर्वत, जन का<br />कुछ लोगों के लोभी मन का<br />प्रकृति जो बन रही है दानव<br />देख कैसे हो रहा तांडव ।<br />यही है सारभूत बात Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6500475970615720002.post-899348526538585342013-06-22T06:32:30.896-07:002013-06-22T06:32:30.896-07:00वृक्षारोपण, नदिया शोधन
संसाधन का समान वितरण
इसीसे ...वृक्षारोपण, नदिया शोधन<br />संसाधन का समान वितरण<br />इसीसे प्रसन्न होंगे देव<br /><br />और थम जायेगा तांडव ।<br /><br />अब हमे जागना ही होगा ....<br />सार्थक संदेश देती सुंदर रचना ....Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.com